इस सप्ताह मप्र तोड़ देगा गेहूं खरीदी का रिकॉर्ड

गेहूं

-प्रदेश में किसानों से गेहूं के साथ ही चना, सरसों और मसूर की खरीदी भी मंडियों में की जा रही है

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना काल के बाद भी मप्र इसी सप्ताह देश में सर्वाधिक गेहूं खरीदने का रिकार्ड तोड़ देगा। जैसे ही प्रदेश में गेहंू की खरीदी का आंकड़ा एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन के आंकड़े को पीछे छोड़ेगा वैसे ही इस मामले में ऑल टाइम नया रिकॉर्ड बन जाएगा। माना जा रहा है कि इस सप्ताह में प्रदेश में 20 लाख मीट्रिक टन से अधिक की गेहूं की खरीदी की जाएगी। अब तक प्रदेश में एक करोड़ आठ लाख 173 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जा चुकी है। इसकी कीमत 21 हजार 334 करोड़ रुपए है। गौरतलब है कि बीते साल भी मप्र सरकार ने एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर नया रिकॉर्ड बनाया था। इस मामले में मप्र बीते साल पंजाब को भी पीछे छोड़ चुका है और इस बार भी यही स्थिति रहने वाली है। इसके साथ ही मप्र गेहूं उपार्जन के मामले में देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ चुका है। इस बार सरकार ने प्रदेश में एक करोड़ 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी का लक्ष्य तय किया हुआ है। हालांकि उपज को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि गेहूं खरीदी का आंकड़ा इस बार इससे भी अधिक हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह मप्र के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। यही नहीं यह रिकॉर्ड ऐसे समय बनने जा रहा है जब देश के साथ ही प्रदेश भी कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है।
अब तक 16 लाख किसानों से हुई खरीदी
प्रदेश में पंजीकृत 35 लाख से अधिक किसानों में से अब तक सरकार द्वारा 16 लाख किसानों से खरीदी की जा चुकी है। बताया जा रहा है कि इनमें अधिकांश बड़े किसान शामिल हैं।  इसके साथ ही प्रदेश में बड़े पैमाने पर चना, मसूर और सरसों की भी खरीदी की जा रही है। इसके लिए प्रदेश में 5171 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। गौरतलब है कि रबी उपार्जन में इस बार 35 लाख 79 हजार 423 किसानों ने अपना पंजीयन करवाया था। इसमें से 35 लाख 64 हजार 569 किसानों का पंजीयन वेरिफाई हुआ है।
16 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान
प्रदेश में अब तक रबी सीजन में किसानों से 21 हजार 334 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की गेहूं, चना, सरसों और मसूर की खरीदी की गई है।  इसके एवज में अब तक 16 लाख किसानों से एक करोड़ 8 लाख मीट्रिक टन गेहूं, 42 हजार किसानों से एक लाख 11 हजार मीट्रिक टन चना और 19 मीट्रिक टन मसूर की खरीदी की जा चुकी है। इसके एवज में अब तक सरकार द्वारा किसानों को 16 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। 

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