- इस माह के अंत तक हो सकती है घोषणा
- विनोद उपाध्याय
लोकसभा चुनाव की रणभेरी कभी भी बज सकती है। इसकी वजह से भाजपा व कांग्रेस में अपने-अपने स्तर पर प्रत्याशियों के चयन का काम तेजी से किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस मामले में भाजपा कांग्रेस से बाजी मार सकती है। इसकी वजह है भाजपा की पहली सूची तैयार हो जाना। इस सूची में प्रदेश की सात लोकसभा सीट के प्रत्याशियों के नाम बताए जा रहे हैं। उधर, भाजपा ने चुनाव को लेकर बूथ स्तर तक पूरी तैयारी कर ली है। इसके उलट कांग्रेस अभी संगठनात्मक जमावट के प्रयासों में लगी हुई है। कांग्रेस भी जल्द से जल्द अपने प्रत्याशियों की घोषणा की कवायद कर रही है, लेकिन उसके सामने मजबूत प्रत्याशियों के नाम तय करने में मुश्किलें आ रही है। कांग्रेस के दिग्गज नेता भी इस बार लोकसभा चुनाव लडऩे में रुचि नहीं ले रहे हैं, जिसकी वजह से कांग्रेस का प्रत्याशी चयन का काम प्रभावित हो रहा है। दोनों दलों में प्रत्याशियों के नामों को लेकर बैठकों का दौर पूरा हो चुका है। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कभी भी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान संभव है। भाजपा नेतृत्व मार्च के पहले हफ्ते से मप्र में चुनावी आगाज शुरू कर देगा। इसके साथ ही उसकी पहली सूची भी जारी हो जाएगी। इसके उलट कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी नेता राहुल गांधी की न्याय यात्रा के जरिए लोकसभा चुनाव में उतरने की रणनीति पर काम कर रही है। मप्र में लोकसभा की 29 सीटें हैं। इनमें से सिर्फ छिंदवाड़ा को छोडक़र शेष 28 सीटें भाजपा के पास हैं। हालांकि पिछले साल विधानसभा चुनाव में 5 सांसदों के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से मुरैना, जबलपुर, सीधी, होशंगाबाद और दमोह सीट खाली हो गई हैं। खाली सीटों पर प्रत्याशियों के नाम लगभग तय हैं। इन सीटों पर ही पहली सूची में प्रत्याशी के नामों को एलान किया जाएगा। इसके साथ ही पार्टी विधानसभा चुनाव हारने वाले अपने दो सांसदों की सीटों पर भी नए प्रत्याशी उतार सकती है। इस बार गणेश सिंह, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और जनार्दन मिश्रा का टिकट खतरे में पड़े हुए हैं। वैसे भी यह तीनों चेहरे पार्टी द्वारा बनाई गई गाइड लाइन में फिट नहीं बैठते हैं। इसके अलावा माना जा रहा है कि पार्टी इस बार पहली ही सूची में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के प्रत्याशी के नाम की भी घोषणा कर सकती है। दरअसल पार्टी ने विधानसभा चुनाव में पूर्व में हारी हुई सीटों पर समय से पहले प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की थी, जिसका फायदा उसे प्रदेश में मिल चुका है। यही वजह है कि भाजपा अब लोकसभा चुनाव में भी इसी फार्मूला को आजमाने जा रही है। माना जा रहा है कि पार्टी इसी माह अपने प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी कर देगी।
भाजपा ने की पूरी तैयारी
ढाई महीने पहले विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने वाली भाजपा लोकसभा चुनाव में कोई लापरवाही नहीं करना चाहती है। यही वजह है कि चुनाव के लिए मैदानी स्तर तक अभी से पूरी तैयारी कर ली गई है। भाजपा इस बार प्रदेश की सभी सीटों की जीत का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए लोकसभा प्रभारी, सह प्रभारियों के लगातार दौरे हो रहे हैं। साथ ही विधानसभावार भी प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। वरिष्ठ नेताओं को संभागवार जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये नेता लगातार संभाग स्तर पर लोकसभा चुनाव को लेकर बैठकें भी कर रहे हैं।
दिल्ली से घोषित होंगे प्रत्याशी
लोकसभा टिकट को लेकर भाजपा एवं कांग्रेस में प्रदेश स्तर पर बैठकों की खानापूर्ति हो चुकी है। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक भी हो चुकी है, लेकिन अंतिम निर्णय दिल्ली से होगा। इसी तरह कांग्रेस में भी प्रदेश स्तर पर प्रत्याशी चयन को लेकर बैठकों की सिर्फ खानापूर्ति हुई है। कांग्रेस नेतृत्व ही टिकट के लिए अंतिम निर्णय लेंगा। भाजपा में इस बार प्रत्याशियों का चयन प्रत्याशित होने की संभावना है।