सरकारी नोटिफिकेशन को भी नहीं मान रहा है नगर निगम

सरकारी नोटिफिकेशन
  • अभी भी वसूला जा रहा है पुरानी दर से भवन अनुज्ञा का विकास शुल्क

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने आमजन को लाभ देने के लिए भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की दरों में कटौती करते हुए उसे पचास फीसदी कर दिया था। यही नहीं उनके द्वारा ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के लिए तो यह शुल्क समाप्त ही कर दिया था। इसके बाद इस मामले में गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया , लेकिन भोपाल नगर निगम इस पर अमल करने को तैयार नही है। यही वजह है कि अब भी लोगों को इस कटौती का फायदा नहीं पा रहा है। इससे सवाल खड़ा होने लगा है कि नगर निगम अपने आप को शायद शासन व सरकार से ऊपर मानता है। अब तो गजट नोटिफिकेशन जारी हुए चार माह का समय हो रहा है। गजट नोटिफिकेशन सितंबर 2023 में जारी किया जा चुका है। इस मामले में निगम प्रशासन का कहना है  कि अब तक एमआइसी की अनुमति नहीं मिली है , जिसकी वजह से इस पर अमल नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि नगर निगम द्वारा अवैध कालोनियों को वैध करने संबंधी प्रक्रिया के तहत जो राशि प्राप्त होना चाहिए, उसमें भी भारी कमी आई है। दरअसल इन कॉलोनियों में नोटिफिकेशन के बाद ईडब्ल्यूएस से लेकर एलआईजी श्रेणी तक के प्लाट,मकान पर भवन बनाने की अनुमति के लिए जारी होने वाली अनुज्ञा पर विकास शुल्क शून्य कर दिया गया है। इसी तरह इससे बड़े क्षेत्रफल के भूखंड पर भी शुल्क को पचास फीसदी किया जा चुका है। यह नियम वैध और अवैध कालोनियों यानी दोनों श्रेणियों में लागू हो चुका है।
    ऐसे समझे गणित
    नए नियमों के तहत निगम सीमा में होशंगाबाद रोड स्थित गणेश नगर में वर्तमान में विकास शुल्क 300 रुपए प्रति वर्ग फीट है, इस कॉलोनी में लोगों के बीच एक समय अनुमति लेने की होड़ थी। ऐसें में विकास शुल्क किसी सामान्य 1500 वर्ग फीट के भूखंड पर 45 हजार होता था अन्य मदों में पैसा जमा कराने के बाद करीब तीन से साढ़े तीन लाख रुपए तक निगम में जमा किया जाता था। लेकिन अब विकास शुल्क की दरों में संशोधन संबंधी नोटिफिकेशन के बाद यह शुल्क आधा हो गया है। अब इन कालोनियों में लोगों ने भवन अनुज्ञा शाखा से मकान बनाने संबंधी अनुज्ञा लेना बंद कर दिया है। इसी तरह की कई अन्य कालोनियो में भी लोगों ने अनुज्ञा लेने की बजाए नई दरों को लागू करने का इंतजार है।
    नई दरें लागू करने में परेशानी
    विकास शुल्क की नई दरों को लागू करने में कुछ विसंगतियां भी है। शहर की सभी 238 कालोनियों में दरों को आधा कर इसे लागू करते समय जहां ले आउट और अन्य दस्तावेज क्लियर है, वहां तो इसे लागू किया जा सकता है। लेकिन जहां भवन अनुज्ञा शाखा से संबंधित नियमों की अनदेखी कर भारी विसंगतियां है, वहां इन्हें लागू करने में दिक्कतें है। ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी का सर्टिफिकेट किसके द्वारा जारी होगा और कितनी आय में आने वालों के लिए को विकास शुल्क की दरें आधा करने का फायदा मिलेगा, इसको लेकर भी संशय है।
    नई दरों के इंतजार में नहीं ले रहे अनुमति
    मध्यप्रदेश राजपत्र प्राधिकार के प्रकाशित होने के बाद नई दरों को जनवरी 2024 तक लागू नहीं किया गया है। नतीजा पहले जहां महीनेभर में इन कालोनियों में विकास शुल्क जमा करके 70-75 अनुज्ञा जारी होती थी। वह घटकर 10 से 15 रह गई है। इसका सीधा असर निगम के खजाने पर भी पड़ा है।

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