निर्मला ने पार्टी बदली, विधायकी नहीं छोड़ी

निर्मला
  • सचिन बिड़ला, रावत की कतार में अब बीना विधायक भी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कांग्रेस के विधायक रहे सचिन बिड़ला और वर्तमान विधायक रामनिवास रावत की तरह अब बीना विधायक भी उन्हीं के नक्शे कदम पर आ गई हैं। यानी गत दिनों कांग्रेस विधायक निर्मला सपे्र ने भाजपा का दामन तो थाम लिया है, लेकिन उन्होंने विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया है। रामनिवास रावत की तरह उनके द्वारा इस्तीफा देने या नहीं देने को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। विधानसभा सूत्रों का कहना है कि अब तक विधायक निर्मला सप्रे का इस्तीफा सचिवालय नहीं पहुंचा है। दरअसल, कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने रविवार को सुरखी विधानसभा क्षेत्र के राहतगढ़ में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष भाजपा में शामिल हो गई थीं।
गौरतलब है कि रामनिवास रावत ने सात दिन बाद भी विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। गत दिनों उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी, लेकिन उन्होंने अभी तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया। यही हाल निर्मला सप्रे का भी है। इस्तीफे के सवाल पर निर्मला सप्रे ने कहा कि अभी उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वे पार्टी नेताओं से चर्चा कर इस संबंध में निर्णय लेंगी। उधर निर्मला सप्रे ने भाजपा जॉइन करने के बाद सोमवार को सार्वजनिक तौर पर सागर से भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार नहीं किया। । उन्होंने सोमवार सुबह से भाजपा नेताओं के साथ बैठकें कर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने के संबंध में जरूर चर्चा की।
3 कांग्रेस विधायकों ने छोड़ी पार्टी
मप्र में पिछले 39 दिन में निर्मला सप्रे कांग्रेस छोडक़र भाजपा जॉइन करने वाली तीसरी विधायक हैं। इससे पहले विजयपुर से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने 30 अप्रैल को भाजपा की सदस्यता ली थी, लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद भी उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है, जबकि अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने गत 29 मार्च को भाजपा जॉइन करने के दिन ही अपना इस्तीफा विधानसभा सचिवालय भेज दिया था। विधायक रावत और निर्मला सप्रे कब तक इस्तीफा देंगी, इस संबंध में अभी असमंजस बना हुआ है। गौरतलब है कि खरगोन जिले के बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने 24 अक्टूबर, 2021 को एक जनसभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में कांग्रेस छोडक़र बीजेपी में शामिल होने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद वे कांग्रेस के विधायक रहे और काम भाजपा का करते रहे। इसके बाद मप्र विधानसभा सदस्य नियम 1986 के तहत तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने बिरला की सदस्यता रद्द करने की मांग तत्कालीन स्पीकर गिरीश गौतम से की थी, लेकिन उनकी सदस्यता बरकरार रही। गत नवंबर में विधानसभा चुनाव 2023 की वोटिंग के बाद तत्कालीन स्पीकर ने बिरला का इस्तीफा स्वीकार किया था।

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