भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स नीति को लागू किया है। इससे भोपाल के चारों महानगरों को बड़ा फायदा होगा। इससे इन शहरों को वैश्विक परिचालन केंद्रों के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। इसे नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता का केंद्र बनने की दिशा में आगे बड़ाने वाला कदम माना जा रहा है। दरअसल, इस नीति के लागू होने से जिन चार शहरों को फायदा होगा, उसमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहर शामिल हैं। इन्हें देश के टियर-2 में माना जाता है। आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी-2023 की सफलता को आगे बढ़ाते हुए यह नई नीति मध्यप्रदेश को एक सशक्त जीसीसी ईको सिस्टम प्रदान करने और राज्य को भारत के तकनीकी विकास में अग्रणी बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हाल ही में इस नीति को कैबिनेट की स्वीकृति मिल चुकी है, जो इसके रणनीतिक महत्व और प्रभावी क्रियान्वयन के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाती है। भारत पहले से ही वैश्विक जीसीसी परिदृश्य में अग्रणी है, जहां इसका 50 फीसदी से अधिक बाजार हिस्सेदारी है और 2023 में यह सेक्टर 46 अरब डॉलर का था, जो 2030 तक 110 अरब डॉलर से अधिक होने की संभावना है। वर्तमान में भारत में 1,600 से अधिक जीसीसी परिचालन में हैं, जहां 19 लाख से अधिक पेशेवर काम करते हैं। अगले पांच सालों यानि की 2030 तक यह संख्या 45 लाख तक पहुंचने की संभावना बनी हुई है। यही वजह है कि इस क्षेत्र में मप्र के उतरने के लिए सबसे अच्छा समय माना जा रहा है। इससे प्रदेश को करीब 2,400 से अधिक जीसीसी केंद्रों में हिस्सेदारी मिल सकती है।
मध्यप्रदेश की जीसीसी नीति में पारंपरिक परिचालन के लिए लेवल-1 जीसीसी और उच्च-मूल्य नवाचार के लिए एडवांस जीसीसी का लक्ष्य तय किया गया है। नीति आईटी/आईटीईएस, ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल्स, जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम और अन्य तकनीकी क्षेत्रों पर केंद्रित है। राज्य में 5 विशेष आर्थिक क्षेत्र और 15 से अधिक आईटी पार्क हैं, जो उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों के लिए समर्पित उत्कृष्टता केंद्रों से सुसज्जित हैं। मध्यप्रदेश की स्वच्छतम शहरों में पूरे वर्ष कम वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया जाता है, जिससे श्रेष्ठ जीवनशैली और कार्य-जीवन संतुलन सुनिश्चित होता है। यहां कम यात्रा समय और किफायती जीवन यापन के कारण पेशेवरों और व्यवसायों के लिए यह आदर्श स्थान बनता जा रहा है। स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य की कुल स्थापित क्षमता का 27 फीसदी नवकरणीय ऊर्जा स्रोतों से आता है और ओपन एक्सेस नीतियों के तहत उद्योगों को इसका अधिकतम लाभ मिल रहा है।
मध्यप्रदेश में निवेश और व्यवसायों की स्थापना को सरल बनाने के लिए नो क्वेरी पोर्टल के माध्यम से सिंगल विंडो क्लियरेंस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। निवेशकों को मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के माध्यम से व्यापक सहायता प्रदान की जाती है। मध्यप्रदेश में व्यवसाय संचालन की लागत मेट्रो शहरों की तुलना में काफी कम है, जहां कार्यालय स्थान पर 50 प्रतिशत तक की बचत, संचालन लागत में 55त्न तक की कमी और रहने की लागत 60 प्रतिशत तक कम है, जिससे यह कंपनियों और पेशेवरों के लिए एक आकर्षक स्थान बनता जा रहा है।