
-पिछले एक साल में ही प्रदेश में कैंसर की वजह से करीब 43 हजार लोगों की मौत हो चुकी है
भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना के बढ़ते सक्रंमण के बीच प्रदेश में कैंसर रोग भी बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। इसकी वजह है प्रदेश में लगातार इस बीमारी के मरीजों में हो रही वृद्धि। हालात यह है कि बीते सात सालों में न केवल प्रदेश में कैंसर के मरीजों में 15 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है , बल्कि कैंसर से होने वाली मौतों में भी 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। यह खुलासा हुआ है हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई राष्ट्रीय कैंसर की बीते साल की जारी की गई रिपोर्ट से। प्रदेश में यह हालात तब हैं जबकि केन्द्र सरकार द्वारा लगातार हर साल कई करोड़ रुपयों की मदद राज्य सरकार को दी जा रही है। इसके बाद भी कैंसर के मरीजों की संख्या कम होने की जगह बढ़ गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मप्र में इस दौरान नाक , मुंह,गले और स्तन कैंसर के सर्वाधिक मरीज मिले हैं। बताया जाता है कि इस तरह के कैंसर की बढ़ती वजह है अनाज, फल और सब्जियों में पेस्टीसाइड का अधिक इस्तेमाल किया जाना। यही नहीं अन्य खाद्य पदार्थों में भी की जाने वाली मिलावट है।
यह वैज्ञानिक शोध में भी सिद्ध हो चुका है। खास बात यह है कि केन्द्र सरकार द्वारा इस गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं , जिसके तहत हर साल राज्य सरकारों को आर्थिक से लेकर अन्य तरह की मदद दी जा रही है। यही नहीं इसके लिए राष्ट्रीय कैंसर कार्यक्रम का भी संचालन किया जा रहा है। इसके तहत इसकी जांच और इलाज की व्यवस्था करने से लेकर जागरुकता अभियान चलाना भी शामिल है। इसके तहत अब प्रदेश में 30 साल से अधिक उम्र वाले लोगों की जांच का लक्ष्य तय किया गया है।
अगली पीढ़ी के लिए भी रहता है खतरा
दरअसल इन दिनों अधिक उत्पादन के लिए किसानों द्वारा अधिक मात्रा में पेस्टीसाइड का उपयोग करने का चलन बढ़ा है। इसके दुष्परिणामस्वरुप इस तरह की गंभीर बीमारियां बढ़ रही हैं। इसमें भी खास बात यह है कि इस तरह की बीमारी अगली पीढ़ी को भी होने का खतरा बढ़ रहा है। यही नहीं कीट पंतगों से बचाने के लिए भी किसानों द्वारा कई तरह के खतरनाक रासायनिक दवाओं का उपयोग किया जाता है। जो कैंसर को बढ़ाने में सहायक होती हैं। यह एक शोध में भी सामने आ चुका है। कैंसर के लिए जिन कीटनाशकों को खतरनाक पाया गया है उनमें डीडीटी, एल्ड्रिन और मैलाथियान शामिल हैं।
बीते साल हुई 43 हजार मौतें
अगर सरकारी आंकड़ों की माने तो बीते साल अकेले कैंसर से प्रदेश में करीब 43 हजार लोगों की मौत की वजह कैंसर रहा है। अगर बीते पांच सालों के आंकड़ों को देखें तो हर साल पैंतीस हजार से अधिक लोगों की मौत की वजह सिर्फ कैंसर ही है। खास बात यह है कि इन मौतों की संख्या में साल दर साल वृद्धि होती जा रही है। लगभग यही हाल कैंसर पीड़ित लोगों की संख्या का है। बीते साल प्रदेश में करीब 79 हजार नए कैंसर के मरीज सामने आए थे।