बाघों के दीदार के लिए हर माह दो लाख से अधिक पर्यटक आए मप्र

बाघों के दीदार
  • स्थानीय स्तर पर आर्थिक स्थिति को भी मिल रही मजबूती

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र को टाइगर स्टेट बनाने का फायदा पर्यटन क्षेत्र में मिलने लगा है। इसकी वजह से अब प्रदेश के बाघों के दीदार करने के लिए पर्यटक मप्र में रुख कर रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बीते एक साल में ही प्रदेश में बाघ देखने के लिए औसतन हर माह दो लाख से अधिक पर्यटक आए हैं। इससे तमाम टाइगर रिजर्व के आसपास के इलाकों में अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। यही नहीं विभाग को भी बीते साल की तुलना में 13 फीसदी अधिक आय हुई है। दरअसल दो साल पहले हुई गणना में प्रदेश में 785 बाघ पाए गए थे। अब इन्हें देखने के लिए पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इस मामले में कान्हा टाइगर रिजर्व पर्यटकों की पहली पसंद बनकर उभरा है। इसकी वजह से यहां से होने विभाग की आय भी सर्वाधिक 8 करोड़ तक पहुंच चुकी है। अहम बात यह है कि कभी बाघ विहीन रहे पन्ना टाइगर रिजर्व में ही अब 90 से ज्यादा टाइगर हैं, इससे यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या पचास हजार से बढक़र दो लाख से अधिक हो गई है।
कमाई भी छह करोड़ तक पहुंच गई है। दरअसल, प्रदेश सरकार ने टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की सुविधाओं के लिए बहुत कम किया है।  बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने ईको विकास समितियों को प्रभावी ढंग से पुर्नजीवित करने में मेहनत की है। कान्हा-पेंच वन्य-जीव विचरण कॉरिडोर का प्रबंधन स्थानीय समुदायों, सरकारी विभागों, अनुसंधान संस्थानों और नागरिक संगठन करते हैं। गौरतलब है कि पिछले साल में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी टाइगर रिजर्व के प्रभावी प्रबंधन की रिपोर्ट में देश के टॉप फाइव टाइगर रिजर्व में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को देश में दूसरा स्थान मिला था।
आसानी से दिखते हैं टाइगर
पन्ना टाइगर रिजर्व के पास अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल खजुराहो के होने से भी इस रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। आवागमन के लिए भी यहां पर अच्छी सडक़ों का निर्माण किया गया है। बेहतरीन पार्क प्रबंधन और सोशल मीडिया में प्रचार से भी फायदा हुआ। अहिधकांश इलाके में खुला वन क्षेत्र है। इसकी वजह से यहां पर पर्यटकों को बाघ आसानी से दिख जाते हैं।
पर्यटकों की पसंद वाले रिजर्व
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कई ऐसे टाइगर रिजर्व हैं, जहां पर पर्यटक आना अधिक पसंद करते हैं। अगर बीते एक साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो कान्हा टाइगर रिजर्व 2.41 लाख , सतपुड़ा टाइगर रिजर्व 3.49 लाख , पन्ना टाइगर रिजर्व 2.34 लाख  और बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 1.78 लाख पर्यटक पहुंचे हैं। इनमें इसके आसपास के पर्यटक स्थलों पर आने वाले लोगों की संख्या भी शामिल है।
बढ़ रहा है रोजगार
बालाघाट के श्रीनिवास चौधरी बताते हैं कि कान्हा टाइगर रिजर्व से हर दिन कम से कम 300 लोगों को रोजगार मिल रहा है। ग्रामीण आरती गौंड़ के अनुसार हर दिन चटनी के साथ कोदो-कुटकी की रोटी खिलाने से तीन-चार सौ रुपए की कमाई हो जाती है। नेशनल अवॉर्ड प्राप्त पन्ना टाइगर रिजर्व में गाइड मनोज दुबे कहते हैं कि 131 गाइड को रोजगार मिल रहा है। अकेले मंडला गेट से ही 90 वाहनों का आना-जाना रहता है। दरअसल, प्रदेश के 11 नेशनल पार्क और 24 अभयारण्यों में देशीविदेशी पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 2023 में 26.49 लाख पर्यटक पहुंचे। वहीं वन विभाग कमाई एक साल में 48.56 करोड़ से बढक़र 55.65 करोड़ पहुंच गई।

Related Articles