भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के संविलियन के बाद कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मप्र अलाइड एंड हेल्थ केअर प्रोफेशंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। इसका गठन होने के बाद अलाइड-हेल्थकेयर से जुड़े 56 प्रकार के पेशेवरों को रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो जाएगा। इस दायरे में सीटी स्कैन करने वाले तकनीकी स्टाफ से लेकर एनेस्थिसिया देने वाले तक आ जाएंगे। खास ये कि इस हाईपॉवेर काउंसिल के अधीन चार बोर्ड भी गठित होंगे। ये हेल्थ केअर के विभिन्न क्षेत्रों के रजिस्ट्रेशन से लेकर मॉनीटरिंग व संचालन तक का काम करेंगे। इसमें यदि कोई नियम नहीं मानता है तो उस संस्थान या पेशेवर को न्यूनतम एक और अधिकतम तीन साल तक जेल या न्यूनतम एक लाख व अधिकतम पांच लाख जुर्माने या दोनों की सजा दी जा सकेगी। इस काउंसिल के गठन के बाद मध्यप्रदेश मेडिकल को-काउंसिल खत्म हो जाएगी। उसे भंग करके इसमें मर्ज कर दिया जाएगा। मप्र अलाइड एंड हेल्थ केअर प्रोफेशंस काउंसिल में अध्यक्ष, पदेन सचिव सहित सदस्य व पूरी बॉडी रहेगी। डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन वाली मुख्य मेडिकल काउंसिल इससे प्रभावित नहीं होगी। हेल्थ केअर की नई गठित काउंसिल के अधीन चार बोर्ड-मंडल भी बनेंगे। इसमें पहला, ग्रेजुएट एसोसिएट एंड हेल्थ केअर एजुकेशन बोर्ड और दूसरा पोस्ट ग्रेजुएट एसोसिएट एंड हेल्थ केअर एजुकेशन बोर्ड गठित होगा। अलाइड एंड हेल्थ केअर प्रैक्टिसनर्स असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड और चौथा बोर्ड ऑफ एफीलेटेड एंड हेल्थ केअर प्रैक्टिसनर्स एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन होगा। इन चार बोर्ड के तहत काम व अधिकारों को बांटकर काउंसिल सहयोगी पेशवरों की मॉनिटरिंग करेगी। मुख्य काउंसिल सहित चारों बोर्ड में अध्यक्ष सहित पूरी बॉडी बनेगी। बोर्ड अध्यक्ष संबंधित क्षेत्र के व्यवसायी हो सकेंगे। कार्यकाल पांच साल का रहेगा।
19/04/2024
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