- मप्र भाजपा ने अपने 29 सांसदों को दिए निर्देश
- गौरव चौहान
मप्र की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने के बाद भाजपा संगठन का फोकस अब पूरे प्रदेश में एक समान विकास पर है। इसलिए पार्टी ने अपने सभी सांसदों को निर्देश दिया है कि, वे भविष्य के विकास का रोडमैप तैयार कर अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य करवाएं। यही नहीं पार्टी ने उन्हें यह भी निर्देश दिया है कि विकास के लिए वे केंद्र सरकार और केंद्रीय मंत्रियों से खुद बजट लाएं।
गौरतलब है कि प्रदेश में मिली रिकॉर्ड जीत के बाद विगत दिनों मप्र संसदीय दल की बैठक दिल्ली के मप्र भवन में हुई थी। बैठक में संगठन की तरफ से सांसदों को अपने अपने क्षेत्र में मतदाता अभिनंदन यात्रा और ज्यादा वोटों से जीते बूथों पर कार्यकर्ताओं का सम्मान करने को कहा गया। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 230 में से 207 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। जिन सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा, उसके लिए संगठन ने अलग से कार्ययोजना बनाने की बात कही है। साथ ही जनप्रतिनिधियों को ऐसे क्षेत्र में अब सक्रिय होने को कहा गया है। वहीं, प्रदेश की वृहद कार्यकारिणी समिति की बैठक जल्द ही प्रदेश में आयोजित करने की भी बात कही गई है। सांसद मन की बात कार्यक्रम से जुड़ेंगे और एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधे लगाएंगे। इसके अलावा संगठन की तरफ से पर्यावरण से जुड़े कार्यक्रम और जलाशयों को पुर्नजीवन जैसे कार्यक्रम में सक्रिय होने को कहा गया है। ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम जनता को जोड़ कर करने को कहा गया है।
अपने- अपने जिले की करेंगे समीक्षा
पार्टी के निर्देशानुसार प्रदेश में जिले की समीक्षा अब विधायक और सांसद करेंगे। वे अपने- अपने जिले की प्रत्येक माह समीक्षा करेंगे और विकास कार्य की प्रगति के बारे में जानेंगे। इस कार्य में कलेक्टर, एसपी से लेकर विभागीय जिला अधिकारी और अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। समीक्षा रिपोर्ट मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को दी जाएगी, जिसके आधार पर भविष्य में जिलों का आवश्यक विकास किया जाएगा।
विकास कार्यों की समीक्षा कर जनहितैषी कार्यों की अनुशंसा भी की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दिशा में कार्य करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों में बेहतर समन्वय रहे और आदर्श लोकसभा और विधानसभा बनाने के लिए जरूरी विकास कार्य और उपाय सुनिश्चित किए जाएं। जिला स्तर पर बैठक कर विकास कार्यों का रोड मैप तैयार करें। सांसद और विधायक आधुनिक तकनीकी का उपयोग करते हुए ऐसी व्यवस्था बनाएं कि वे अपने कार्यालय से ही व्यक्तिगत रूप से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सकें। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता वाली योजनाओं का लाभ किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं को पात्रता अनुसार मिल सके। मंत्री भी अपने-अपने विभागों की समीक्षा करेंगे। वे विधायक, सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा क्षेत्र में की गई अनुशंसा के आधार पर कार्य स्वीकृत करेंगे। जो प्रकरण कैबिनेट भेजे जाएंगे उनके प्रस्ताव तैयार कराए जाएंगे। प्रत्येक जिले में विकास कार्यों को पूरा करने के लिए रोड मैप बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जिले के विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रवार भी विकास कार्यों का विभाजन करने के निर्देश दिए हैं। आगामी चार-पांच वर्षों के लिए यह रोड मैप तैयार किया जाएगा। विकास कार्यों की प्राथमिकता निर्धारित कर पूरा करने की योजना भी बनाई जाएगी।
विकास के लिए केंद्र से लाएंगे बजट
नवनिर्वाचित सांसदों को लक्ष्य सौंपा गया है कि वे अपने-अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार से बजट लाएं और अपने संसदीय क्षेत्र को आदर्श संसदीय क्षेत्र बनाएं। सांसदों को प्रदेश के सभी विभागों की योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि वे संसद में प्रदेश के मुद्दों को अच्छे से उठा सकें। सांसदों द्वारा संसद में मध्य प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा के लिए शासन की योजनाओं का अध्ययन किया जा रहा है। इसके लिए सभी विभागों ने सांसदों को अपने-अपने विभाग की जानकारी उपलब्ध कराई है। इनमें केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं में उपलब्ध बजट की वस्तुस्थिति भी बताई गई है। प्रदेश में संचालित योजनाओं और प्रदेश की भौगोलिक स्थिति की एक बुकलेट भी सांसदों को दी जाएगी। जिसे पढकर वे मध्य प्रदेश के प्रमुख मुद्दों को समझकर संसद में उठा सकेंगे और विपक्ष के आरोपों का जवाब भी दे सकेंगे। इधर, विधायकों से भी कहा गया है कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र को आदर्श विधानसभा बनाने के लिए आगामी वर्षों में क्या करेंगे, इसकी रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत करें।
सांसद, विधायक और मंत्रियों को प्रशिक्षण
मध्य प्रदेश के सांसद, विधायक और मंत्रियों को भारतीय जनता पार्टी प्रशिक्षण देगी। इसके लिए जल्द ही प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इनमें पार्टी के पक्ष में सरकार की योजनाओं के माध्यम से जनता के बीच जनाधार मजबूत करने के गुर भी बताएं जाएंगे। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव पहले ही कह चुके हैं कि सांसद, विधायक अपने जिलों में पांच साल का रोडमैप तैयार कर विकास कार्य करें। इसके लिए जनप्रतिनिधि जनता से भी सुझाव लेंगे कि क्षेत्र में क्या-क्या समस्याएं और उन्हें दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है। इस कार्य में प्रशासनिक अमला जनप्रतिनिधियों की मदद करेगा।