तीन दर्जन सीटों पर… मातृ शक्ति रही उदासीन

  • गौरव चौहान
 मातृ शक्ति

भाजपा की लाड़ली बहन योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, गांव की बेटी योजना और कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल नारी सम्मान योजना चुनाव में छायी रही। दोनों पार्टियों का दावा था, कि हमारी योजना की वजह से महिलाएं हमें वोट देकर सरकार बनवाएंगी। हालांकि प्रदेश की 64 सीटों पर इस बार 80 प्रतिशत से अधिक महिलाएं वोट डालने आगे आई हैं। लेकिन 38 सीटें ऐसी भी रही हैं ,जहां इन योजनाओं का जादू चुनाव में देखने को नहीं मिला है। इन सीटों पर पिछले चुनाव की अपेक्षा महिलाओं का वोट प्रतिशत कम रहा। जबकि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस का पूरा फोकस महिलाओं पर अधिक रहा। भाजपा ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, गांव की बेटी योजना, मेधावी विद्यार्थी योजना, सीएम कन्या विवाह, सीएम कन्या निकाह योजना के बाद मास्टर स्ट्रोक लगाते हुए विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लाड़ली बहना योजना लागू की।
गौरतलब है कि मप्र में विधानसभा चुनाव में इस बार बंपर वोटिंग हुई। चुनाव में महिलाओं ने भी बढ़-चढक़र  भागीदारी की। पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में महिलाओं ने 2.0 प्रतिशत ज्यादा मतदान किया। वर्ष 2018 के चुनाव में महिलाओं ने 74.03 प्रतिशत मतदान किया था, जबकि इस चुनाव में महिलाओं ने 76.03 प्रतिशत वोटिंग की। भाजपा महिलाओं के ज्यादा मतदान को लाड़ली बहना योजना से जोडक़र  देख रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि लाड़ली बहना योजना ने चुनाव में ज्यादा महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया है, जिसका सीधा फायदा पार्टी को मिलेगा, जबकि कांग्रेस महिलाओं के बढ़े हुए मतदान प्रतिशत को सत्ता विरोधी लहर से जोडक़र  देख रही है।
विंध्य, मालवा और निमाड़ में निराशा
खास बात यह है कि प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 38 सीटें ऐसी हैं, जहां महिलाओं ने पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार कम वोटिंग की है। इनमें विंध्य, मालवा और निमाड़ अंचल की सीटें ज्यादा हैं। हालांकि कुछ सीटों पर पिछले और इस बार के मतदान प्रतिशत में अंतर न के बराबर है। जिन सीटों पर महिलाओं ने कम वोटिंग की है, वहां के चुनाव परिणाम किस पार्टी के पक्ष में जाएंगे, यह 3 दिसंबर को सामने आएगा। गौरतलब है कि लाड़ली बहना योजना ने इस चुनाव को महिला केंद्रित कर दिया था। प्रदेश में महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 72 लाख से ज्यादा है। इस चुनाव में महिलाओं ने सबसे ज्यादा वोटिंग केवलारी विस क्षेत्र में की। यहां महिलाओं ने 88.12 प्रतिशत वोटिंग की। ऐसे ही सबसे कम 52.49 प्रतिशत वोटिंग जोबट विधानसभा क्षेत्र में हुई। प्रदेश में 73 सीटों पर महिलाओं ने 80 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग की। विधानसभा क्रमांक 102 सिहोरा से विधानसभा क्रमांक 129 मुलताई तक सभी 28 सीटों पर महिलाओं के मतदान का प्रतिशत 80 से ज्यादा रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना लाड़ली बहना ने उनके विधानसभा क्षेत्र बुधनी में इस बार महिलाओं का मतदान प्रतिशत 2.16 बढ़ दिया। बुधनी में इस चुनाव में महिलाओं ने 82.77 प्रतिशत वोटिंग की, जबकि पिछले चुनाव में यहां 80.61 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया था। चुनाव आयोग के आंकड़ों से यह बात सामने आई कि भोपाल जिले की सात में से तीन सीटों पर भी महिलाओं ने पिछले चुनाव की तुलना में इस बार कम मतदान किया है। इनमें नरेला, दक्षिण पश्चिम और मध्य विधानसभा सीट शामिल है। नरेला सीट पर इस बार 64.79 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि पिछले चुनाव में यहां 65.76 प्रतिशत मतदान हुआ था। ऐसे ही इस बार दक्षिण पश्चिम सीट पर 59.66 प्रतिशत, जबकि पिछले चुनाव में 65.42 प्रतिशत और मध्य सीट पर इस बार 59.54 प्रतिशत और पिछली बार 61.82 प्रतिशत मतदान हुआ था। दक्षिण पश्चिम सीट पर दोनों चुनाव में मतदान का अंतर सबसे ज्यादा 5.88 प्रतिशत रहा।
इन सीटों पर पुरुषों को महिलाओं ने पीछे छोड़ा
मध्य प्रदेश में परसवाड़ा विधानसभा सीट जहां महिलाओं ने मतदान में पुरुषों को पीछे छोड़ा है। उन सीटों में परसवाड़ा सीट ऐसी है, जहां 85.97 पुरुषों की अपेक्षाकृत 86.98 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया है। वहीं महिलाओं के सर्वाधिक मतदान पर गौर करें तो, केवलारी में सर्वाधिक 88.12 प्रतिशत  उसके बाद चौरई में 87.88 बरघाट में 87.81 और अमरवाड़ा में 87.62 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में महिलाओं ने इन सीटों पर पुरुषों को पीछे छोड़ा है। जिसमें पवई, पन्ना, चित्रकूट, रैगांव, नागौद, मैहर, अमरपाटन, रामपुर बघेलान, सिरमौर, सेमरिया, त्यौंथर, मऊगंज, देवतालाब मनगवा, गुड, चुरहट, सीधी, सिंघवाल, चितरंगी, धौहनी, ब्यौहारी, जयसिंहनगर, जैतपुर, अनूपपुर, पुष्पराजगढ़, मानपुर, विजयराघवगढ़, सिहोरा, बिछिया, निवास, बैहर लांजी, परसवाड़ा और भोपाल दक्षिण पश्चिम। एक करोड़ 31 लाख से अधिक लाड़ली बहनाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है। इस योजना में पहले आयु सीमा 23 साल से शुरू थी जिसे कम कर 21 साल किया जा चुका है। वहीं कांग्रेस की नारी सम्मान योजना में बिना किसी प्रतिबंध के सभी महिलाओं को योजना का लाभ दिया जाना है कांग्रेस अगर चुनाव जीती है तो वह योजना में 18 साल से ऊपर की सभी महिलाओं का योजना के तहत 1500 मासिक दे सकती है। इन योजनाओं ने महिला मतदाताओं को मतदान के लिए घर से बाहर निकालने का काम किया।

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