गेहूं खरीदी में पंजाब पर… मप्र पड़ रहा है भारी

  • अब तक 4,81080 मीट्रिक टन की हो चुकी है खरीदी
  • विनोद उपाध्याय
गेहूं खरीदी

इन दिनों देशभर में गेहूं की खरीदी का काम तेजी से चल रहा है। दशकों से गेंहू उत्पादन से लेकर उसकी खरीदी में अव्वल रहने वाले पंजाब को अब बीते कुछ सालों से मप्र से चुनौती मिल रही है। फिर चाहे गेहूं का उत्पादन हो या फिर उसकी खरीदी का। इस बार भी अब तक देशभर में सर्वाधिक गेहूं की खरीदी का आंकड़ा मप्र के नाम पर ही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में अब तक 5 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है। इसकी वजह से ही मप्र गेंहू की खरीदी में पहले स्थान पर बना हुआ है। केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा 4,81,080 मीट्रिक टन की खरीद मध्यप्रदेश में हुई है। आमतौर पर गेहूं खरीदी में पहले स्थान पर पंजाब रहता है। इसकी वजह है वहां पर बहुत तेजी से खरीदी की जाती है, लेकिन इस बार वह अब तक पीछे चल रहा है। इसकी वजह है प्रदेश में जल्दी खरीदी का काम शुरू होना। इसके उलट पंजाब में एक अप्रैल से खरीदी की प्रक्रिया शुरू की गई है। शुरुआती दिन और चुनाव के चलते पंजाब की मंडियों में अभी गेहूं की आवक रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। अगर बीते साल की बात की जाए तो पंजाब ने देश में सबसे अधिक 1,21,16,774 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था। गौरतलब है कि प्रदेश में गेहूं की बिक्री पर किसानों को एमएसपी के ऊपर 125 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस मिल रहा है। पिछले साल मप्र एमएसपी पर सेंट्रल पूल में गेहूं बेचने वाला दूसरा प्रमुख राज्य था। हालांकि मप्र ने खरीद लक्ष्य नहीं हासिल कर पाया था। साल 2023 में मध्यप्रदेश को 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया गया था, जबकि यहां पर 71 लाख मीट्रिक टन की ही खरीद हो सकी थी।
देश के 19,54,970 किसानों का हुआ पंजीयन
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अनुसार इस वर्ष अब तक 19,54,970 किसानों ने एमएसपी पर सरकार को गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। यह रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 में गेहूं की एमएसपी का फायदा उठाने वाले किसानों की संख्या से कम है। पिछले वर्ष 21.28,159 किसानों सरकार को गेहूं बेचा था।
मध्यप्रदेश 12,446 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी
इस समय तक देश में गेहूं की दूसरी सबसे बड़ी खरीद राजस्थान में हुई है। यहां भी सरकार मध्यप्रदेश की तरह गेहूं की तय एमएसपी 2275 रुपए प्रति क्विंटल पर 125 रुपए का बोनस दे रही है। यानी किसानों को  गेहूं का दाम 2400 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है। पांच अप्रैल तक यहां पर 12,446 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका था ,जबकि उत्तरप्रदेश में अब तक सिर्फ 7,209 21 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है।
हुआ 32 करोड़ का भुगतान
गेहूं खरीदी का काम जारी रहने के दौरान ही सरकार ने किसानों से की गई खरीदी के एवज में अब तक किसानों को करीब 32 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया है। यह भुगतान एमएसपी के तौर पर किया गया है। इसमें से मप्र के किसानों के खाते में करीब 17 करोड़ 95 लाख रुपए आए हैं, जबकि 11 करोड़ 84 लाख रुपए राजस्थान और पौने दो करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश के किसानों को मिला है। सरकार अब आढ़तियों को किनारे हटाकर सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में एमएसपी का भुगतान कर रही है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन के वक्त किसानों के बैंक अकाउंट नंबर भी लिए गए हैं। अब तक देश के 1,816 किसानों को गेहूं बिक्री के बाद पैसा मिल चुका है।
कितने किसानोंं ने करवाया रजिस्ट्रेशन
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अनुसार इस वर्ष 19,54,970 किसानों ने एमएसपी पर सरकार को गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। यह बीते साल की तुलना में यह गेहूं की एमएसपी का फायदा उठाने वाले किसानों की संख्या से कम है। पिछले साल 21,28,159 किसानों ने सरकार को गेहूं बेचा था। फिलहाल, इस बार सर्वाधिक 15,35,016 किसानों ने मध्य प्रदेश में रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसके अलावा 2,61,083 किसानों ने उत्तर प्रदेश और 91,059 ने राजस्थान में गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया है। अभी तक हरियाणा के 32,214, बिहार के 13,273 और पंजाब के 11,344 किसानों के रजिस्ट्रेशन की सूचना है।  

Related Articles