मप्र के आईपीएस किसी धन्नासेठ से कम नहीं

आईपीएस
  • 23 अफसरों ने नहीं दी अपनी संपत्ति की जानकारी
  • गौरव चौहान

प्रशासन की बागडोर संभालने वाले मप्र के कुछ आईपीएस अफसर किसी धन्नासेठ से कम नहीं हैं। उनकी संपत्ति दिन-रात बढ़ रही है। इसका खुलासा मप्र कैडर के आईपीएस अधिकारियों द्वारा पेश किए गए संपत्ति के ब्यौरे से हुआ है। खास बात है कि मध्य प्रदेश के 246 अफसर ने ही संपत्ति की जानकारी दी है, जबकि 23 आईपीएस में कोई भी रिकॉर्ड संपत्ति के बारे में नहीं जमा किया है। जानकारों का कहना है कि अफसरों द्वारा संपत्ति बताने में पर्देदारी की जा रही है। प्रदेश के आईपीएस अफसर अपनी पूरी संपत्ति नहीं बता रहे हैं। हाल ये है कि अफसर सिर्फ जमीन-बंगले बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। यहां के अधिकारी संपत्ति की जानकारी देने में काफी हिचकिचाते हैं, जबकि बाकी राज्यों में ऐसा नहीं है। झारखंड सहित कई राज्यों में आइएएस अफसर जेवर, गिफ्ट सहित अन्य सामानों तक की जानकारी दे देते हैं जबकि मध्यप्रदेश में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस सिर्फ जमीन और मकान की जानकारी ही देते हैं। यही कारण है कि 2024 की प्रॉपटी डिटेल में अफसरों का जमीन से मोह साफ दिखता है।
 ब्यौरे के मुताबिक मध्य प्रदेश के स्पेशल डीजी शैलेश सिंह के पास सबसे ज्यादा पुश्तैनी जमीन है, वहीं ईओडब्ल्यू में पदस्थ डीजी अजय शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें हर महीने ढाई लाख रूपये की आय किराए से होती है। इसमें दिल्ली के फ्लैट से 2 लाख से अधिक किराया मिलता है। भोपाल के एक मकान से 66 हजार से अधिक किराया मिलता है, हाउसिंग सोसाइटी में बने प्लॉट से 1 लाख 10 हजार की आय होती है। साथ ही चंदनपुर परिवार की जमीन से डेढ़ लाख रुपए का रेंट उन्हें हर महीने मिलता है। स्पेशल डीजी गोविंद प्रताप ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पास मध्य प्रदेश समेत उत्तर प्रदेश में कई जमीनें हैं इसके अलावा उनके पास कई संपत्तियां ऐसी है जिसे उन्होंने जमीन बेचकर खरीदा है।
अधिकांश की ज्यादा संपत्ति प्रदेश से बाहर 
आईपीएस अफसरों में अधिकतर ऐसे हैं, जिन्होंने प्रॉपर्टी में जमीन बताई है। लैट या मकान बहुत कम के पास हैं। इसकी वजह पूरी नौकरी में सरकारी मकान की सुविधा है। अफसरों ने सबसे ज्यादा निवेश कृषि भूमि और ह्रश्वलॉट में किया है। भोपाल में आईएएस अफसरों को जहां ज्यादा जमीन पसंद आई हैं, उन इलाकों में मेंडोरा, प्रेमपुरा, निपानिया जाट, सेमरी, हुजूर तहसील, बिसनखेड़ी, नर्मदापुरम रोड सहित अन्य इलाके हैं। इन इलाकों में आईएएस, आईपीएस व आईएफएस अफसरों की जमीनें हैं। ज्यादातर अफसरों ने बालिग बेटे-बेटियों के नाम पर  संपत्ति खरीदी है, जबकि जानकारी सिर्फ खुद के और पत्नी की  संपत्ति की दी है। चुनाव में नेता निर्वाचन आयोग को अपनी पूरी  संपत्ति  का ब्योरा देते हैं, लेकिन अफसरों में ऐसा नहीं है। हालांकि पहले मप्र में भी कुछ अफसर पत्नी के जेवरात की जानकारी देते थे।
सुषमा सिंह के पास करोड़ों की संपत्ति
स्पेशल डीजी सुषमा सिंह ने हुजूर इलाके में आधा एकड़ जमीन 1995 में खरीदी थी। उसे वक्त डेढ़ लाख रुपए देकर अपने नाम जमीन कराई थी, जिसकी मौजूदा कीमत 51 लाख के पार हो चुकी है। उन्होंने बताया कि जमीन पर मकान बनाया गया है। इसके लिए पति और जीपीएफ की सेविंग से कंस्ट्रक्शन किया गया है। वहीं झील किनारे आईपीएस ने एक करोड़ का बंगला होने की भी जानाकरी दी है।
श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में किया निवेश
