मप्र को अगले महीने मिल सकता है नया डीजीपी!

नया डीजीपी
  • अजय शर्मा और मकवाना पुलिस महानिदेशक के सबसे बड़े दावेदार

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में एक ओर जहां प्रशासनिक मुखिया वीरा राणा को एक्सटेंशन देने की तैयारी है, वहीं दूसरी ओर पुलिस महानिदेशक को बदले जाने की अटकलें शुरू हो गई हैं। वर्तमान पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना अगले महीने 3 मार्च को अपना 2 साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी राज्य में पुलिस महानिदेशक के लिए न्यूनतम कार्यकाल 2 साल अनिवार्य है। ऐसे में सरकार को डीजीपी बदलने में कोई अड़चन नहीं होगी। सूत्रों का कहना है कि अगर सरकार पुलिस महानिदेशक का बदलाव करती है तो कैलाश मकवाना और अजय शर्मा का नाम अगले डीजीपी के लिए प्रमुख रूप से चर्चाओं में है। मध्यप्रदेश में अगले कुछ दिनों में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बड़ी संख्या में तबादला होना है। इस बीच प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के बदलने की अटकलें शुरू हो गई हैं। क्योंकि मप्र के मौजूदा पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना 3 मार्च को अपना दो साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस का नया मुखिया तय करने में सरकार को ज्यादा कानूनी अड़चन नहीं होगी। फिलहाल पुलिस महानिदेशक की दौड़ में कैलाश मकवाना और अजय शर्मा के नाम प्रमुख रूप से चर्चाओं में बने हुए है। पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना इसी साल नवंबर में सेवानिवृत्त होंगे, लेकिन उनके अगले महीने बदलने की संभावना है।
आधा दर्जन अधिकारी दौड़ में
पुलिस महानिदेशक की दौड़ में 1987 से 1989 बैच के करीब आधा दर्जन अधिकारी शामिल हैं। जिनमें 1988 बैच के आईपीएस मप्र पुलिस हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन कैलाश मकवाना और ईओडब्ल्यू के महानिदेशक अजय शर्मा (1989) का नाम प्रमुख है। डीजीपी की दौड़ में 1988 बैच के होमगार्ड डीजी अरविंद कुमार और सुधीर कुमार शाही भी शामिल हैं। इनमें से मकवाना अगले साल दिसंबर 2025, अजय शर्मा अगस्त 2026 और अरविंद कुमार मई 2025, जबकि सुधीर शाही जनवरी 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। वरिष्ठता के हिसाब से विशेष पुलिस महानिदेशक शैलेश सिंह (1987) भी डीजीपी की दौड़ में हंै। सरकारी सूत्रों के अनुसार प्रदेश के अगले पुलिस मुखिया के लिए कैलाश मकवाना और अजय शर्मा में किसी एक के नाम पर सहमति बन सकती है। विधानसभा सत्र के बाद इस पर निर्णय हो सकता है।
सरकार में हो चुका मंथन
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी राज्य में पुलिस महानिदेशक के लिए न्यूनतम कार्यकाल 2 साल अनिवार्य है। ऐसे में सरकार को पुलिस महानिदेशक को बदलने में कोई अड़चन नहीं होगी। वर्तमान में पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना 3 मार्च को अपना 2 साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। इससे पहले कमलनाथ सरकार ने आखिरी समय में मार्च-2020 में विवेक जौहरी को प्रदेश का पुलिस महानिदेशक बनाया था। वे सितंबर 2020 में सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देकर 3 मार्च 2022 तक उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था। गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पास है। प्रदेश की कानून-व्यवस्था की समीक्षा के बाद कई पुलिस अधिकारियों को बदलने पर मंथन हुआ है। जिसमें डीजीपी पर भी चर्चा हुई है। हालांकि नए डीजीपी को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सूत्रों ने बताया कि डीजीपी की दौड़ में ईमानदार कार्यप्रणाली को लेकर कैलाश मकवाना का नाम सबसे आगे हैं। क्योंकि लोकायुक्त डीजी रहते 6 महीने के भीतर प्रदेश के भ्रष्टाचारियों  के कॉकस में हडक़ंप मच गया था। हालांकि बाद में शिवराज सरकार ने उन्हें लोकायुक्त से हटा दिया था।

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