सामाजिक सरोकार का भी काम करेगा नगर निगम

  • तो नहीं मिलेगा पानी और नामांतरण भी होगा निरस्त
 नगर निगम

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
वैसे तो नगरीय निकायों का मूल काम आम लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का है, लेकिन अब रतलाम नगर निगम इससे हटकर एक नया नवाचार करने जा रहा है। इसके तहत अगर किसी ने अपने वृद्ध मां-बाप की सही से देखभाल नहीं की और उन्हें घर से बेदखल किया तो फिर नगर निगम न केवल उसका नल कनेक्शन काट देगा, बल्कि मकान दुकान आदी का नामांतरण भी रद्द कर देगा। दरअसल यह कदम नगर निगम द्वारा सामाजिक सरोकार के तहत उठाने का तय किया है। घर में सताए हुए वृद्धों के दुखों को कम करने की इस नवाचार को रतलाम नगर निगम नवंबर में लागू करेगा। ऐसा करने वाला रतलाम नगर निगम देश का पहला निगम बन जाएगा। निगम के जिम्मेदारों को इसका ख्याल के तीन वृद्धाश्रमों को देखकर आया। तीनों वृद्धाश्रमों में करीब 200 से अधिक ऐसे बुजुर्ग रहते हैं। जिनको उनके बेटे-बेटियों ने घर से निकाल दिया है। परिवार के वृद्ध की कद्र की जाए, उनको सम्मान दिया जाए, घर से नहीं निकाला जाए, इसलिए पूरी योजना नगर निगम ने बनाई है। वृद्धों का आसरा ना छिन पाए इसलिए योजना की बुनियाद रखी है। इसका सकारात्मक असर आने पर पूरे प्रदेश में योजना का प्रसार होगा। सरकार ने एक तरह से इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्वीकार कर लिया है। इस बारे में महापौर प्रहलाद पटेल ने कुछ दिन पहले उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर चर्चा की थी।
सूचना देना होगी…
योजना अनुसार जिन वृद्ध को परिवार के सदस्यों ने घर से निकाला या वृद्धाश्रम जाने को मजबूर किया है, ऐसे लोगों को नगर निगम को भी सूचित करना होगा। इसके आधार पर आवेदन की प्रक्रिया हो जाएगी। अगले चरण में निगम के कर्मचारी परिवार के सदस्यों से बात करेंगे। अगर वे वृद्ध को घर में लेने से इंकार करते हैं तो नल कनेक्शन भले पूरा टैक्स भरा हुआ हो, काट दिया जाएगा। नामांतरण निरस्त करने की प्रक्रिया भी चलेगी।
शहर में आवास गणना कराई थी
नवाचारी पहल पर निगम ने प्रस्ताव बना लिया है, जिसे दिवाली पूर्व एमआइसी में लाया जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलते ही लागे किया जाएगा। योजना का खाका भी बन गया है। शहर में हाल ही में आवासों की गणना हो चुकी है। इसके साथ ही यह भी देखा गया है कि कितने परिवार में वृद्ध हैं।

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