अब बीआईएस मापदंडों के हिसाब से ही बिकेंगे सामान

 बीआईएस मापदंडों

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। वर्तमान समय में बाजार अमानक सामानों से पटे हुए हैं। इसकी लगातार शिकायतें भी हो रही हैं। कई घटिया सामानों का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ा है। ऐसे में सरकार ने हर समान की क्वालिटी तय करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। जिसके तहत अब  बीआईएस मापदंडों के हिसाब से ही सामान बिकेंगे। यानी घटिया जूते-चप्पल, सैनेटरी नैपकिन, डायपर और चादर, तकिया- कवर बेचने वालों पर कार्रवाई होगी। तय क्वालिटी के अनुसार सामान न हुआ तो कंपनी दो लाख तक का जुर्माना और एक साल की सजा हो सकती है।
वाणिज्य मंत्रालय के डीपीआइआइटी विभाग ने 3 जून 2022 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि चमड़े, रबर पॉलीमर एवं अन्य मटेरियल से बने फुटवियर को 1 जुलाई 2023 से अनिवार्य रूप से बीआईएस से लाइसेंस लेकर उपयुक्त मानकों के अनुरूप ही बनाया और बेचा जाएगा। सरकार एक जुलाई तक कम से कम 643 समान की क्वालिटी तय कर देगी। इसके बाद बीआईएस मापदंडों के हिसाब से ही सामान बिकेंगे। अभी बाजार में सैकड़ों तरह के सामान ऐसे बिकते हैं, जिनका कोई भी गुणवत्ता मानक नहीं है। इनमें से ज्यादातर माल चीन से आयात होता है। नेहा तिवारी कहती है कि बाजार में खराब क्वालिटी के सामान पर पूरी तरह से, रोक लगा देनी चाहिए। लेकिन उपभोक्ताओं के अधिकारों भी जागरूक करना चाहिए। कई चीजें हमें पता ही नहीं होती है।
एक जुलाई से नहीं बिक सकेंगे घटिया जूते- चप्पल
नए नियमों में टेस्टिंग लेबोरेटरी, बीआईएस लाइसेंस और आईएसआई मार्क जारी करने के नियमों का पालन करना शामिल है। नए नियमों पर थिंक टैंक जीटीआरआई ने कहा कि इन परिवर्तनों में समय और निवेश की आवश्यकता होती है और अधिकांश निर्माता समय सीमा को पूरा करने में असमर्थ हो सकते हैं। इसके अलावा सरकार इस साल 643 आइटम के गुणवत्ता मानक जारी कर देगी। इन आइटम के आयात पर भी गुणवत्ता मानकों का पालन करना जरूरी होगा। विदेशी कंपनियों को भी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से सर्टिफिकेट लेना होगा।

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