प्रचार के अंतिम दिनों तक… बागियों पर नहीं हुई कार्रवाई

भाजपा व कांग्रेस
  • भाजपा ने जिलाध्यक्षों को दियाअधिकार, तो कांग्रेस मेगं जारी है मनाने का दौर

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में भले ही पहले चरण के नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान में अब दो दिन का समय बचा है , लेकिन अब भी भाजपा व कांग्रेस के लिए बागी मुसीबत बने हुए हैं। इन बागियों के खिलाफ भाजपा व कांग्रेस अब भी सख्ती दिखाने की हिम्मत नहीं कर पा रही है। यही वजह है कि दोनों दलों में अंतिम दिनों में भी मान मनौब्बल का दौर जारी है। यह बात अलग है कि अब भाजपा ने अपने जिलाध्यक्षों को जरुर इस मामले में कार्रवाई करने का फ्री हैंड दे दिया है। भाजपा अब तक करीब 22 सौ बागी कार्यकतार्ओं के मनाकर चुनावी मैदान से हटा चुकी है , तो कांग्रेस ने भी अपने सैकड़ो बागियों को मना लिया है। इसके बाद भी बड़ी संख्या में बागी अब भी चुनावी मैदान में जमे हुए हैं। कुछ दिन पहले जरुर दोनों दलों ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं को पार्टी सें बाहर कर कड़ा संदेश देने का प्रयास किया था। इसके बाद भी कुछ बागी अब तक मैदान से हटने को तैयार नही हैं। दरअसल दोनों ही दल अपने-अपने बागियों को अंतिम समय तक समझाइश का दौर जारी रखकर पार्टी को नुकसान से बचाने के प्रयासों में लगे हुए हैं। पार्टी को सबसे ज्यादा खतरा बागियों से है, हालांकि पार्टी कई बागी नेताओं को मनाने में सफल रही है। जो नहीं माने हैं, अब प्रयास है कि मतदान के ठीक पहले तक उन्हें मना लिया जाए। यदि इसके बाद भी वे नहीं माने तो उन्हें पार्टी बाहर का रास्ता दिखा देगी।
ओवैसी से व आप से अलर्ट
निकाय चुनाव में पहली बार किस्मत आजमा रही आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) ने कांग्रेस का टेंशन बढ़ा दिया है। कांग्रेस इसे लेकर अलर्ट हैं। वहीं एआइएमआइएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी चुनाव प्रचार में जुटे हैं। वे चुनावी सभाओं में दोनों दलों पर हमला बोल रहे हैं। कांग्रेस को खतरा है कि ओवैसी की पार्टी कांग्रेस के ही वोट काटेगी। ओवैसी के मामले में जब मीडिया ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ओवैसी भाजपा को लाभ पहुंचाने आए हैं। उधर भाजपा भी आप को लेकर अलर्ट मूड में है। सिंगरौली में आप से भाजपा को चुनौती मिल रही है।
भाजपा ने जिलाध्यक्षों को दी कमान
बागियों पर कार्रवाई को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने सभी जिलों के पार्टी जिलाध्यक्षों को कार्रवाई के लिए फ्री-हैंड दिया। संगठन के खिलाफ काम करने वाले नेताओं को बड़ी संख्या में निलंबित और बर्खास्त किया गया। भोपाल में भ्ी पिछले हफ्ते ही 26 नेताओं पर कार्रवाई की गई है। इसके अलावा जबलपुर, ग्वालियर, सिंगरौली, और सतना सहित कई जिलों में संगठन ने सख्ती और कार्रवाई की है। इसके बाद भी कई बागी मैदान में डटें हुए हैं। दरअसल इन बागियों को पार्टी के ही कुछ नेताओं से अप्रत्यक्ष रुप से मदद मिल रही है। कई जगहों पर तो स्थानीय संगठन और स्थानीय विधायकों के बीच पटरी नहीं बैठने की वजह से भी इस तरह की स्थिति बनी है।
अब कांग्रेस भी दिखाएगी बाहर का रास्ता
प्रदेश कांग्रेस में अभी तक की स्थिति में 500 से अधिक लोगों के नामांकन वापस कराए जा चुके हैं। इस बीच कई पर न मानने की वजह से कार्रवाई भी की गई है। इसके साथ ही प्रदेश संगठन द्वारा जिलाध्यक्षों को 60 से अधिक लोगों पर कार्रवाई करने को कहा गया है। बड़े नेताओं में कांग्रेस ने पूर्व मंत्री सईद अहमद को पार्टी से बाहर किया है, वे बतौर बसपा प्रत्याशी सतना से महापौर उम्मीदवार के रुप में चुनावी मैदान मे हैं।

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