साल 1992 बैच के आईपीएस पंकज कुमार श्रीवास्तव ने मध्य प्रदेश में अपनी कोई संपत्ति नहीं खरीदी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में फ्लैट और मकान खरीदा है। श्रीवास्तव ने अपनी संपत्ति की जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 40 लाख रुपए का फ्लैट 2012 में खरीदा था, जिसकी मौजूदा कीमत 1 करोड़ 25 लाख है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में साल 2009 में 5 लाख की जमीन खरीदी गई थी। इसकी मौजूदा कीमत 15 लाख है। वहीं 25 लाख रुपए का मकान भी खरीदा था। इसकी मौजूदा कीमत 50 लाख रुपए है।
चावला के नाम नहीं कोई संपत्ति
आईपीएस राजेश चावला ने संपत्ति का ब्यौरा देते हुए कहा कि उनके नाम पर कोई संपत्ति नहीं है। पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदी गई है। उन्होंने बताया कि शाहपुरा में साल 2021 में एक करोड़ से अधिक में संपत्ति खरीदी गई है। चावला जमीन पर बंगला बनवा रहे हैं। इसके अलावा उनके पास 55 लाख रुपए का बागसेवनिया इलाके में फ्लैट भी है, जिसे उन्होंने साल 2017 में खरीदा था।
देशमुख के पास पांच संपत्तियां
साल 1995 बैच की एडीजी योगेश देशमुख के पास पांच संपत्ति है। उन्होंने संपत्ति का ब्यौरा देते हुए यह नहीं बताया है कि मौजूदा संपत्ति की कीमत कितनी है। देशमुख के पास बैतूल, दिल्ली और भोपाल सहित महाराष्ट्र में संपत्ति है।
अवस्थी के पास पिता का मकान
साल 1990 बैच के आईपीएस अशोक अवस्थी के पास पिता का मकान है। जिसे उन्होंने रिकंस्ट्रक्शन कर बनाया है। उन्होंने 160 लाख रुपए मकान की कीमत बताई है। साल 1995 बैच की एडीजी योगेश/ देशमुख के पास पांच संपत्ति है। उन्होंने संपत्ति का ब्यौरा देते हुए यह नहीं बताया है कि मौजूदा संपत्ति की कीमत कितनी है। देशमुख के पास बैतूल, दिल्ली और भोपाल सहित महाराष्ट्र में संपति है। इसी तरह अन्य अफसरों ने भी अपनी-अपनी संपत्तियों का ब्यौरा वार्षिक आईपीआर में दाखिल किया है।
27 आईएएस की संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध नहीं
मध्यप्रदेश के 27 आईएएस अधिकारियों ने अभी तक अपनी संपत्तियों का ब्यौरा सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध नहीं कराया है। इनमें  कई अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने वर्ष 2016 तथा 2017 और 2018 की जानकारी नहीं दी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इन सभी अधिकारियों से शीघ्र संपत्तियों का ब्यौरा देने को कहा है।  सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) प्रत्येक वर्ष भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से उनकी संपत्तियों का ब्यौरा मांगता है। इसे बकायदे एक फॉर्मेट में भरकर सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर देना पड़ता है, किंतु 27 आईएएस अधिकारियों ने अभी तक अपनी संपत्ति की डिटेल जानकारी नहीं दी है। 2016 की जानकारी आईएएस अफसर अभय सिंह ओरिया, अनुराग सक्सेना, अजीजा जफर, दिशा नागवंशी, गजेंद्र सिंह नागेश, जगदीश कुमार गोमे, कीर्ति खुरासिया, मल्लिका निगम, मंजूषा विक्रांत राय, प्रमोद कुमार शुक्ला, प्रताप नारायण यादव, राजेश कुमार जैन, संघमित्रा गौतम, संजना जैन, सपना सोलंकी और सुष्मिता सक्सेना ने नहीं दी है। जबकि वित्तीय वर्ष 2017 का देवेंद्र कुमार नागेंद्र और मनोज कुमार सरियाम ने जानकारी नहीं दी है। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2018 की जानकारी अंजलि जोसेफ, अर्चना सोलंकी, जीएस धुर्वे, नवनीत कुमार धुर्वे, राम प्रकाश अहिरवार, रेखा राठौड़, संदीप केरकट्टा, सुजान सिंह रावत ने नहीं दी है।

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