- 15 लाख से अधिक कर्मचारियों-पेंशनर्स को मिलेगा फायदा
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के 7.5 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों, साढ़े चार लाख पेंशनर्स और करीब 3 लाख निगम-मंडलों के कर्मचारियों को अब कैशलेस इलाज मिलेगा। इसके लिए मप्र सरकार उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सरकार की तर्ज पर सरकारी कर्मचारियों के लिए इलाज की आयुष्मान योजना जैसी स्कीम ला रही है। सरकार ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसके मुताबिक 5 लाख रुपए तक सामान्य और 10 लाख रुपए तक गंभीर बीमारियों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।
वर्तमान में मप्र के सरकारी कर्मचारियों को जो स्वास्थ्य सुविधाए मिल रही है उसके लिए प्रदेश सरकार ने अगस्त 2022 में चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियमों में संशोधन किया था। जिसके मुताबिक, राज्य के कर्मचारियों को केंद्रीय स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) में तय रेट के हिसाब से बीमारी के इलाज पर खर्च किया जाता है। उदाहरण के तौर पर देखें तो लिवर ट्रांसप्लांट के लिए सरकार 4 लाख रुपए देती है। यह राशि भी पहले कर्मचारी को खर्च करना पड़ती है, बाद में जब वह बिल लगाता है तो भुगतान किया जाता है। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए करीब 20 लाख रुपए तक का खर्च आता है। यह सुविधा पेंशनर्स को भी मिलती है। लेकिन अब सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को कैशलेस सुविधा मिलेगी।
कर्मचारियों से लिया जाएगा अंशदान
प्रस्तावित ड्राफ्ट के मुताबिक योजना का नाम मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना होगा। योजना का लाभ लेने वाले कर्मचारियों से अंशदान लिया जाएगा। यह राशि उनके वेतन से काटी जाएगी। अंशदान 250 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक हो सकता है। मप्र सरकार ने अगस्त, 2022 में चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियमों में संशोधन किया था, जिसके मुताबिक राज्य के कर्मचारियों को केंद्रीय स्वास्थ्य योजना में तय रेट के हिसाब से बीमारी के इलाज पर खर्च किया जाता है। इसका लाभ प्रदेश के निगम, मंडल समेत राज्य सरकार के 15 लाख कर्मचारियों, पेंशनर्स के परिवारों को मिलेगा। इस योजना में कर्मचारियों को वेतन से हर साल 3000 से लेकर 12,000 रुपए अंशदान काटा जाएगा और शेष राशि सरकार जमा कराएगी। खास बात यह है कि कर्मचारियों के परिवार को इलाज की कैशलेस सुविधा होगी। योजना में कर्मचारियों के लिए सामान्य बीमारी में 5 लाख रुपए और गंभीर बीमारी में 10 लाख रुपए तक कैशलेस इलाज की सुविधा देने का प्रावधान किया जा रहा है। जांच और इलाज के बाद शासन के कर्मचारी अपने विभाग से रिफंड भी ले सकेंगे।
2019 में बना था प्रस्ताव…शिवराज ने की थी घोषणा
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना शुरू होने के बाद कर्मचारी संगठनों ने इसी तरह की योजना लागू करने की मांग शुरू की थी। कांग्रेस ने इसे अपने चुनावी वचन पत्र में भी शामिल किया था। 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा कराने और कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने योजना का प्रस्ताव बनाया था। इसमें बीमा राशि का कुछ हिस्सा कर्मचारियों से लेकर 5 लाख से 10 लाख रुपए तक कैशलेस उपचार कराया जाना था। फरवरी, 2022 में इसका आदेश भी जारी हुआ था, लेकिन मार्च, 2022 में कमलनाथ सरकार गिर गई और एक बार फिर शिवराज सरकार सत्ता में आई। शिवराज सरकार ने इस प्रस्ताव पर नए सिरे से काम किया। विधानसभा चुनाव-2023 से पहले तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 4 जुलाई, 2023 को राजधानी के लाल परेड ग्राउंड पर संविदा कर्मचारियों के सम्मेलन को संबोधित किया था। इस दौरान तत्कालीन सीएम ने संविदा सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और इस वर्ग के अन्य कर्मचारियों को आयुष्मान योजना का लाभ देने की घोषणा की थी।
अन्य राज्यों में यह है प्रावधान
यूपी सरकार ने साल 2022 में 22 लाख सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू की है। योजना का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना है। इसके जरिए सरकारी के अलावा निजी अस्पतालों में 5 लाख तक का इलाज मुफ्त मिलता है। योजना का फायदा उन्हीं को मिलता है, जिनके स्टेट हेल्थ कार्ड बने हैं। यूपी सरकार की योजना में ऑफलाइन आवेदन की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाते हैं। हरियाणा सरकार ने इसी साल इस योजना की शुरुआत की है। पहले कुछ विभागों के कर्मचारियों के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत योजना शुरू की गई। इसके बाद सरकार ने सभी विभागों के लिए इसे लागू कर दिया। योजना का फायदा कर्मचारियों को परिवार पहचान पत्र देने के बाद ही मिलेगा।