- सरकार अब 1200 रुपए अधिक देगी राशि, मिलेंगे चार हजार
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। देर से ही सही अब प्रदेश के कक्षा छठीं और नवीं के सरकारी स्कूली छात्र, जो मुफ्त साइकिल का लाभ उठाने के पात्र हैं, वे अपनी पसंद की साइकिल खरीद सकेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने नए शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए मुफ्त साइकिल योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब प्रति साइकिल के लिए फंड 2800 रुपए से बढ़ाकर 4000 रुपए करने के अलावा पात्र छात्रों को अपनी साइकिल चुनने का भी अधिकार दे दिया है। अधिकारियों ने बताया कि अब छात्र-छात्राएं अपनी पसंद की साइकिल प्राप्त कर सकेंगे और 4 हजार रुपए से अधिक की शेष राशि का भुगतान माता-पिता कर सकते हैं।
इस योजना के माध्यम से ऐसे छात्र, जो कक्षा छठीं और 9वीं में नवीन प्रवेश लेते हैं, यदि उन्हें अपने घर से स्कूल दो किलोमीटर से ज्यादा दूर जाना पड़ता है या एक ग्राम पंचायत से दूसरी ग्राम पंचायत जाना पड़ता है तो उन छात्रों का चयन स्वत: ही पोर्टल द्वारा हो जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों के लिए अपने घर से स्कूल तक जाने के लिए आना-जाना आसान बनाना है। दरअसल ऐसी शिकायतें लगातार मिलती रही हैं कि छात्रों ने विभाग द्वारा वितरित की गई साइकिल का उपयोग नहीं किया, क्योंकि यह उनकी पसंद की नहीं थी। इस वजह से अब राशि छात्रों को देने की जगह खरीदी के समय सीधे पंजीकृत विक्रेताओं को हस्तांतरित किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि साइकिल खरीदी जा रही है। विभाग ने विक्रेताओं के लिए टेंडर जारी किए गए थे, जिसके माध्यम से इंदौर जिले से नौ और भोपाल में 6 विक्रेताओं को पंजीकृत किया गया है, जिनसे पात्र छात्रों को साइकिल खरीदनी होगी। इस योजना के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा निम्न मध्यमवर्गीय तथा गरीब बालक बालिकाओं को विद्यालय आवागमन हेतु साइकिल का निशुल्क वितरण किया जाता है।
जिसके द्वारा बच्चे आसानी से अपने गंतव्य स्कूलों तक पहुंच जाते हैं,लेकिन इस बार हालात कुछ विपरीत बने हुए हैं। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगभग छह लाख विद्यार्थी अब ऐसे हैं, जो स्कूल खुलने पर भी साइकिल से स्कूल नहीं जा सकेंगे। इसकी वजह है उन्हें अब तक साइकिलों का वितरण ही नहीं किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के एक अफसर का कहना है की बीते माह टेंडर हो चुके हैं। दो महीने इनका वितरण शुरू होगा। 3000 की साइकिल पड़ी थी इस बार रेट बढ़ने की संभावना है. वहीं सूत्रों का कहना है इस काम को पूरा होने में कम से कम 2 से 3 महीने लगेंगे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों को साइकिल अगले माह ही मिलना संभव हो सकता है।
बीते माह हुआ टेंडर
मिली जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा साइकिल वितरण के लिए जो टेंडर किया जाता था वह भी बीते माह ही हुआ है। इसलिए संपूर्ण प्रक्रिया का पालन करने में ही एक माह का समय और लगना संभावित है। इसके बाद साइकिले आएंगी और कब उसका वितरण होगा, यह सवाल लोगों के जहन में तैर रहा है। इससे खासतौर से बच्चों को विशेष परेशानी होने वाली है जो बारिश में कुछ किलोमीटर का सफर तय कर अपने स्कूल पहुंचते हैं। अधिकारियों का कहना है की इस बार बजट गड़बड़ा जाने के कारण टेंडर में थोड़ी देरी हुई है। सामान्य तौर पर बालिकाओं को जो साइकिल दी जाती है वह लगभग 3500 के आसपास आती है, लेकिन महंगाई के चलते इस बार साइकिल की कीमत 4000 से अधिक हो गई इसलिए 200 करोड़ के बजट में ही हमें काम करना है। रेट बढ़ने की वजह से बजट थोड़ा सा गड़बड़ हो गया। अब टेंडर हो चुका है सभी लीगल कार्य जल्दी समाप्त कर शीघ्रता से साइकिलों के वितरण का प्रयास किया जाएगा।
पासवर्ड का करना होगा उपयोग
पात्र छात्रों को एक पासवर्ड मिलेगा, जो विक्रेता को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जैसे ही वेंडर पासवर्ड एक्सेस करेगा, वेंडर के खाते में 4000 रुपए की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। नए शैक्षणिक सत्र के लिए आवंटन की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और अधिकांश छात्रों को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर पात्रता के संबंध में संदेश मिलना शुरू हो गए हैं। वे छात्र वेंडरों से सीधे साइकिल खरीद सकते हैं।