अब मप्र में भी होगा राजस्थानी पर्यटन का अहसास

राजस्थानी पर्यटन
  • कर सकेंगे ऊंट सफारी, देशी भोजन के साथ ही रुक सकेंगे तंबू में

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अगर आप राजस्थान नहीं जा सकते हैं तो कोई बात नहीं, बल्कि अपने ही प्रदेश में राजस्थानी पर्यटन का आनंद उठा सकेंगे। इसके लिए प्रदेश में ठीक राजस्थान की तर्ज पर न केवल ऊंट सफारी शुरु की जा रही है, बल्कि टेंट में रुकने और स्थानीय ठेठ देशी भोजन की भी सुविधा देने की योजना है।  इसके लिए प्रदेश की प्रसिद्ध चंबल घाटी का चयन किया गया है। कभी डाकुओं के नाम से पहचानी जाने वाली इस घाटी में प्रदेश सरकार पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने की तैयारी में है। सरकारी की मंशा को देखते हुए इको टूरिज्म डवलपमेंट बोर्ड भोपाल द्वारा चंबल अभयारण्य के तहत आने वाले तीन स्थानों का चयन किया गया है। इन स्थानों पर ही एडवेंचर्स ऊंट सफारी शुरू करने की तैयारी है। यहां पर पर्यटक ऊंट की सवारी का आनंद उठा सकेंगे। चंबल किनारे तंबुओं में नाइट स्टे करने के साथ यहां देसी व्यंजनों का लुत्फ भी पर्यटक उठा सकेंगे। इस प्रोजेक्ट में ग्वालियर के तिघरा जलाशय के बोट क्लब का भी चयन किया गया है। माना जा रहा है कि अगले माह तक पूरी तैयारी कर इसे पर्यटन के लिए खोल दिया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य के भिंड जिले में अटेर घाट और मुरैना के बाबू सिंह का घेराव राजघाट का चयन किया गया है। राजघाट पर पहले से ही बोट क्लब का संचालन किया जा रहा है। इन तीनों ही जगहों पर पर्यटक ऊंटों की सवारी के साथ बोटिंग की भी सुविधा रहेगी। अटेर और बाबू सिंह का घेर पर अलग से बोट का संचालन शुरू होगा। इसके लिए बोर्ड दो महीने पहले प्रदेश स्तरीय बोट संचालन ट्रेनिंग चंबल अभयारण्य में आयोजित करवा चुका है।
ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा मिलेगी
इको टूरिज्म बोर्ड की वेबसाइट पर पर्यटक अपनी पसंद की एडवेंचर साइट चुनकर , वहां पर रुकने या घूमने के लिए टिकट बुक कर सकेंगे। इसके लिए बोर्ड बुकिंग की सुविधा अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध करवाएगा। बोर्ड की प्लानिंग है कि इस प्रोजेक्ट से स्थानीय लोगों को रोजगार मिले।

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