धर्म रक्षा यात्राओं से शुरुआत करने की तैयारी
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र विधानसभा चुनाव में इस बार हिन्दुत्व बड़ा मुद्दा रहने वाला है। इसकी वजह है कि अब भाजपा की तरह कांग्रेस भी पूरी तरह से प्रदेश में हिन्दुत्व की पिच पर चुनावी बल्लेबाजी करने की रणनीति तैयार कर चुकी है। इसकी वजह से भाजपा को इस मामले में अभी से नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। दरअसल कांग्रेस ने यह रणनीति भाजपा को हिन्दुत्व मामले में जवाब देने के लिए बनाई है। दरअसल कांग्रेस अब तक प्रदेश में हिन्दुत्व व राष्ट्रवाद के मामले में ही फिसड्डी साबित होती थी, लेकिन अब हिन्दुत्व के मामले में प्रदेश में रोचक मुकाबला होना तय है। हाल ही में कांग्रेस ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में न केवल धर्म संसद का आयोजन किया था , बल्कि इस दौरान पूरे प्रदेश कार्यालय को भगवा रंग में रंग दिया था। इसके बाद अब कांग्रेस इसी माह के आंत में प्रदेशभर में धर्म रक्षा यात्राओं की शुरुआत भी करने वाली है। इसका लिए पूरा खाका खींच लिया गया है। दरअसल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जानते हैं कि यदि उसने भी भाजपा की तरह धर्म का साथ नहीं लिया तो एक बार फिर से वह इस खेल में पिछड़ सकती है। यही वजह है कि अभी से माना जाने लगा है कि विधानसभा चुनाव में मप्र का सियासी माहौल हिन्दुत्व के एजेंडे पर ही केन्द्रित रहने वाला है। यही वजह है कि 2 अप्रैल को भोपाल में कांग्रेस कार्यालय भगवामय दिखाई दिया। यह मौका पुजारियों, धर्माचार्यों की धर्म संसद का था। हालांकि यह कार्यक्रम प्रदेश कांग्रेस के मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें प्रदेशभर के मठ-मंदिरों के पुजारी, धर्माचार्य शामिल हुए। उन्होंने कमलनाथ सरकार के काम-काज को बेहतर बताते हुए शिवराज सरकार की नीतियों को मंदिरों, पुजारियों के खिलाफ बताया था। इस आयोजन के जरिए पुजारियों, धर्माचार्यों को कांग्रेस के मंदिर, पुजारी प्रकोष्ठ ने एक मंच पर लाने का काम किया है।
अब हार्ड हिन्दुत्व की ओर…
कांग्रेस अब सॉफ्ट हिन्दुत्व की जगह प्रदेश में हार्ड हिन्दुत्व की ओर कदम बढ़ा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अपने आपको हनुमान भक्त के रुप में पहले से ही स्थापित कर चुके हैं। उनके द्वारा पहले ही प्रदेश की सबसे बड़ी हनुमान जी की मूर्ति स्थापित कराई जा चुकी है। वे वहां पर हर साल बड़ा धार्मिक आयोजन भी करते हैं। यही नहीं कांग्रेस का कहना भी है कि भगवान राम किसी एक के नहीं हैं और न ही भाजपा का उन पर कापी राइट है। यही वजह है कि अब कांग्रेस के आयोजनों में भी भगवान श्रीराम के साथ सीता का नाम यानी जय सियाराम के नारे लगाए जाने लगे हैं। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी धार्मिक आयोजनों में भी अब बढ़ चढक़र हिस्सा ले रही है। यात्राओं के लिए अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की हरी झंडी का इंतजार किया जा रहा है।
युवा इकाई संभालेगी मोर्चा
मप्र कांग्रेस मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ की युवा इकाई इन यात्राओं की जिम्मेदारी उठा रही है। यात्राएं जिला स्तर से शुरू होकर ब्लॉक स्तर तक होंगी। यात्रा के दौरान भगवा ध्वज पताका भी साथ होगी। प्रदेश कांग्रेस मंदिर पुजारी युवा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर भारती का कहना है कि सभी प्रकोष्ठों के प्रभारी जेपी धनोपिया की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। कमलनाथ द्वारा कांग्रेस की कमान सम्हालने के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में न केवल हिन्दु त्यौहारों पर मूर्ति स्थापना की जाने लगी है, बल्कि मैदानी स्तर पर हनुमान चालीसा का आयोजन करने के लिए पहली बार पीसीसी से निर्देश दिए गए थे। इसके अलावा इन दिनों कांग्रेस नेता भी भाजपाईयों की ही तरह अपने-अपने क्षेत्रों में भागवत से लेकर राम कथा और शिव पुराण कराने में पीछे नहीं रह रहें हैं।