- ग्वालियर-जबलपुर जिले में भी खोला जाएगा ईडी का ऑफिस
- विनोद उपाध्याय
अब पूरा मप्र प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के रडार पर रहेगा। इसके लिए मप्र में प्रवर्तन निदेशालय का नेटवर्क और बढ़ेगा। प्रदेश के ग्वालियर और जबलपुर जिले में भी अब ईडी का ऑफिस खोला जाएगा। इसे लेकर ईडी ने तैयारियां शुरू कर दी है। दरअसल, प्रदेश में वित्तीय अपराध, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय सक्रिय है। प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में बैंक फ्रॉड, वित्तीय अपराध, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा अधिनियम के उल्लंघन जैसे मामले बढ़ रहे है। इसे देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने निचले स्तर तक अपना सशक्त नेटवर्क बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है। राजधानी भोपाल के ईडी का जोनल ऑफिस खुला है। भोपाल ऑफिस में जल्द ही ज्वाइंट डायरेक्टर की नियुक्ति की जाएगी।
जानकारी के अनुसार मप्र में अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए ईडी ने नई भर्तियां भी शुरू कर दी है। राजधानी भोपाल, इंदौर सहित देश के तीन दर्जन बड़े शहरों के लिए डिप्टी व असिस्टेंट डायरेक्टर जैसे पदों पर बड़ी संख्या में भर्ती के लिए डेपुटेशन पर आवेदन बुलाए गए हैं। ईडी मुख्यालय ने दो महीने पहले सर्कलर जारी कर भर्ती का अभियान शुरू किया है। ये अधिकारी भोपाल, इंदौर में पदस्थ किए जाएंगे। गौरतलब है के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर मध्य प्रदेश के भ्रष्टों पर पड़ गई है। ईडी अफसरों की चल एवं अचल संपत्ति के साथ नौकरी में आने से लेकर अब तक के वेतन का भी हिसाब कर रहा है।
सशक्त नेटवर्क बढ़ाने की कवायद
दरअसल, मप्र सहित देशभर में बढ़ रहे आर्थिक अपराधों पर नकेल कसने के लिए ईडी ने अपने आप को सशक्त बनाने की कवायद शुरू कर दी है। मप्र सहित देश के कई राज्यों में बढ़ रहे बैंक फ्रॉड, हवाला जैसे वित्तीय अपराध, मनी लांड्रिंग और विदेशी मुद्रा अधिनियम के उल्लंघन जैसे मामलों को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निचले स्तर तक अपना सशक्त नेटवर्क बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है। भोपाल, इंदौर और रायपुर सहित देश के तीन दर्जन बड़े शहरों के लिए डिप्टी एवं असिस्टेंट डायरेक्टर जैसे पदों पर बड़ी संख्या में भर्ती के लिए डेपुटेशन पर आवेदन बुलाए गए हैं। भोपाल में जोनल ऑफिस खुलने के बाद अब जबलपुर और उसके बाद ग्वालियर में भी ईडी कार्यालय खोलने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है। भोपाल जोनल ऑफिस में ज्वाइंट डायरेक्टर की नियुक्ति का इंतजार हो रहा है, अभी अहमदाबाद जेडी के पास भोपाल का अतिरिक्त प्रभार चल रहा है। भोपाल में जोनल ऑफिस खुलने के बाद से यहां इंदौर के ज्यादातर मामलों की जांच ट्रांसफर हो गई है। अब जबलपुर में भी नया ऑफिस खोलने की कार्रवाई चल पड़ी है। महाकोशल में नया कार्यालय खोलने के पीछे तर्क है कि जबलपुर, शहडोल और रीवा संभाग से संबंधित मामलों की छानबीन वहीं पर होने लगेगी। पड़ताल और पूछताछ के लिए भोपाल तक नहीं आना पड़ेगा। इससे मामलों के निपटारे में भी तेजी आएगी। ईडी की छानबीन के चलते जबलपुर डायोसिस के बिशप पीसी सिंह का मामला सुर्खियों में रह चुका है।
जबलपुर में कार्यालय खोलने की तैयारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इंदौर और भोपाल के बाद जबलपुर में भी आंचलिक कार्यालय खोलने की तैयारी कर रहा है। इसका लाभ यह होगा कि जबलपुर, शहडोल और रीवा संभाग से संबंधित मामले वहीं पर निपटाए जा सकेंगे। आरोपितों को भी पूछताछ के लिए भोपाल लाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। शिकायत करने वालों के लिए भी सुविधा हो जाएगी। यहां पर उपसंचालक या सहायक संचालक स्तर के अधिकारी और अन्य स्टाफ रहेगा। ईडी सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में निदेशालय ने भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा है। दरअसल, मध्य प्रदेश में मनी लांड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के अंतर्गत शिकायतें बढ़ी हैं। इन शिकायतों की जांच के लिए प्रदेश में ईडी का पर्याप्त अमला नहीं है। इस कारण शिकायतों की जांच और न्यायालय में चालान पेश करने में देरी होती है। इससे आरोपितों को लाभ मिल जाता है। धार्मिक गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए भी इस क्षेत्र में विदेश से अवैध तरीके से धन मिलने की भी शिकायतें आ चुकी हैं। जबलपुर डायोसिस के बिशप पीसी सिंह के मामले में भी आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा प्रकरण दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने जांच शुरू की थी। इसके अलावा आतंकी फंडिंग के मामले भी विदेशी धन के उपयोग की आशंका है। एनआइए और मप्र आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) इस पहलू से जांच कर रहे हैं। गड़बड़ी मिलने पर मामला ईडी को सौंपा जा सकता है।
ज्यादातर कार्यालयों में दूसरे विभाग के अधिकारी
वर्तमान में ईडी में दूसरे सरकारी कार्यालयों के अधिकारी काम संभाले हुए हैं। इसको देखते हुए ईडी मुख्यालय ने दो महीने पहले सर्कुलर जारी कर डेपुटेशन पर बड़ी संख्या में डिप्टी / असिस्टेंट डायरेक्टर की भर्ती का अभियान शुरू किया है। ये अधिकारी भोपाल, इंदौर के अलावा रायपुर में पदस्थ किए जाएंगे। ईडी के ज्यादातर कार्यालयों में मैदानी स्टाफ के बतौर आयकर, उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और पुलिस विभाग के अधिकारी तैनात हैं। भर्ती सीधे और अन्य जांच एजेंसियों से की जाती है। वरिष्ठ स्तर पर आईआरएस, आईपीएस और आईएएस अधिकारी भी लिए जाते हैं। हाल ही में इंदौर, जबलपुर, सतना और धार में मनी लांड्रिंग व अन्य मामलों के कारण ईडी की सक्रियता सुर्खियों में रह चुकी है। वित्तीय अपराधों के मामले में जांच अधिकारियों ने कई ठिकानों पर सर्च कर बड़ी संख्या में दस्तावेज आदि जब्त किए हैं। यह जांच एजेंसी खासतौर पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम, विदेशी मुद्रा कानून उल्लंघन और धन शोधन निवारण अधिनियम के मामले अपनी पड़ताल में लेती है।