अब एक क्लिक पर मिल जाएगी ब्लैक स्पॉट की जानकारी

 ब्लैक स्पॉट

-सड़क हादसा रोकने लागू किया गया एक्सीडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम
-प्रमुख टोल नाकों पर तैनात की गई हैं एंबुलेंस
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। 
मप्र में सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने एक्सीडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम लागू किया है। इस बार एआरएस परियोजना ने एक पोर्टल भी विकसित किया है। इसके माध्यम से सफर करने वाले कोई भी ब्लैक स्पॉट की जानकारी ले सकता है। इसके पीछे मकसद है कि यात्रा करने के दौरान सावधानी बरती जा सके।
मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम ने ब्लैक स्पॉट बेवसाइट में अपलोड किए हैं। यही नहीं हादसे के बाद घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रमुख टोल नाकों पर एंबुलेंस भी तैनात की गई है। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा बीओटी मॉडल में शुरू की गई यह परियोजना विश्व में अपनी तरह की पहली बताई जा रही है। इसके माध्यम से वर्तमान में 20 हजार किलोमीटर की सड़कों को कवर किया गया है और आगे चलकर एक लाख किलोमीटर सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं पर नजर रखी जाएगी। प्रदेश में सड़क हादसे में घायलों को आधा घंटे में नजदीकी अस्पताल पहुंचाने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एआरए एकबार फिर लागू किया गया है। परियोजना के माध्यम से दुर्घटना स्थलों का अध्ययन भी किया जाएगा। जैसे कि घटना का कारण मौसम तो नहीं, क्या चालक नींद में था, वाहन नशा करके चला रहे थे, अंधा मोड़ है। स्कूल और अन्य सार्वजनिक स्थल पड़ते हैं आदि। विभाग बहुत जल्द ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता अभियान भी प्रारंभ करेगा तथा संकेत लगाए जाएंगे। चलचित्र और फिल्म प्रदर्शन भी होंगे।
एमपीआरडीसी कार्यालय में बनाया कंपनी का मुख्यालय
 राज्य शासन ने नीदरलैंड की कंपनी एआरएस ट्रॉफिक एण्ड ट्रांसपोर्ट लिमिटेड को 10 करोड़ से अधिक लागत की एआरएस परियोजना दी है। कंपनी का मुख्यालय भोपाल में एमपीआरडीसी कार्यालय में बनाया गया है। इसके माध्यम से अब सड़कों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का अध्ययन किया जा रहा है साथ ही टोल फ्री नम्बर 1099 के माध्यम से सड़क हादसों में घायलों को आधा घंटे के अंदर नजदीकी अस्पताल में पहुंचाने का काम किया जा रहा है। एमपीआरडीसी के पास वर्तमान में करीब 65 एंबुलेंस हैं। आगे चलकर सौ से ज्यादा करने का प्लान है। ये एंबुलेंस प्रमुख टोल नाकों पर उपलब्ध रहेंगी। एंबुलेंस की कमी को देखते हुए सड़क निगम ने 100 डायल और 108 एंबुलेंस से समझौता किया है। इस सिस्टम के माध्यम से अबतक 3 हजार से ज्यादा पीड़ितों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है।
20 हजार किमी सड़कों को कवर
एआरएस के प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज भारद्वाज का कहना है कि एआरएस परियोजना फिर शुरू गई है। इसके माध्यम से प्रदेश की 20 हजार किलोमीटर सड़कों को कवर किया जा रहा है। आगे चलकर एक लाख किमी सड़कों पर नजर रखेंगे। एंबुलेंस बढ़ा रहे हैं। हर सड़क दुर्घटना का डेटा तैयार किया जा रहा है तथा स्टडी रिपोर्ट शासन को दी जाएगी ,जो सड़क निर्माण में कारगर होगी। अब टोल फ्री नम्बर 1099 पर कॉल करते ही भोपाल मुख्यालय में स्थित एआरएस नियंत्रण केन्द्र सक्रिय हो जाएगा। इस केन्द्र में दुर्घटना संबंधी जानकारी एकत्र की जाएगी।  घटना स्थल पर एंबुलेंस भेजने की व्यवस्था होगी। प्राथमिकता दी गई है कि घायल को पहले आयुष्मान के तहत इलाज दिलाया जा सके। इसके लिए आयुष्मान अस्पतालों की लिस्ट उपलब्ध कराई गई है। परियोजना की खास बात है कि एंबुलेंस अस्पताल पहुंचाने वाले घायल की देखरेख 48 घंटे तक की जाएगी साथ तत्काल उनके परिजनों को सूचित किया जाएगा।

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