एमपी-टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव: मिले 20 हजार करोड़ के प्रस्ताव

एमपी-टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव
  • भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक पार्क तो इंदौर में आईटी टावर बनेगा

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में हुए एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में आईटी सेक्टर के लिए 4 पॉलिसियां जारी की गई। इस दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश को इस कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इससे 75 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक पार्क और इंदौर में आईटी टावर बनाया जाएगा। पूर्व में हमने 18 नीतियां लागू की थीं, जिसकी वजह से अब पूरी दुनिया के निवेशक यहां आ रहे हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स सेंटर इंदौर (सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर), कास्ट एनेक्स, जबलपुर आईटी पार्क ब्लॉक बी, वॉर्की टेक पार्क, इंदौर का लोकार्पण किया। वहीं, उद्योगपति दीपेंद्र मिस्त्री, पारितोष मंगल, मनोज मोदी, अनिरुद्ध केला, नितिन अग्रवाल, रोहन श्रीवास्तव, अर्पित कंथाली, सुनीता तांबोली को लेटर ऑफ अलॉटमेंट प्रदान किए। इस मौके पर बड़वाई आईटी पार्क और पंचशील आईटी पार्क और दृष्टि आईआईटीआई इंदौर का भूमिपूजन भी किया। साथ ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की 4 पॉलिसी गाइडलाइन जारी की गई है बता दें, आयोजित कार्यक्रम में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, बिग-टेक कंपनियों सहित 300 से अधिक तकनीकी विशेषज्ञ, उद्योगपति, नीति निर्माता और निवेशक शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की स्पेस टेक नीति बनाई जाएगी, जिससे राज्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अनुसंधान को प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य में साइबर सुरक्षा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 परियोजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करेंगे। इस कलस्टर में 1,500 करोड़ रुपए के निवेश और 75,000 से अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी क्षेत्रीय केन्द्र बनाया जाएगा, जो डिजिटल नवाचार, रचनात्मक शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के लिए काम करेगा।
पंचशील आईटी पार्क की स्थापना करेंगे
पंचशील प्राइवेट लिमिटेड के अतुल चोडिया ने कहा कि हम इंदौर में फ्यूचर रेडी पंचशील आईटी पार्क की स्थापना करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजन से कंपनी को विस्तार करने के लिए जमीन मिली है। कंपनी डेटा सेंटर तैयार करने की दिशा में भी कार्य कर रही है।
युवाओं को मिलेगा रोजगार
कंट्रोल-एस डेटा सेंटर के लिए सीसीआईपी के तहत 5 एकड़ भूमि आवंटित हुई हैं। इनके द्वारा भोपाल के बड़वई आईटी पार्क में 12 मेगाबाइट का डाटा सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 500 करोड़ रुपए है, जिससे प्रत्यक्ष 200 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
उद्योपति निवेशकों से वन-टू-वन बैठक
कॉन्क्लेव के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न उद्योपतियों और निवेशकों से वन टू वन चर्चा की। उन्होंने कहा हम निवेशकों के विश्वास को मजबूती देंगे, नई नीतियां लागू करेंगे, आधारभूत संरचना को और सशक्त करेंगे। नई जीसीसी नीति 2025, सेमीकंडक्टर नीति 2025, एवीजीसी एक्सआर नीति 2025 और ड्रोन प्रोत्साहन और उपयोग नीति के द्वारा इन क्षेत्रों में निवेशकों को आवश्यक मदद प्रदान करने के प्रावधान है। राज्य सरकार, उद्योगपतियों और निवेशकों को एक इकोसिस्टम प्रदान करेगी। निवेशकों को सहयोग देने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को विश्व स्तरीय बनाया जा रहा है। राज्य सरकार निवेशकों को हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।  कार्यक्रम में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाएं गिनाईं और कहा कि दो माह पहले हुई ग्लोबल इन्वेस्टमेंट के नतीजे अच्छे मिले हैं।
क्या बोले उद्योगपति
कर्नाटक डिजिटल इकोनॉमी मिशन के सीईओ संजय गुप्ता ने कहा कि मैं मध्यप्रदेश को अपने इंडस्ट्री क्लाइंट के रूप में देखता हूं। मेरा विचार है कि एक प्रोफेशनल बॉडी बने, जो इंडस्ट्री और सरकार के बीच काम करे। डिजिटल इकोनॉमी में स्टार्टअप्स की मुख्य भूमिका है। भविष्य में बड़ी संख्या में युवा इस सेक्टर में आएंगे। मध्य प्रदेश से उठी यह वेव देश की इकोनॉमी को बढ़ाएगी। मितेश लोकवानी ने कहा कि भोपाल में नई यूनिट स्थापित की है, जो डेस्कटॉप निर्माण में कार्य कर रही है। हमारी कंपनी ने देश-दुनिया में कम्प्यूटर और आईटी उपकरण निर्यात किए हैं। एचएलबीएस देश की 7वीं ऐसी कंपनी है, जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। हम मध्य प्रदेश सरकार के साथ कार्य करते हुए राज्य में आईटी सेक्टर को नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए संकल्पित हैं।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रमुख केन्द्र बनेगा मध्यप्रदेश
भोपाल जिले के बैरसिया में मोबाइल, सेमीकंडक्टर डिवाइस पार्क बनाने वाले प्रतिष्ठान विश्वस्तरीय अधोसंरचना का लाभ प्राप्त करेंगे। लगभग 209 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरर के इस मेगा प्रोजेक्ट से बड़ी संख्या में रोजगार देना संभव होगा। यहां पर करीब 1500 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने में सफलता मिली है। स्पेस टेक नीति के तहत इसे पूरा किया जाएगा।
चार नई औद्योगिक नीतियों की गाइडलाइन जारी
एग्रीटेक सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस- आईआईटी इन्दौर में स्थापित किया जाएगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लाउड व अन्य तकनीकों पर आधारित कृषि नवाचारों को बढ़ावा देगा। निवेश प्रोत्साहन को सुविधाजनक बनाने के लिए एमपी डिजिटल इकोनॉमी मिशन का गठन किया जाएगा। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के प्रमुख आईटी पार्कों में 4 नए सुविधा केंद्रों का गठन करेंगे। आईटी स्टार्टअप्स को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत शामिल किया जाएगा। आईटी पार्क टावर भोपाल बनाया जाएगा, जिसमें 125 करोड़ रुपए की लागत से 3 लाख वर्गफीट लीजबल स्पेस बनाई जाएगी।देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर में प्लग एंड प्ले सुविधा विकसित की जाएगी, जिससे टेक स्टार्टअप और कंपनियों को तैयार इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलेगा।

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