नई पॉलसी से कसा शराब माफिया पर शिकांजा

शराब

खपत बढ़ने से राजस्व आय में भी हुई वृद्धि


भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में इस वित्त वर्ष में लागू की गई नई शराब नीति का असर तेजी से दिखना शुरू हो गया है। इस नीति में शराब दुकानों का नया कंपोजिट शॉप मॉडल को अपनाया गया है। इसके बाद से ही लगातार शराब की बिक्री में वृद्धि हो रही है। एक अप्रैल से लागू की गई नई शराब नीति की वजह से अब मिलने वाले राजस्व में भी वृद्धि हो रही है। खास बात यह है की इसके बाद से बीयर की बिक्री में हर माह नया रिकॉर्ड बन रहा है। अगर इस साल के अब तक के सरकारी आंकड़ों की तुलना बीते साल के आंकड़ों से की जाए तो साल की पहली तिमाही में बीयर की बिक्री में पचास फीसदी तक की वृद्वि हुई है। इसी तरह से देसी शराब की खपत में 18 तो विदेशी शराब की बिक्री में भी 8 प्रतिशत की बिक्री दर्ज की गई है। आबकारी विभाग ने 2020 21 और 2021-22 को कोविड-19 प्रभावित वर्ष मानकर अपनी इस साल की ग्रोथ की तुलना 2019 20 से की है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो देसी शराब के ग्रामीण ठेकों में बीयर पहली बार बेची जा रही है। ज्यादातर वृद्धि वहीं से आ रही है। अप्रैल में बीयर की खपत 61 प्रतिशत तक बढ़ी है। दरअसल सह संभव हुआ है नई शराब नीति में किए गए प्रावधानों की वजह से। इसके लागू होने से शराब के दामों में कमी आयी है, जिसकी वजह से तस्करी कर  लायी जाने वाली शराब पर बहुत हद तक रोक लग गई है। इसके अलावा नई नीति की वजह से शराब सिंडिकेट भी टूट गया है, जिसकी वजह से मनमाने रेट पर भी लगाम लगी है। यही नहीं इस वजह से प्रदेश में जहरीली शराब से होने वाली मौतों की घटनाएं भी बंद हो गई हैं। सरकार ने इस साल से देशी और अंग्रेजी शराब की बिक्री एक ही दुकान से करना शुरू कर दिया है , जिसकी वजह से भी फायदा हुआ है। पहले दोनों तरह की शराब के लिए अलग-अलग दुकानें होती थी , जिसकी वजह से लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, इस वजह  से कई बार तस्करों से शराब ली जाती थी।
20 करोड़ बल्क लीटर तक हो सकता है बीयर का उत्पादन
प्रदेश में गत वर्ष 21-22 में कुल बीयर का उत्पादन 13.48 करोड़ बल्क लीटर था। यह 2019-20 की तुलना में यह 31 फीसदी अधिक था। इस बार मांग बढ़ने  की वजह से माना जा रहा है की इस बार उत्पादन 20 करोड़ बल्क लीटर को भी पार कर सकता है। पहले तीन महीने में ही बीयर का उत्पादन 8 करोड़ लीटर से अधिक हो चुका है। उल्लेखनीय है की अप्रैल-मई में देसी शराब की बिक्री लगातार बढ़ रही थी। निमार्ता सप्लाई नहीं दे पा रहे थे , जबकि इस साल पहली तिमाही में खपत महज 18 ही बढ़ी है।  वहीं, 2021-22 में मप्र में कुल 14.33 करोड़ लीटर विदेशी शराब बिकी थी। 2019 20 में यह 15.82 करोड़ लीटर रही थी। यानी दो सालों में खपत 10 प्रतिशत तक कम हुई।
बीयर की खपत बढ़ने की वजह
इस बार अप्रैल, मई और जून के बीच गर्मी अधिक पड़ी है और बीयर के दामों में भी कमी आयी है। घर में शराब रखने की सीमा में वृद्वि भी इसकी एक वजह है। दरसअल प्रावधान के तहत एक करोड़ का टैक्स भरने वाले लोगों को घर में मिनी बार खोलने की सुविधा प्रदान की गई है।

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