अब सदस्यता अभियान के बाद ही… होंगी राजनीतिक नियुक्तियां

  • जैसी परफॉर्मेंस…नेताजी को मिलेगी वैसी कुर्सी
  • गौरव चौहान
राजनीतिक नियुक्तियां

प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से ही निगम-मंडलों-प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्ति की राह देख रहे भाजपा नेताओं को कुर्सी के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। संगठन और खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसके संकेत दे दिए हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री ने तो स्पष्ट कर दिया है कि सदस्यता अभियान में जिस नेता की जैसी परफॉर्मेंस रहेगी, उसे वैसी कुर्सी दी जाएगी। राजनीतिक नियुक्ति लिए भाजपा नेताओं को अभी कम से कम तीन माह इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि पार्टी ने सदस्यता अभियान का जो कार्यक्रम जारी किया है, उसके अनुसार 31 अगस्त तक सदस्यता अभियान संबंधी जिला-मंडलों में कार्यशालाएं और बैठकों का सिलसिला चलेगा। 1 से 25 सितंबर तक पार्टी की मेंबरशिप के पहले चरण और 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक दूसरे चरण की प्रक्रिया होगी। 16 से 31 अक्टूबर तक सक्रिय सदस्यता अभियान के लिए समय तय किया है। 1 से 10 नवंबर का समय पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं को प्राथमिक एवं सक्रिय सदस्यता रजिस्टर तैयार करने को दिया गया है। यानी अब नवंबर के बाद ही राजनीति नियुक्तियां संभव है।
मप्र भाजपा ने अपने सदस्यता अभियान की शुरुआत कर दी है। इस अभियान के तहत पार्टी का लक्ष्य 1.5 करोड़ नए सदस्य बनाने का है। इस बार, अभियान की सफलता से न केवल संगठन को मजबूती मिलेगी, बल्कि इससे जिलों के नेताओं का कद भी तय होगा। जो नेता ज्यादा लोगों को पार्टी से जोडऩे में सफल होंगे, उन्हें संगठन में बड़ा पद मिल सकता है। वहीं, निष्क्रिय नेताओं की सूची भी तैयार की जाएगी। बता दें, भाजपा हर छह साल में नए सिरे से सदस्य बनाती है। पिछली बार भाजपा के 95 लाख सदस्य थे। इस बार 55 लाख अधिक सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि हर नेता को अपने क्षेत्र में संगठन को मजबूती से खड़ा करना होगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पार्टी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में हार का सामना कर चुकी है। संगठन को कमजोर बूथों पर खास ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए हर सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों को जुटना होगा। एक-एक शक्ति केंद्र पर ध्यान देना होगा। नए प्रयोग करना होंगे। कौन सा वर्ग हमसे छुटा हुआ है उस पर ध्यान दे। विधानसभा लोकसभा में किस वर्ग का वोट हमें नहीं मिला इस पर फोकस करें।
दावेदारों की बढ़ी बेचैनी
 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सहित दूसरे दलों के अनेक दिग्गज नेताओं ने बड़ी उम्मीदों के साथ भाजपा का दामन थामा है। निगम-मंडलों के अलावा ऐल्डरमैन और विभिन्न समितियों में बड़ी संख्या में ताजपोशी की तैयारी है। उधर, प्रदेश के मंत्रियों को पिछले सप्ताह ही लंबे पार्टी इंतजार के बाद प्रभार के जिलों की कमान सौंपी गई है। अब सरकार के विभिन्न उपक्रमों में सियासी नियुक्तियों के लिए बड़ी संख्या में दावेदार लॉबिंग में जुटे हैं। मोहन सरकार ने फरवरी में एक आदेश निकालकर एक साथ निगम- मंडलों के 45 अध्यक्ष-उपाध्यक्षों (दर्जा मंत्रियों) को हटा दिया था। इन सभी की नियुक्तियां शिवराज सरकार ने की थीं, कुछ लोगों के कार्यकाल को कुछ महीने ही हुए थे। ज्यादातर फिर अपनी बारी के इंतजार में पूरी ताकत से जुटे हैं। राजनीतिक नियुक्ति के लिए जीतू जिराती, सीमा सिंह, कांतदेव सिंह, शरदेन्दु तिवारी, शैलेंद्र शर्मा, रजनीश अग्रवाल, यशपाल सिंह सिसोदिया, सुनील पांडे, कृष्णमोहन सोनी, राहुल कोठारी, अमिता चपरा, जितेंद्र लिटौरिया, आशुतोष तिवारी, विजय दुबे, संजय नगाइच, शैलेंद्र बरुआ, दिलीप शेखावत, धीरज पटैरिया, जसवंत सिंह हाड़ा, हरिवल्लभ शुक्ला एवं पुष्कर सिंह  लॉबिंग में जुटे हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान ने इन सभी दावेदारों को डेढ़ करोड़ की सदस्यता के टारगेट को पूरा करने का नया टास्क भी दे दिया है। इसके साथ ही संभावित दावेदारों की सूची भी तैयार की जा रही है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान दूसरे दलों के जो नेता भाजपा में आए हैं वे सभी अपने आश्वासनों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं। निगम-मंडल और बोर्ड- प्राधिकरणों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियों में संगठन की अनुशंसा भी प्रमुख रहती है।
मोहन का परफार्मेंस पर पोस्ट फार्मूला
 देश भर में शुरू हुए भाजपा के सदस्यता अभियान में पार्टी ने मप्र में डेढ़ करोड़ नए सदस्य बनाने का टारगेट रखा है। टारगेट को पूरा कैसे किया जाएगा। इस पर भोपाल में हुई पार्टी की पहली बड़ी कार्यशाला में सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा है कि अब सरकार के ऐसे कई काम आने वाले हैं। आप सदस्यता करके दिखा दें। बाद में यही पूछा जाएगा कि पद मांगने आ गए, उस समय कहां थे जब सदस्यता अभियान चल रहा था। सीएम ने कहा कि चुने हुए लोगों की भी परीक्षा हो जाएगी कि जब पद मिले तब क्या किया। डॉ. मोहन यादव का कहना है कि प्रदेश में साढ़े 8 से 9 करोड़ की आबादी में 68 लाख मतदाता पिछली बार बनाए गए थे। इस बार करीब साढ़े 4 करोड़ मतदाता हैं। जिसमें से डेढ़ करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। सीएम का कहना है कि रोगी कल्याण समिति एल्डरमेन समिति, जनकल्याण समिति जैसी कई समितियां बनने जा रही हैं। सरकार के ऐसे कई बड़े काम आने वाले हैं। अब आपके पास मौका है, आप सदस्यता करके दिखा दें। सीएम ने कहा कि बाद में यही पूछा जाएगा कि पद मांगने आ गये, उस समय कहां थे, जब सदस्यता अभियान चल रहा था। इसीलिए चलो साथ, आप आगे-आगे चलो हम पीछे-पीछे चलेंगे। चुने हुए लोगों की भी परीक्षा हो जाएगी कि जब पद मिले, तब क्या किया। इस बीच मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव इस बारे में कह चुके हैं कि सदस्यता अभियान में कमाल दिखाने वालों को उपकृत किया जाएगा। भाजपा हाईकमान ने संगठन चुनाव के लिए 10 नवंबर तक का कार्यक्रम जारी कर दिया है। इससे संभावना बढ़ गई है कि इसके बाद ही नेताओं को दर्जा मंत्री की कुर्सी मिल पाएगी।

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