नागदा का भविष्य… तय करेगी नई सरकार

  • चार साल पहले कमलनाथ सरकार ने भी दी थी सैद्धांतिक मंजूरी
  • विनोद उपाध्याय
 नई सरकार

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 जुलाई को नागदा को जिला बनाने की घोषणा की थी। नागदा को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चल रही थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। लेकिन, नागदा को जिला बनाने की कवायद आगे नहीं बढ़ पाई है। नागदा जिला बन पाएगा कि नहीं अब नई सरकार में ही तय हो पाएगा। गौरतलब है कि चार साल पहले कमलनाथ सरकार ने भी नागदा को जिला बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इसी तरह भिंड नगर निगम बनाने का मामला भी अटका हुआ है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव की घोषणा से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में मऊगंज, नागदा, पांदुर्णा और मैहर को जिला बनाने की घोषणा की गई थी। इनमें से तीन जिले मऊगंज, पांदुर्णा और मैहर जिला अस्तित्व में आ गए है, जबकि नागदा अभी जिला नहीं बन पाया है। अब विधानसभा चुनाव भी संपन्न हो गया है। नागदा जिला और भिंड नपा नगर निगम बनेगी या नहीं, अब इस पर अंतिम फैसला नई सरकार करेगी। नागदा को जिला बनाने के निर्णय पर पूरी तरह अमल राजनीतिक परिस्थितियों पर भी निर्भर रहेगा। राजनीतिक समीकरण स्पष्ट होने के बाद ही नए जिले की तस्वीर साफ होगी।
भिंड नगर निगम का मामला भी अटका
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में हुई आखिरी कैबिनेट बैठक में भिंड नपा को नगर निगम बनाने समेत नए 27 निकायों के गठन सबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इस संबंध में नगरीय विकास एवं आवास विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जारी होने से पहले मप्र में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई और इनका गठन अटक गया। नई सरकार बनने के बाद ही इस संबंध में आगे की कार्रवाई पूरी की जाएगी। प्रदेश में वर्तमान में 16 नगर निगम और 397 नगर पालिका व नगर परिषद है। इस तरह वर्तमान में प्रदेश में नगरीय निकायों की कुल संख्या 413 है। यदि नई सरकार भिंड नगर निगम समेत 27 निकायों के गठन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो प्रदेश में नगरीय निकायों की संख्या बढकर 440 हो जाएगी। गौरतलब है कि भिंड नगर निगम में शहर के आसपास के करीब 35 गांव शामिल होंगे। नगर निगम बनने से भिंड नपा का सालाना बजट भी बढ़ जाएगा। भिंड नगर पालिका का अभी सालाना 65 करोड़ रुपए का बजट है। इसी के साथ शहर को डेवलप करने मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। साथ ही ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने के लिए 2 रिंग रोड बनाए जाएंगे।
चार साल पहले कांग्रेस सरकार ने भी दी थी
उज्जैन संभाग के आठवें जिले के रूप में नागदा जिला बनाने के प्रस्ताव को करीब चार साल पहले कमलनाथ सरकार की कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। अगर कमलनाथ सरकार के हिसाब से यदि नागदा जिला बना तो उज्जैन जिले में सात तहसीलें रह जाएंगी। नागदा जिले में उज्जैन जिले की चार तहसील नागदा, खाचरौद, महिदपुर, झारड़ा और रतलाम जिले की दो तहसील आलोट और ताल को शामिल करने का प्रस्ताव है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा पर राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उज्जैन और रतलाम जिले की तहसीलों को मिलाकर नागदा जिला बनेगा। नागदा में उज्जैन की नागदा और खाचरौद तहसील शामिल की जाएंगी। जबकि, रतलाम जिले की आलोट और ताल तहसील नागदा का भाग होंगी। नए जिले के गठन के बाद उज्जैन में उज्जैन नगर, उज्जैन, कोठी महल, घटिया, तराना, महिदपुर, बडनग़र, झारड़ा और माकड़ोन तहसील का संपूर्ण भाग रहेगा। इसी तरह रतलाम जिले में रतलाम शहर, रतलाम ग्रामीण, सैलाना, रावटी, बाजना, जावरा और पिपलोदा तहसील का संपूर्ण भाग आएगा। नागदा जिले के पूर्व में उज्जैन, पश्चिम में रतलाम, उत्तर में मंदसौर और झालावाड़ (राजस्थान) और दक्षिण में उज्जैन जिले की सीमा रहेगी। जनभावनाओं को देखते हुए नवगठित होने वाले जिले का मुख्यालय निर्धारित होगा। हालांकि अभी नागदा जिला बनाने को लेकर लंबी प्रक्रिया है।
दावे-आपत्तियों में उलझा जिला गठन
गौरतलब है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद दावे-आपत्ति बुलाए गए थे। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सीएम शिवराज की घोषणा के बाद दो हजार से ज्यादा दावे-आपत्ति आए, जिनका निराकरण समय सीमा में नहीं किया जा सका, यही वजह है कि नागदा को जिला बनाने के संबंध में आदेश जारी नहीं हो पाया। इसके बाद सीएम शिवराज ने 24 अगस्त को पांडुर्णा को जिला बनाने की और 5 सितंबर को मैहर को जिला बनाने की घोषणा की थी। इन दोनों जिलों के गठन को लेकर आई दावे-आपत्तियों का फटाफट निराकरण करने के बाद आचार संहिता लगने से पूर्व पांडुर्णा और मैहर को जिला बनाने के आदेश जारी हो गए थे और तत्काल अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी, जबकि नागदा के जिला बनने को लेकर आज भी असमंजस बरकरार है। उज्जैन जिले की नागदा व खाचरौद तहसील और रतलाम जिले की आलोट व ताल तहसील को शामिल कर नागदा जिला बनाया जाना प्रस्तावित है। गौरतलब है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले चार जिलों मऊगंज, नागदा, पांदुर्णा और मैहर को जिला बनाने की घोषणा की गई थी। इनमें से तीन जिले मऊगंज, पांदुर्णा और मैहर जिला अस्तित्व में आ गए है, जबकि नागदा अभी जिला नहीं बन पाया है।

Related Articles