अब प्रदेश में छात्र हर सप्ताह चलाएंगे दो घंटे सफाई अभियान

  • उच्च शिक्षा के छात्र बनाएंगे 100 लोगों की चेन

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कल से शुरु होने वालो सफाई पखवाड़े में महाविद्यालयों में में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं द्वारा सौ घंटे तक न केवल खुद साफ सफाई की जाएगी , बल्कि वे इसके लिए एक चैन भी बनाएंगे, जिसमें सौ लोगों को जोड़ा जाएगा। इसकी योजना प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने तैयार  की है। इसके तहत छात्रों को सौ घंटे की सफाई करने की शपथ दिलाई जाएगी। फिर अपनी तरह सौ और लोगों को शपथ दिलाएगा। और इन्हें भी प्रेरित करेंगे कि वे भी अन्य 100 लोगों को 100 घंटे यानी हर सप्ताह दो घंटे साफ-सफाई को देने के लिए प्रेरित करें।  दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग 14 सितंबर से प्रदेश भर में स्वच्छता पखवाड़ा मनाने जा रहा है, जो 2 अक्टूबर तक चलेगा। विभाग ने इस बार प्रत्येक छात्र को इससे जोड़ने पर जोर दिया है।
इसमें छात्रों को अपने घर, कॉलेज कैंपस के साथ ही स्थानीय सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई में शामिल करने की योजना तैयार की है। पखवाड़े के तहत 17 सितंबर को पूरे प्रदेश के महाविद्यालयीन छा और छात्राएं शपथ लेंगे कि वे पूरे साल में 100 घंटे साफ-सफाई के लिए मेहनत करेंगे। फिर सौ घंटे साफ-सफाई के लिए सौ लोगों को और शपथ दिलाएंगे। इस पखवाड़े को उच्च शिक्षा विभाग ने थ्यौरी से ज्यादा प्रेक्टिकली मनाने पर जोर दिया है। इसके लिए 15 दिन के अलग- अलग कार्यक्रम तय किए गए हैं। पहले दिन स्टूडेंट्स को साफ-सफाई का महत्व समझाते हुए इसमें भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाएगा। 17 सितंबर, को विशेष स्वच्छता दिवस मनाते हुए इसी विषय पर कार्यशाला, विमर्श, संगोष्ठी, व्याख्यान, पेटिंग्स, क्विज, काव्यपाठ की प्रतियोगिताएं होंगी। इसी कार्यक्रम में स्टूडेंट्स को स्वच्छता की शपथ दिलाई जाएगी। फिर 18 से 1 अक्टूबर तक कॉलेज कैंपस, बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन, चौक-चौराहों, बाजार आदि सार्वजनिक स्थलों पर स्टूडेंट्स की टोली साफ-सफाई करेगी। नदी, तालाब, सरोवर आदि की सफाई कर स्वच्छता का संदेश देने छात्रों की टोलियां पहुंचेंगी। दो अक्टूबर को कार्यक्रम आयोजित कर प्रमाण पत्र, पुरस्कार दिए जाएंगे।
यह दिलाई जाएगी शपथ
जो शपथ छात्रों को दिलाई जाना है, उसका आधार महात्मा गांधी का संकल्प रखा गया है। इसमें छात्र शपथ लेंगे कि महात्मा गांधी ने जिस आजाद भारत का सपना देखा था उसमें केवल राजनैतिक आजादी नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ व विकसित देश की कल्पना भी थी। महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोडक़र मां भारती को आजाद कराया। स्वच्छता के लिए सजग रहूंगा, समय दूंगा। हर वर्ष 100 घंटे यानि सप्ताह में 2 दो घंटे सफाई को दूंगा। दूसरे सौ लोगों को भी सौ घंटे श्रमदान की शपथ दिलाऊंगा। न गंदगी करूंगा न करने दूंगा। गांव-गांव, गली- गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करूंगा। मुझे मालूम है कि स्वच्छता की ओर बढ़ाया गया मेरा ये कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।

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