नकुल ने कमलनाथ को घोषित किया सीएम, दिया शपथ का आमंत्रण

 नकुलनाथ

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में चुनावी मौसम में कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई की खबरें आम होती रहती है। इसके चलते दोनों ही नेताओं को कई बार सफाई भी देनी पड़ती है। ऐसा ही एक मामला हाल ही में समने आ चुका है। यह मामला टिकट वितरण को लेकर सामने आया था। यह मामला अभी पूरी तरह से शांत भी नहीं हुआ है कि अब नकुलनाथ ने पिता कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री घोषित करते हुए, उनके शपथ ग्रहण समारोह की तिथि तक की भी घोषणा कर दी है। उन्होंने छिंदवाड़ा में आउटसोर्स कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उनसे  चुनाव में कांग्रेस के लिए सहयोग मांगा। इसी दौरान उन्होंने सभी कर्मचारियों को 7 नवम्बर को कमलनाथ के शपथ समारोह में आने का न्योता भी दे डाला है। दरअसल हाल ही में टिकटों को लेकर जब दावेदारों ने कमलनाथ के सामने विरोध किया तो उनके द्वारा कहा गया था कि इस मामले में वे दिग्विजय सिंह और जयवर्धन के कपड़े फाड़ें। इसके बाद यह वीडियो जमकर वायरल हुआ था। यह विवाद अभी यहीं नहीं थमा, विगत 17 अक्टूबर को पार्टी के वचन पत्र के विमोचन अवसर पर सार्वजनिक मंच से दिग्विजय सिंह ने मजाकिया अंदाज में ही सही, लेकिन कार्यकर्ताओं को कमलनाथ के कपड़े फाड़ने का इशारा किया था। भाजपा ने इसे पहले भी दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के परिवारों के बीच कांग्रेस की राजनीति में वर्चस्व की लड़ाई बताया था और नकुलनाथ के इस आमंत्रण को भी भाजपा दोनों नेताओं के परिवारों के बीच उनके पुत्रों को स्थापित करने की लड़ाई बताया है।
टिकट भी घोषित किए हैं नकुल  ने
कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच जारी शीत युद्ध के भाजपा द्वारा किए जाने वाले दावे कुछ हद तक उस समय सही लगने लगे, जब कमलनाथ एक वीडियो में छिंदवाड़ा के टिकट नकुलनाथ द्वारा घोषित करने की बात कहते सुनाई दिए।
मामला दिल्ली दरबार पहुंचा
दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच कपड़ा फाड़ राजनीति के बाद से ही दिग्विजय सिंह पार्टी कार्यक्रमों और सभाओं से दूर हो गए। कहा तो यह भी जा रहा है कि चुनाव में कमलनाथ के प्रभाव के चलते वे नाराज हैं। इसके बाद हाल ही में दोनों नेताओं को केन्द्रीय नेतृत्व ने दिल्ली बुलाया था। प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला की उपस्थिति में दोनों के बीच विवाद सुलझाने के प्रयास भी हुए। हालांकि दिल्ली से लौटकर आए कमलनाथ से मीडिया ने जब इस संबंध में सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि उनका दिल्ली प्रवास, नाराजगी को लेकर नहीं, बल्कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के मप्र दौरों के संबंध में था।
भाजपा ने बताया नेता पुत्रों के बीच वर्चस्व की लड़ाई
यह कांग्रेस के दोनों प्रमुख नेताओं के परिवारों की लड़ाई है। दोनों ही नेता अपने पुत्रों को स्थापित करने में लगे हैं। कमलनाथ के इशारे पर नकुलनाथ ने पहले छिंदवाड़ा के टिकटों की घोषणा कर दी थी। अब वे अपने पिता को भावी मुख्यमंत्री बताकर उनके शपथ ग्रहण समारोह की तिथि भी घोषित कर रहे हैं। स्पष्ट दिख रहा है कि यह जयवर्धन सिंह और नकुलनाथ के बीच राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई है। कांग्रेस का कार्यकर्ता परेशान है और कांग्रेस चुनाव में लगातार पराजय की ओर बढ़ रही है।

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