- रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का दिखने लगा असर
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में औद्योगिक विकास के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का जो फॉर्मूला शुरू किया है, उसका परिणाम भी दिखने लगा है। उसके परिणाम स्वरूप मप्र में निवेश करने के लिए औद्योगिक घरानों में होड़ लग गई है। इसको देखते हुए प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 15 नए औद्योगिक क्षेत्र जल्द शुरू किए जाएंगे। इनका विकास 323 हेक्टेयर जमीन पर किया जा रहा है। यह क्षेत्र सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विभाग विकसित कर रहा है। सागर संभाग में सबसे ज्यादा चार क्षेत्र बनेंगे। इससे बुंदेलखंड में निवेश की संभावना है। इसके अलावा नए जिलों में भी औद्योगिक क्षेत्रों का विकास शुरू किया गया है। यहां केवल एमएसएमई के दायरे में आने वाले उद्यम ही चलेंगे। बड़े उद्योगों को जमीन नहीं दी जाएगी।
औद्योगिक घरानों का भरोसा जीतने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को लगातार सफलता मिल रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक हुए पांचों कॉन्क्लेव में अब तक प्रदेश में 1.82 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनसे 2 लाख 3 हजार 420 नए रोजगार मिलेंगे। सरकार प्रदेश में निवेश के लिए मुंबई, बेंगलूरु, कोयम्बतूर और कोलकाता में इंटरेक्टिव सेशन कर चुकी है। इसमें भी 1 लाख 700 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इस तरह अब तक मप्र को 2 लाख 82 हजार 700 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। सभी जिलों में औद्योगिक विकास के लिए शुरू की गई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का सिलसिला जारी है। पांच कॉन्क्लेव के बाद अगली कॉन्क्लेव नर्मदापुरम में होगी। कृषि आधारित उद्योग, नवकरणीय ऊर्जा उपकरण, खाद्य प्रसंस्करण के निर्माण पर फोकस होगा। मप्र में मोहन सरकार की अब तक 5 रीजनल इडस्ट्री कॉन्क्लेव हो चुकी हैं। इनमें उज्जैन 1 लाख करोड़, जबलपुर 22 हजार करोड़, ग्वालियर 8 हजार करोड़, सागर 23181 करोड़ और रीवा 30,814 करोड़ रूपए का निवेश के प्रस्ताव मिले हैं।
औद्योगपतियों को आसानी से मिलेगी जमीन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार अन्य राज्यों में उद्योगपतियों के साथ इंटरेक्टिव सेशन और प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहे हैं। इसके बाद निवेशक भी जमीन की मांग कर रहे हैं। एमएसएमई विभाग के सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी के अनुसार उद्यमियों को जमीन उपलब्ध कराने प्रदेश के अलग अलग रीजन में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। मऊगंज और आगर मालवा में और उद्योगों की दृष्टि से पिछड़े जिलों में भी क्षेत्र बनाए जा रहे हैं। नए 15 औद्योगिक क्षेत्रों में 700 से ज्यादा उद्यम शुरू होने की संभावना है। इनमें प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रूप से 6 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। दरअसल, औद्योगिक विकास को बढावा देने सीएम ने 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया गया है। इसके तहत द्वि-वार्षिक प्रमुख आयोजन ग्लोबल इन्वेस्टर समिट फरवरी 2025 में भोपाल में होगी। सागर और आसपास खाद्य प्रसंस्करण, खनन, इंजीनियरिंग, और पेट्रोकेमिकल्स जैसे कई उद्योग संचालित हो रहे हैं। कॉन्क्लेव से इनमें भी निवेश बढऩे की संभावना है। प्रदेश में अभी एमएसएमई के 208 औद्योगिक क्षेत्र हैं। 12.48 लाख उद्यम रजिस्टर्ड हैं।
323.45 हेक्टेयर में नए औद्योगिक क्षेत्र
प्रदेश में जो नए औद्योगिक क्षेत्र बन रहे हैं उनका कुल क्षेत्रफल 323.45 हेक्टेयर है। इनमें सागर जिले के पटना ककरी में 21.20 हेक्टेयर में, सागर जिले के रीठौर में 03.99 हेक्टेयर में, टीकमगढ़ जिले के सुनौरा खिरिया में 10.68 हेक्टेयर में, निवाड़ी जिले के जेर में 25.48 हेक्टेयर में, बैतूल जिले के मोही में 14.79 हेक्टेयर में, बालाघाट जिले के कनकी में 12.85 हेक्टेयर में, कटनी जिले के टिकरया तलखा में 19.52 हेक्टेयर में, उज्जैन जिले के महिदपुर में 43.46 हेक्टेयर में, खरगोन जिले के मातमूर में 49.82 हेक्टेयर में, सीहोर जिले के बुदनी में 08.0 हेक्टेयर में, आगरमालवा जिले के आकली में 09.01 हेक्टेयर में, रीवा जिले के घूमा में 56.83 हेक्टेयर में, धार जिले के जैतपुरा में 21.0 हेक्टेयर में, मऊगंज जिले के पटेहरा में 09.44 हेक्टेयर में और सतना जिले के कोठी में 19.36 हेक्टेयर में औद्योगिक क्षेत्र बन रहा है।