अब भाजपा प्रदेश संगठन की नजर पार्टी के विभीषणों पर

भाजपा प्रदेश संगठन

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनाव में उम्मीद से अधिक सीटें  जीतकर फिर से सत्ता में वापसी कर चुकी है। इसके बाद भाजपा संगठन की नजर अब विभीषणों पर लग गई है। यही वजह है कि अब पार्टी ने ऐसे नेताओं की सूची जिलों से मांगी है। दरअसल चुनावी प्रचार के दौरान कई जगहों से प्रदेश संगठन को लगातार पार्टी के ही कई नेताओं द्वारा भीतरघात करने की शिकायतें मिलती रही हैं। यही वजह है कि अब पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा सीट पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की भूमिका की समीक्षा करना तय किया है। जिन नेताओं के खिलाफ सेबोटेज की शिकायतें मिली थीं, उनके खिलाफ कार्यवाही की तैयारी की जा रही है। यही नहीं ऐसे नेताओं को अब लोकसभा चुनाव में काम भी नहीं दिया जाएगा। दरअसल पार्टी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर संदेश देना चाहती है, जिससे की लोकसभा चुनाव के दौरान इस तरह की स्थिति न बन सके। गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा ने अपने जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें उसने चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं की सूची बनाने के लिए इन नेताओं को निर्देश दिए थे। इसके साथ ही  इन नेताओं को इस बात की ताकीद भी दी गई थी कि वे जिनके नाम भेजें उसमें पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता का पूरा ख्याल रखें और व्यक्तिगत दुर्भावनावश किसी का नाम नहीं भेजा जाए। यही वजह है कि इसे क्रॉस चेक करने के उद्देश्य से मंडल और विधानसभा प्रभारियों से भी नाम मांगे गए थे। सूत्रों की मानें तो अधिकांश जिलों से संगठन के पास उन नेताओं के नाम आ गए हैं, जिन्होंने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम किया है। यहीं नहीं ऐसे नेताओं की भी सूची बनाई गई है जिन्होंने बड़े नेताओं की समझाइश के बाद भी अपना रवैया नहीं बदला। पार्टी अब अपने स्तर पर इनके बारे में जानकारी जुटा रही है। इन नामों को लेकर विधानसभा प्रत्याशी से भी चर्चा की जाएगी। उसके बाद कार्यवाही करने के बारे में कोई फैसला किया जाएगा। संगठन के एक नेता ने बताया कि लोकसभा चुनाव के कारण निष्कासन-निलंबन कम से कम किए जाएंगे। ऐसे कार्यकर्ताओं को लोकसभा में कोई जिम्मेवारी न दी जाए। इसके निर्देश जिला संगठन को दिए जाएंगे।
बन चुकी है विवाद की स्थिति
विधानसभा चुनाव के बाद संगठन के निर्देश पर जिलों में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इन बैठकों में उन नेताओं के आने से विवाद हो रहा है, जिन्होंने पार्टी द्वारा घोषित अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम किया था। बुरहानपुर में हुई बैठक में हाल ही में इसी तरह का विवाद सामने आ चुका है। पार्टी के जिला महामंत्री ने कुछ नेताओं के बैठक में आने पर खुलेआम आपत्ति लेते हुए कहा कि जो पार्टी के खिलाफ काम कर रहे थे, उन्हें यहां क्यों बुलाया है। इसके बाद जिलाध्यक्ष ने दो नेताओं को बैठक से बाहर जाने को कहा था।

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