- आतंकियों ने मप्र को बनाया हथियार तस्करों का हब
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। देश का हृदय प्रदेश मप्र पिछले कुछ सालों से हथियार तस्करी की फैक्ट्री बन रहा है। प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्रियां चल रही हैं। इन फैक्ट्रियों में बनने वाले हथियार आतंकी और गैंगस्टर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका खुलासा आतंकी-गैंगस्टर गठजोड़ पर काम कर रही यूनिट ने किया है। सीमापार से हथियार तस्करी पर एजेंसियों ने रोक लगाई तो पाकिस्तानी खुफिया इकाई आईएसआई व खालिस्तानी नेटवर्क ने मध्य प्रदेश को अब हथियार तस्करी का एक बड़ा हब बना दिया है। दिल्ली- एनसीआर से लेकर पंजाब के गैंगस्टर तक आईएसआई-खालिस्तानी गठजोड़ बड़ी संख्या में हथियार मुहैया करा रहे हैं। ये हथियार मप्र के निमाड़ में बन रहे हैं। अभी तक मध्यप्रदेश और राजस्थान में हथियार सप्लाई करने वाले सिकलीगर अब खालिस्तान समर्थकों और पंजाब के गैंगस्टर्स को हथियारों की खेप पहुंचा रहे हैं। पंजाब पुलिस की खुफिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। पिछले दिनों मालवा-निमाड़ में पकड़े गए सिकलीगरों के बयानों में भी पंजाब- हरियाणा में हथियार बेचने का खुलासा हुआ है। पंजाब पुलिस ने चार साल में करीब 10 हजार हथियार जब्त किए हैं, इनमें पॉइंट 9 एमएम की पिस्टलें ज्यादा हैं। इन्हें बनाने में सिकलीगरों को महारत हासिल है। लिहाजा अब ऐसे सिकलीगरों को लिस्टेड किया जा रहा है।
गैंगस्टर्स लगातार खरीद रहे हथियार
हाल ही में पुलिस ने दो हत्याओं में फरार हरियाणा के गैंगस्टर राहुल जाट को दो पिस्टल के साथ पकड़ा था। वह सिकलीगरों से हथियार लाया था। लॉरेंस विश्नोई गैंग के महाराष्ट्र में पकड़ाए बदमाश भी बड़वानी से हथियार खरीदकर ले गए थे। एक टीम ने यहां आकर छानबीन भी की थी। एसपी बड़वानी पुनीत गेहलोत का कहना है कि हाल ही में जिले का चार्ज संभाला है। बड़वानी में कई हथियार बनाने वाले हैं, जिनकी पुलिस निगरानी करती है। पंजाब में हथियार सप्लाई करने का मामला गंभीर है, इस पर जांच होगी। इंदौर में एक साल में 400 पिस्टल, कट्टे और 900 कारतूस बरामद किए गए हैं। सिकलीगर इंदौर में लैथ मशीन पर बैरल तैयार करवाते थे।
पुलिस रख रही नजर
अवैध हथियारों का निर्माण करने और उनकी तस्करी करने वालों पर पुलिस नजर रख रही है। सूचना तंत्र से जानकारी मिलने पर अपराधियों पर कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में दूसरे प्रदेश से होने वाली तस्करी को रोकने के लिए पुलिस निगरानी कर रही है। उल्लेखनीय है कि दूसरे प्रदेशों के तस्कर मध्यप्रदेश के कई जिलों से अवैध हथियार लाने ले जाने का काम करते हैं। वर्ष 2022 में पुलिस ने प्रदेश के बाहर के कई तस्करों को धरदबोचा था। एक तरफ जहां पुलिस अवैध हथियार बनाने वालों पर कार्रवाई कर रही है वहीं उनसे संवाद कर समाज की मुख्यधारा में जोडऩे का प्रयास भी कर रही है।
चार जिलों में अवैध हथियारों की कई फैक्ट्रियां
मध्यप्रदेश के चार जिलों में अवैध हथियारों की कई फैक्ट्रियां चल रही हैं। इसके बाद अब बड़े पैमानी पर कार्रवाई की तैयारी है। मोस्ट वॉटेंड अमृतपाल की तलाशी के दौरान पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नजर इंदौर पर रही थी। कॉल डिटेल के आधार पर यहां से पुलिस एक युवक को ले गई थी, हालांकि स्थानीय अफसरों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। अब खुफिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले खालिस्तान समर्थकों को देश के बाहर से हथियार मिल रहे थे, अब मध्यप्रदेश के बड़वानी, धार, खरगोन और बुरहानपुर से हथियार सप्लाई किए जा रहे हैं। इन इलाकों में करीब 150 सिकलीगर सक्रिय हैं, जो हथियार बनाकर सप्लाई कर रहे हैं। एसपी धार का कहना है कि अवैध हथियार बेचने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। अन्य राज्यों में हथियार सप्लाई की बात सामने आई है, उस आधार पर पुलिस सक्रिय है। एक बड़े सप्लायर की जानकारी मिली है, जिसकी घेराबंदी की जा रही है। डीसीपी इंदौर निमिष अग्रवाल का कहना है कि पुलिस ने हाल ही में धार, बड़वानी के कई सिकलीगरों को हथियारों के साथ पकड़ा है। पूछताछ हुई तो उन्होंने माना कि पंजाब व हरियाणा में वे लगातार हथियार सप्लाई कर रहे हैं। इस जानकारी के आधार पर सतर्कता बरती जा रही है।