एमडी के आदेश का पालन नहीं करने पर रेंजर को नोटिस

प्रभारी एसडीओ ने अपने ही बैच के रेंजर को थमाया नोटिस

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लघु वनोपज प्रसंस्करण केंद्र बरखेड़ा पठानी की प्रभारी एसडीओ एवं रेंजर सुनीता अहिरवार को एसीएस वन जेएन कंसोटिया के वरदहस्त मिला हुआ है। यही वजह है कि उनके द्वारा अब अपनी ही बैच की रेंजर विद्या निनारे को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। जबकि विद्या निनारे को भंडार में रॉ मटेरियल जांच करने के निर्देश प्रबंध संचालक और सीईओ ने मीटिंग में सबके सामने दिये थे। उस मीटिंग में सुनीता अहिरवार भी मौजूद थी , फिर भी अपने भ्रष्टाचार को छुपाने और एसीएस वन से जान-पहचान की धुन में नियमों को भी उनके द्वारा धता बता रही है। इससे लगता है कि सुनीता अहिरवार ने मुख्यकार्यपालन अधिकारी कार्यालय को दरकिनार कर ख़ुद का अलग विभाग ही स्थापित कर दिया है और कार्यालयीन पत्रों के डिस्पैच रजिस्टर भी ख़ुद बना लिये है।  ख़ुद ही नोटिस जारी करने लगी है। जबकि इस बाबत कोई अनुमोदन आदेश सीईओ या संघ से नहीं हुये है कि केंद्र का उत्पादन डिस्पैच रजिस्टर पृथक से हो। उत्पादन शाखा बिना सीईओ को जानकारी दिये कार्य करेगा।

– सुनीता अहिरवार के कार्यकाल में 6 करोड़ों की गवर्नमेंट सप्लाई में 3 करोड़ से अधिक की रा-मटेरियल खऱीदी के भुगतान किये गये हैं, जिसमें 2 करोड़ के बिल तो आर्यन फार्मेसी के थे और तो और 35-50 लाख के मरम्मत के भुगतान किये जा चुके है।
–  संघ में हुई शिकायतों की जांच के लिये मनोज अग्रवाल ने पत्र भी लिखा, लेकिन जांच अधिकारी मणिशंकर मिश्रा के 2 नोटिस देने के बाद भी सारी फाइलें, बिल, रिकॉर्ड खुद दबा कर बैठ गई हैं और जांच में सहयोग भी नहीं कर रही।
–  सुनीता अहिरवार ने एसीएस वन से मुलाकात कर सीईओ फुलझेले की शिकायत की। और तो और मीटिंग में भी सीईओ और सुनीता अहिरवार की कहासुनी की चर्चा आम है। एक बार तो परेशान होकर सीईओ प्रफुल्ल फुलझले ने तो ग़ुस्से में पानी का ग्लास ही इनके सामने फोड़ दिया था।

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