- निवेशकों को मिलेंगी कई तरह की सहुलियतें
- गौरव चौहान
![नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी](https://www.bichhu.com/wp-content/uploads/2025/02/6-7-1024x566.jpg)
मप्र सरकार जल्द ही औद्योगिक नीति 2025 लागू करने जा रही है। इसके लिए मंत्री परिषद समिति और राज्य स्तरीय साधिकार समिति गठित कर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। नई नीति में 12 से ज्यादा सेक्टर शामिल किए गए हैं, जिनमें रोजगार पर विशेष फोकस होगा। दरअसल, भोपाल में 24 और 25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अधिक से अधिक निवेश हो इसके लिए प्रदेश सरकार नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी ला रही है। नई पॉलिसी में निवेशकों को जमीन खरीदने पर स्टाम्प-रजिस्ट्रेशन शुल्क में पूरी छूट दी जाएगी।
जानकारी के अनुसार इंडस्ट्रियल प्रमोशन पॉलिसी-2025 में इलेक्ट्रिक व्हीकल एवं ऑटोमोबाइल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग, टेक्सटाइल, गारमेंट एंड फुटवियर, आईटी, नवकरणीय ऊर्जा आदि सेक्टर्स के लिए अलग से पॉलिसी तैयार की गई है। वहीं नई नीति में सरकार गारमेंट, फुटवियर और खिलौना उद्योग को विशेष प्रोत्साहन देगी। इन सेक्टर में यूनिट लगाने पर उत्पादन शुरू होते ही 250 नई भर्तियों पर इंसेंटिव मिलेगा। प्रति पुरुष कर्मचारी 6000 रु. और प्रति महिला कर्मचारी 7000 रु. हर माह पांच साल तक इंसेंटिव दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए 15,000 रु. प्रति कर्मचारी का इंसेंटिव भी मिलेगा। यह लाभ सिर्फ एक बार ही मिलेगा। यह फायदा मप्र के स्थानीय कर्मचारियों को ही दिया जाएगा। इसके अलावा, ग्रीन हाइड्रोजन और ईवी सेक्टर में निवेश करने वाली कंपनियों को भी बड़ी छूट दी जाएगी।
वित्तीय सहायता भी देगी सरकार
उद्योगों को बढ़ावा देने सरकार वित्तीय सहायता भी देगी। ग्रीन इंडस्ट्री को अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट लगाने के लिए 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 करोड़ रुपए और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज यूनिट के लिए 10 करोड़ की सहायता दी जाएगी। उद्योग स्थापना के लिए जमीन खरीदने पर 100 प्रतिशत स्टांप शुल्क व रजिस्ट्रेशन फीस में अधिकतम 5 करोड़ तक की मदद। यदि यूनिट खुद की या लीज पर ली गई जमीन पर स्थापित की जाती है, तो बिजली, पानी, गैस पाइपलाइन, ड्रेनेज और सीवेज खर्च का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक की सहायता दी जाएगी। पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। दिव्यांगजनों को 5 प्रतिशत रोजगार देने पर उनकी ट्रेनिंग का 100 प्रतिशत खर्च और पीएफ में प्रति कर्मचारी 6,000 रुपए प्रति माह, 5 वर्षों तक दिए जाएंगे। एमपीआईडीसी पार्क में आवास, हॉस्टल, स्कूल और खेल परिसर बनाने पर लागत का 40 प्रतिशत या 25 करोड़ रुपए तक की मदद मिलेगी। वहीं एचटी कनेक्शन लेने वाली यूनिट को 7 साल के लिए बिजली बिल में छूट दी जाएगी। टेक्सटाइल, गारमेंट, टायर्स, फुटवेयर एवं एसेसरीज यूनिट के लिए 7 साल तक 2 रुपए प्रति यूनिट की दर लागू होगी। सीमेंट, आयरन एवं स्टील, फेरो अलॉयज, हैवी इंजीनियरिंग और अन्य सेक्टर को 7 साल तक 1 रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली दी जाएगी।
10 सेक्टर्स के लिए अलग-अलग पॉलिसीज
भोपाल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में और उसके बाद निवेशकों व उद्योगपतियों से प्रदेश में निवेश को लेकर जो भी एमओयू हों, वे सिर्फ कागजों में न रह जाएं, बल्कि जमीन पर उतरे, इसके लिए मप्र सरकार नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी ला रही है। इंडस्ट्रियल प्रमोशन पॉलिसी-2025 का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इसे कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा। खास बात यह है कि यह प्रदेश की पहली पॉलिसी होगी, जिसमें सभी उद्योगों के लिए एक मदर पॉलिसी के अलावा 10 सेक्टर्स के लिए अलग-अलग पॉलिसीज होंगी। नई पॉलिसी में प्रदेश में उद्योगों के लिए इंको सिस्टम (अनुकूल वातावरण) विकसित करने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की पहल के साथ निवेशकों को वित्तीय सहायता के साथ ही कई अन्य रियायतें देते हुए रोजगार सृजन पर जोर दिया गया है। नई पॉलिसी में इंडस्ट्रियल यूनिट्स को बिजली दरों में 7 साल तक की छूट देने का प्रावधान किया गया है। एचटी कनेक्शन में टेक्सटाइल, गारमेंट, फुटवियर्स और एसेसरीज यूनिट्स के लिए 2 रुपए प्रति यूनिट और सीमेंट, आयरन, स्टील, हेवी इंजीनियरिंग आदि सेक्टर्स के लिए एक रुपए प्रति यूनिट की रियायत दी जाएगी। बता दें कि पिछली कैबिनेट बैठक में प्रदेश में ड्रोन निर्माण के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए मप्र ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सेमीकंडक्टर नीति-2025 के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
11 साल बाद नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 11 साल बाद नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी तैयार की गई है। इससे पहले वर्ष 2014 में इंडस्ट्रियल पॉलिसी लाई गई थी। अब इस पॉलिसी में बड़े स्तर पर संशोधन किए गए है। मंत्रि परिषद समिति और राज्य स्तरीय साधिकार समिति ने मिलकर नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया है। मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि नई पॉलिसी में सरकार जमीन खरीदने पर निवेशकों को स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन शुल्क में 100 प्रतिशत (अधिकतम 5 करोड़) तक की छूट देने का प्रावधान किया गया है। खुद की या लीज पर जमीन होने की स्थिति में बिजली, पानी, गैस पाइपलाइन, ड्रैनेज और सीवेज खर्च का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ रुपए की सहायता निवेशक को दी जाएगी। नई पॉलिसी में नए उद्योग लगाने वालों को उत्पादन शुरू होते ही 250 नई भर्तियों पर सरकार की ओर से इन्सेंटिव देने का प्रावधान किया गया है। पुरुष कर्मचारियों के लिए 6 हजार रुपए और महिला कर्मचारियों के लिए 7 हजार रुपए प्रति माह इन्सेंटिव दिया जाएगा। इन्सेंटिव की यह सुविधा 5 साल तक जारी रहेगी। इसके अलावा सरकार प्रति कर्मचारी 15 हजार रुपए ट्रेनिंग इन्सेंटिव देगी। ट्रेनिंग इन्सेंटिव सिर्फ एक बार मिलेगा। इसका फायदा प्रदेश के स्थानीय निवासियों को दिया जाएगा। पॉलिसी के मुताबिक पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। पॉलिसी में ग्रीन इंडस्ट्री के लिए वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट लगाने पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 करोड़ की सहायता दी जाएगी। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज यूनिट के लिए 10 करोड़ रुपए तक की सहायता मिलेगी।