अब विधायक मावई दे सकते हैं कांग्रेस को बड़ा झटका

विधायक मावई
  • दो दिन से नहीं हो पा रहा किसी का उनसे संपर्क, फोन भी किया बंद

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। भले ही डेढ़ दशक बाद बीते विधानसभा चुनाव के बाद मप्र में कांग्रेस सत्ता में वापसी करने में सफल रही थी , लेकिन उसके 15 माह बाद ही उसे सरकार से बाहर होना पड़ा। इसकी वजह थी पार्टी के विधायकों की बगावत। यह बगावत अब भी रुकने का नाम नहीं ले रही है। हालात यह है कि दो चार माह में किसी न किसी कांग्रेस विधायक के भाजपा में शामिल होने की खबर आ ही जाती है। अब इसमें एक नया नाम मुरैना से कांग्रेस विधायक राकेश मावई का जुड़ने  के कयास शुरू हो गए हैं। कहा जा रहा है की वे जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं। इसकी वजह है उनसे कांग्रेस नेताओं का दो दिन से किसी भी तरह का संपर्क नहीं हो पाना। उनका मोबाइल भी लगातार बंद आ रहा है। सूत्रों का कहना है कि राकेश मावई अपने समर्थकों के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। मावई के भाजपा में जाने की संभावना बीते दो माह से बनी हुई है, इसकी वजह है विधायक मावई के बेहद खासमखास तथा रिश्ते में उनके साले माने वाले जितेन्द्र घुरैया ने कांग्रेस को अलविदा कहते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था। है। जितेन्द्र घुरैया विधायक मावई के कार्यालयीन सचिव भी थे। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के पैर छूकर व उनके हाथ से भाजपा का प्रतीक चिन्ह पहनकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। मावई के लापता होने की जानकारी तब सामने आयी जब मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह द्वारा हेलीकाप्टर से मुरैना व श्योपुर जिले के बाद प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया। नेता प्रतिपक्ष के साथ विधायक रविंद्र सिंह तोमर व बाबू सिंह जंडेल तथा पूर्व विधायक रामनिवास रावत का जाना तो  पहले से ही तय था , लेकिन वे मावई को भी साथ रखना चाह रहे थे। इसके लिए राकेश मावई की जमकर तलाश की गई, लेकिन घर में नहीं मिले और उनका मोबाइल भी बंद आ रहा है। इस बीच खबर आयी है की वे दिल्ली में हैं और  उनकी वहां पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य से मुलाकात हुई है और अभी भी उन्हीं के संपर्क में हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले राकेश मावई ने मुरैना कांग्रेस जिलाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था । हाल में हुई कांग्रेस की बैठक में जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा था कि चुनाव में विरोध करने वाले नेताओं के हाथ पैर जोड़ें, उन्हें मनाएं। इसके जवाब में राकेश मावई ने कहा था कि पहले भितरघात करने वाले नेताओं पर सख्त एक्शन लेने की बात कही गई थी, अब उन्हें मनाने को कहा जा रहा है। यह सब ठीक नहीं है।
राष्ट्रपति चुनाव से बन रहे हैं आसार  
दरअसल राष्ट्रपति चुनाव में मध्य प्रदेश में जमकर क्रॉस वोटिंग देखने को मिल चुकी है। प्रदेश के 19 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। इसके बाद भाजपा के एक विधायक ने दावा भी किया था की मध्य प्रदेश में अब तक कई विधायक कांग्रेस छोड़ चुके हैं, जबकि 2023 लगते ही कांग्रेस को और झटके लगेंगे।  बीजेपी विधायक के इस बयान से प्रदेश की सियासत गर्मा गई थी।
यह दावा बीजेपी विधायक और पूर्व प्रोक्टेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने किया था। उनका तो यहां तक कहना था कि कांग्रेस में अब कोई रहना नहीं चाहता है और न ही कोई अब कांग्रेस को मत देना चाहता है, उनका कहना था कि उनके लोग भले ही कांग्रेस में बैठते हैं, कांग्रेस की सुनते हैं पर दिल में राष्ट्रवाद बैठ गया है। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के बहुत से विधायक पार्टी छोड़ना चाहते हैं लेकिन वह उपचुनाव नहीं चाहते हैं इसलिए अभी तक अटके हैं।
हाल में तीन विधायक भी हो चुके शामिल
 कुछ माह पहले ही भाजपा के कुनबे में तीन नए विधायक जुड़ चुके हैं। इन विधायकों में बसपा के संजीव सिंह कुशवाहा, समाजवादी पार्टी के राजेश शुक्ला और निर्दलीय विधायक राणा विक्रम सिंह भाजपा में शामिल हो चुके हैं , जबकि खंडवा लोकसभा चुनाव के समय भी बड़वाह से कांग्रेस विधायक  विधायक सचिन बिरला भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

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