भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार किसानों की आय में वृद्धि करने और कोयले से बनने वाली बिजली की निर्भरता को कम करने सोलर एनर्जी पर पूरा फोकस कर रही है। इससे जहां बिजली उत्पादन की लागत में कमी आएगी , तो वहीं प्रदूषण की बड़ी समस्या से निपटने में भी बड़ी मदद मिलेगी। इसके अलावा जो एक और अहम बात है वह है किसानों की आय में इससे वृद्धि होगी। दरअसल अभी प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं, जिनके पास जमीन है , लेकिन वह पूरी तरह से बंजर है, जिससे उस पर फसल लेना संभव नहीं होने से वह गैर उपयोगी पड़ी रहती है। यही वजह है सरकार ने तय किया है कि अब किसानों की ऐसी जमीन जो बंजर वा पथरीली है, उस पर अब बड़े सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। किसानों की एसी जमीन पर लगने वाले सोलर प्लांटो से उत्पादित बिजली को सरकार खरीद कर उसे उपभोक्ताओं को प्रदान करेगी। अहम बात यह है कि इस बिजली को उत्पादित क्षेत्रों में ही सप्लाई किया जाएगा। इससे जैसे-जैसे बिजली का उत्पादन बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे कोयले से बनने वाली महंगी बिजली पर निर्भरता कम होती जाएगी। इससे लागत में कमी आने से बिजली भी सस्ती होगी और प्रदूषण से भी मुक्ति मिलनी शुरु हो जाएगी। प्रदेश में इस काम का जिम्मा सरकार ने ऊर्जा विकास निगम को सौंपा है। इसमें बिजली कंपनियां भी सहयोगी की भूमिका में रहेंगी। उन्हें सोलर प्लांट के लिए स्थान तय करने का जिम्मा दिया गया है। इसके लिए काम भी शुरु कर दिया गया है। इन सोलर प्लांट ने के लिए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने कार्यक्षेत्र वाले जिलों में 1456 स्थान तय कर लिए हैं। इन स्थानों पर सोलर प्लांट लगने से एक अनुमान के मुताबिक 3345 मेगावॉट सोलर बिजली का उत्पादन हो सकता है। इधर प्रदेशभर में बिजली की डिमांड 13 से 14 हजार मेगावॉट ही रहती है। अगर यह योजना सफल होती ,तो प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए सस्ती बिजली का रास्ता खुल जाएगा। दरअसल, कोयले से बनने वाली बिजली करीब 7 रुपए प्रति यूनिट की पड़ती है। सोलर से बनने वाली बिजली 3 से 4 रुपए प्रति यूनिट में ही उपलब्ध होने लगेगी किसानों के खेतों में सोलर प्लांट लगाकर उनसे बिजली खरीदने और उसे सप्लाई करने की यह योजना शुरू करने वाला मप्र देश का पहला राज्य होगा। ऐसे सोलर प्लांट किसी अन्य राज्य में नहीं है। इन सोलर प्लांट को लगाने के लिए किसानों को कर्ज भी उपलब्ध कराने की योजना है।किया जाएगा 25 साल का अनुबंधप्रदेशभर में 11 केवी और 33 केवी के फीडर के नजदीक इस तरह के सोलर प्लांट लगाए जाएंगे, जिससे इन सोलर प्लांट में बनने वाली बिजली को नजदीक के फीडर में लाया जाएगा। वहां से सोलर एनर्जी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को सप्लाई की जाएगी। इससे कोयले से बनने वाली बिजली की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसे सोलर प्लांट लगाए जाने के लिए किसानों से 25 साल का अनुबंध बिजली कंपनी करेंगी और बिजली खरीदेगी। सोलर प्लांट कम से कम 5 एकड़ जमीन पर लगेंगे। किसान सोलर प्लांट के लिए ऐसी जमीन जो बंजर या पथरीली है, उसका उपयोग कर सकते हैं। बिजली कंपनी का दावा है कि इससे किसानों को करोड़ों रुपए का मुनाफा हो सकता है।किस जिले में कितना होगा उत्पादनजिले संख्या एनर्जी मेगावॉटभोपाल 82 245.03रायसेन 40 143.60राजगढ़ 164 370.20हरदा 55 177.16नर्मदापुरम 33 130.90बैतूल 183 292सीहोर 135 220विदिशा 55 80ग्वालियर 33 53.80अशोकनगर 35 75.60श्योपुर 128 312.26शिवपुरी 126 256.80भिंड 101 212.40मुरैना 98 178.51गुना 115 397.84दतिया 73 197.90
04/06/2024
0
71
Less than a minute
You can share this post!