अब दो आदिवासी जिलों में की जाएगी बिजली सुधार की कवायद

बिजली सुधार

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में बिजली क्षेत्र में सुधार के काम को तेज करने के लिए अब विदिशा के बाद आदिवासी बाहुल्य सिवनी और झाबुआ जिले का चयन कर लिया गया है। यह सुधार केन्द्र की डीबीटी योजना के तहत किया जा रहा है। योजना के तहत जिले में किसानों को बिजली बिल के अनुदान की राशि सीधे किसानों के खाते में दी जाती है।
इन तीनों जिलों में इस योजना को लागू किए जाने से प्रदेश की तीनों ही बिजली वितरण कंपनियों के कार्य क्षेत्र का इसमें एक-एक जिला शामिल हो गया है। इसकी शुरूआत प्रदेश में दिसंबर माह से विदिशा जिले में लागू की गई थी। यह जिला मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र में आता है। दरअसल बीते साल केन्द्र सरकार द्वारा बिजली क्षेत्र में सुधारों के लिए नए मापदंड तय किए जा चुके हैं। नए मापदंड के हिसाब से ही प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में इसे लागू किया गया है।
किसानों के खाते में आए 32 करोड़
मप्र के विदिशा जिले में लागू की गई इस योजना में सबसे पहले विदिशा को शामिल कर लागू किया गया था। जिसके तहत किसानों के खाते में सीधे योजना के तहत 60,081 लाभार्थियों को 32 करोड़ 07 लाख रुपये डीबीटी के जरिए दिए गए हैं। इसकी वजह से प्रदेश को अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.15 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त वित्तीय पूंजी जुटाने की पात्रता मिल गई। इसके तहत राज्य को खुले बाजार से 1423 करोड़ रुपये कर्ज लेने की सुविधा मिल गई है।
यह है सरकार की योजना
पहले चरण में 3 जिलों में योजना के लागू होने के परिणामों के आधार पर इस योजना को पूरे राज्य में लागू करने की तैयारी की जा रही गई है। केन्द्र ने इस योजना के तहत 17 मई 2020 को राज्यों को जीएसडीपी के 2 फीसदी के बराबर उधारी लेने की पात्रता प्रदान कर दी थी। इसके अलावा राज्यों को अतिरिक्त रूप से जीएसडीपी के 0.25 फीसदी के बराबर राशि जुटाने की सुविधा प्रत्येक सेक्टर में किए सुधारों को लागू करने की वजह से मिलेगी। इससे राज्यों को अतिरिक्त राशि का इंतजाम करने में भी मदद मिलेगी।

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