लाखों का टैक्स बकाया होने के बाद भी दे दी वाहनों को एनओसी

 टैक्स

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। अजब और गजब मप्र का मामला परिवहन विभाग में सामने आया है। लाखों रुपए का टैक्स बकाया होने के बाद जिन वाहनों के स्थानांतरण और एनओसी पर रोक लगाई थी, परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनकी भी एनओसी जारी कर दी है। हैरानी की बात यह है कि ऑनलाइन सिस्टम में लॉक किए गए वाहनों के नंबर भी अनलॉक कर दिए गए। अब इस मामले की शिकायत प्रदेश के परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त से की गई है। जानकारी के अनुसार शाहजहांनाबाद इलाके में रहने वाले प्रताप सिंह यादव के नाम पर 9 व्यावसायिक वाहन पंजीकृत हैं। वाणिज्यिक कर विभाग (जीएसटी) और यातायात पुलिस को वाहनों से राजस्व की वसूली करना है।
मोटर मालिक ने वाहनों को इधर-उधर कर दिया था, जिससे टैक्स की वसूली नहीं हो पाई है। लिहाजा दोनों विभागों ने भोपाल आरटीओ संजय तिवारी को पत्र लिखा और सभी 9 वाहनों के नंबर देकर कहा कि प्रकरण का निराकरण होने तक वाहनों को किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया जाए। दोनों विभागों का पत्र मिलने के बाद आरटीओ ने वाहनों को ऑनलाइन कंप्यूटर सिस्टम में लॉक करा दिया था। मकसद यह था कि वाहनों का स्थानांतरण नहीं होगा। लेकिन भोपाल के परिवहन कार्यालय की कर्मचारी रूपा चोपड़ा ने एआरटीओ अनपा खान से आदेश प्राप्त कर उनमें से दो वाहनों (एमपी 46 डी 0223 और एमपी 46 डी 0224 ) की एनओसी विदिशा परिवहन कार्यालय के लिए जारी कर दी है।
10 से 15 लाख की राजस्व हानि
मामला सामने आने के बाद आरटीओ ने आरटीआई अलीम खान को पत्र लिखकर वाहनों को जब्त करने के निर्देश भी दिए थे। गौरतलब है वाहनों की एनओसी जारी करने के बाद जब इस मामले की शिकायत आरटीओ से की गई, तो वाहनों को  ऑनलाइन कंप्यूटर सिस्टम में फिर से लॉक कर दिया गया है।  शिकायत में दावा किया गया है कि उक्त वाहनों में से अधिकांश वाहनों को वाहन स्वामी द्वारा खुर्द बुर्द कर दिया गया है और उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त कराने की कार्रवाई विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से की जा रही है।
इस कारण शासन को 10 से 15 लाख की राजस्व हानि हुई है। वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र, प्रदूषण प्रमाण पत्र, परमिट प्रमाण पत्र और बीमा उपलब्ध नहीं है। इस कारण वाहनों को जब्त करने के निर्देश आरटीओ ने दिए हैं। शिकायतकर्ता ने एनओसी जारी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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