भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस टिकटों के वितरण में भाजपा से पिछड़ती नजर आ रही है। हालांकि टिकट चयन को लेकर कांग्रेस में भोपाल से लेकर दिल्ली तक कसरत के साथ सभी तरह की बैठकों की खानापूर्ति हो चुकी है, लेकिन मप्र कांग्रेस में उपजे ताजा राजनीतिक संकट के चलते टिकटों की घोषणा का मामला आगे खिसक गया है। अब पार्टी लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद ही टिकटों का ऐलान करेगी। खास बात यह है कि मप्र में अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से पहले कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा हो पाना संभव नहीं है। मप्र कांग्रेस में लोकसभा चुनाव को लेकर जनवरी में कई स्तर पर बैठकें हो चुकी है। जिसमें प्रदेश चुनाव समिति से लेकर अन्य बैठकें भी शामिल हैं। इसके बाद दिल्ली में भी प्रत्याशियों को लेकर अलग-अलग दौर की बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी जितेन्द्र सिंह यह ऐलान कर चुके थे कि एक महीने के भीतर (फरवरी तक) लोकसभा उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे। इस बीच मप्र कांग्रेस में कमलनाथ संकट खड़ा हो गया। पिछले एक हफ्ते से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलें जोर पकड़े रही हैं। रविवार शाम तक इन अटकलों में ज्यादा वजन दिखाई दे रहा था। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने स्थिति को अपने हाथ में ले लिया और 24 घंटे के भीतर तस्वीर साफ की गई कि कमलनाथ कांग्रेस में ही रहेंगे। हालांकि इस घटनाक्रम से इतना तो साफ है कि लोकसभा चुनाव तक मप्र कांग्रेस में टूट का खतरा बना रहेगा। बेशक, अभी कमलनाथ का कांग्रेस छोडऩे का इरादा बदल गया है, लेकिन पार्टी नेतृत्व चुनाव तक कमलनाथ को लेकर असंजस की स्थिति में रहेगा, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।
इसीलिए भी टली उम्मीदवारों की घोषणा
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मप्र की दहलीज पर पहुंच रही है। पूरी मप्र कांग्रेस और उसके जिम्मेदार नेता राहुल की यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए हैं। ऐसे में अब चुनाव की घोषणा से पहले लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा होना संभव नहीं लग रहा है। अब पार्टी राहुल गांधी की यात्रा को मप्र से निकलने के बाद ही लोकसभा उम्मीदवारों के नामों पर विचार करेगी। उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी 2 या 3 मार्च को मुरैना से मप्र में दाखिल होंगे। इसके बाद यह यात्रा 7 या 8 दिन में करीब 650 किमी की दूरी तय करके 9 जिले मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ होकर राजस्थान के बांसवाड़ा पहुंचेगी।
कांग्रेस में अचानक बढ़ी विधायकों की पूछ परख
मप्र कांग्रेस में अचानक विधायकों की पूछपरख बढ़ गई है। ताजा घटनाक्रम के बाद प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी जितेन्द्र सिंह ने ज्यादातर विधायकों से दूरभाष पर चर्चा की है। कल 20 फरवरी को जितेन्द्र सिंह विधायक एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस में अचानक विधायकों की पूछपरख बढ़ने के पीछे ताजा कमलनाथ घटनाक्रम को माना जा रहा है। यहां बता दें कि कमलनाथ के साथ कई विधायक पार्टी छोडऩे की तैयार में थे। फिलहाल प्रदेश कांग्रेस ने सभी विधायकों को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की जिम्मेदारी सौंप दी है। अभी तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ही यात्रा का पूरा काम देख रहे थे।
21/02/2024
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