अगले माह हो सकते हैं नगर सरकार व पंचायत के चुनाव

पंचायत के चुनाव
  • आयोग की तैयारी पूरी, कल के फैसले का किया जा रहा इंतजार

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में बहुप्रतिक्षित नगरीय निकायों व पंचायतों के चुनाव की राज्य निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर से चुनावी तैयारियां पूरी कर ली हैं। माना जा रहा है कि इनके चुनाव के लिए अगले पखबाड़े में आयोग अधिसूचना जारी कर सकता है। यह बात अलग है कि यह पूरा मामला अभी न्यायालय के अधीन है।
यही वजह है की आयोग की नजर कल यानि की 10 मई को संभावित सुनवाई पर लगी हुई है। उधर, आयोग द्वारा जल्द ही पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी किए जाने की संभावना को लेकर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिकारियों से ऑनलाइन वीसी कर कहा गया है कि चुनाव की तैयारियां पूरी कर लें, कभी भी घोषणा हो सकती है। आयोग की इस जानकारी के बाद एक बार फिर से पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव की  हलचल शुरू हो गई है। यह चुनाव जून में होने की पूरी संभावना जताई जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग निकाय और पंचायतों में 10 मई को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन भी कर देगा। मतदाता सूची के संबंध में 11 अप्रैल तक प्राप्त दावे-आपत्तियों का निराकरण किया जा चुका है।
फोटोयुक्त मतदाता सूची का तय, स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 10 मई को किया जाएगा। दोनों चुनावों के लिए ज्यादातर निकाय और पंचायतों में वार्डों के परिसीमन का काम भी पूरा किया जा चुका है। वार्डों के आधार पर मतदाता सूची तैयार की जाएगी। इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि आयोग द्वारा चुनाव कराने की पूरी तैयारी कर ली गई है। चुनाव कब होंगे, इस संबंध में आयोग पहले से तिथि तय नहीं करता है।
ओबीसी आरक्षण की संभावना बेहद कम
प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का मामला लगातार जोर पकड़े हुए हैं। इस मामले में कांग्रेस व भाजपा आमने -सामने हैं। चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग में जिस तरह की हलचल दिख रही है और आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का जो रुख है, उसे देखकर लगता है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव बिना नए ओबीसी आरक्षण के ही हो सकता है। इसकी संभावना की वजह है महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बेहद सख्त रुख अपनाया जाना। कहा जा रहा है कि शीर्ष अदालत का ऐसा ही रुख मध्यप्रदेश के मामले में भी हो सकता है। गौरतलब है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई में थी। कोर्ट के सामने राज्य सरकार ने तब अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट को पेश किया था।
ईवीएम की एफएलसी के निर्देश
आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को ईवीएम की एफएलसी के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि पूर्व में चुनाव अधिसूचना और नामांकन पत्र जमा होने के बाद ईवीएम में प्रत्याशियों के अनुसार नाम और उन्हें आवंटित प्रतीक चिन्हों की सेटिंग कर दी गई थी, जिन्हें अब खाली कर मशीन को रिफ्रेश किया जाना है। इसके बाद ही इन मशीनों का अब चुनाव में उपयोग किया जा सकेगा।  

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