
- मुख्यमंत्री होंगे अध्यक्ष और 20 सदस्यों का होगा मनोनयन
विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अब जिला योजना समितियों की जगह जिला विकास सलाहकार समितियां लेंगी। इनके ही जिम्मे जिले के विकास का रोडमैप तैयार करना होगा। दरअसल, डॉ. मोहन सरकार द्वारा यह कदम अब व्यवस्था के विकेंद्रीकरण के लिए उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हर जिले में जिला विकास सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा। समिति में जिले के प्रभारी मंत्री उपाध्यक्ष तथा समाज के विभिन्न अंगों व संस्थाओं के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। इनकी संख्या 10 से 20 होगी। यह समिति जिले की प्राथमिकता के आधार पर विकास योजना का रोडमैप तैयार करने का काम करेगी। ऐसे विकास काम जिन पर निर्णय जिला स्तर पर ही लिया जा सकता है, उन पर समिति ही अंतिम निर्णय कर लेगी। अब हर तीन महीने में समिति की बैठक होगी, जिसमें वहां चल रही योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। उधर बजट में पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की गई है। प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए बताया कि इस बार 1,610 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 133 करोड़ रुपये अधिक है। प्रदेश सरकार 14 धार्मिक और सांस्कृतिक स्मारकों के निर्माण पर 507 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। उज्जैन के महाकाल लोक की सफलता को देखते हुए ओंकारेश्वर महालोक के निर्माण की योजना बनाई गई है। इसके तहत आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान और एक संग्रहालय विकसित किया जाएगा, जिससे अद्वैत वेदान्त दर्शन के प्रसार को बल मिलेगा। प्रदेश सरकार ने श्रीकृष्ण पाथेय योजना के लिए 10 करोड़ रुपये तथा राम पथ गमन योजना के लिए 30 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है। इन योजनाओं के अंतर्गत भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम से जुड़े धार्मिक स्थलों का संरक्षण और विकास किया जाएगा।
साल 2024 के बजट में क्या था खास
मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2024 के बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं। इनमें प्रदेश की समृद्ध संस्कृति, धार्मिक पर्यटन, साहसिक पर्यटन और विमानन सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया गया था। वर्ष 2023 में रिकॉर्ड 11 करोड़ पर्यटकों के आवागमन के बाद सरकार ने पर्यटन अधोसंरचना को विकसित करने की योजना बनाई थी। पर्यटन को सुलभ बनाने के लिए पीएम श्री हेली एवं वायु पर्यटन सेवा शुरू की गई थी, जिससे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों तक हवाई यात्रा को आसान बनाया गया। साथ ही, रीजनल कनेक्टिविटी योजना के तहत किफायती विमान सेवा को बढ़ाने की बात भी बजट में शामिल थी।
खेल सुविधाओं पर भी फोकस
विवेकानंद युवा शक्ति योजना के अंतर्गत हर विधानसभा में स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से युवाओं के कौशल विकास और खेलों के विस्तार में मदद मिलेगी। सरकार द्वारा इस योजना के लिए लगभग 25 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। इसके अलावा सरकार ने परंपरागत खेलों को बढ़ावा देने हेतु परंपरागत खेल प्रोत्साहन योजना शुरू करने का भी ऐलान किया है। इस योजना से कुश्ती, तीरंदाजी, गदा, कबड्डी, खो-खो, गिल्ली-डंडा, शतरंज, पटक और कंचे जैसे खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य में इस समय 7 सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, 18 अंतरराष्ट्रीय हॉकी टर्फ के साथ 114 खेल स्टेडियम हैं और 5 नए सिंथेटिक ट्रैक, 56 नए खेल स्टेडियम और 9 नए अंतरराष्ट्रीय हॉकी टर्फ बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
हर नगरीय निकाय में गीता भवन का निर्माण
धार्मिक ग्रंथों, साहित्य और वैज्ञानिक अनुसंधानों के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में गीता भवन का निर्माण किया जाएगा। इसमें पुस्तकालय, ई-लाइब्रेरी, सभागार और साहित्य सामग्री बिक्री केंद्र जैसी सुविधाएं होंगी।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थ यात्रा योजना जारी
वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा का लाभ प्रदान करने के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अब तक 8 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इसके तहत दिव्यांग नागरिकों के लिए भी नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी।