- शिकायतें करने में भाजपा से काफी आगे कांग्रेस
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियों ने जहां पूरा दमखम लगा दिया है, वहीं एक-दूसरे की खामियों पर भी नजर रखी जा रही है। खासकर भाजपा और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। जरा की गलती या खामी नजर आते ही चुनाव आयोग में शिकायत कर दी जाती है। पिछले 33 दिन में 700 से अधिक शिकायतें चुनाव आयोग पहुंच चुकी हैं। यानी हर दिन 21 से अधिक शिकायतें हो रही है। गौरतलब है की चुनाव आयोग ने प्रदेश में निष्पक्ष और विवाद रहित चुनाव कराने के लिए कई कदम उठाया है। वहीं राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करने का कोई मौका नहीं चुक रही हैं। रोजाना कांग्रेस और भाजपा की ओर से चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई जा रही है। शिकायत करने में सबसे आगे कांग्रेस है, जबकि भाजपा ने 33 दिनों के अंदर 140 शिकायतें आयोग में दर्ज कराई हैं। हालांकि भाजपा का दावा है कि प्रदेश भर में पुलिस थाने और प्रशासन में कांग्रेस के खिलाफ 1000 से अधिक शिकायतें की गई है। कांग्रेस ने 400 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई हैं। कांग्रेस ने सवाल भी उठाया है कि कभी 300 अधिक शिकायतों पर चुनाव आयोग की तरफ से एक्शन नहीं लिया गया है, जबकि गंभीर मुद्दों को लेकर शिकायत की गई है। प्रत्याशियों के नामांकन फार्म में गलत जानकारी और प्रत्याशियों की परिवार के अवैध लेनदेन से जुड़ी हुई शिकायतें शामिल है।
तय समयावधि में हों शिकायतें दूर
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने स्पष्ट किया है कि सभी शिकायतों को लेकर कार्रवाई की जा रही है। कई मामलों में आयोग की ओर से सरकार को निर्देश भी दिए गए हैं। अफसरों की पोस्टिंग और अन्य मामलों को लेकर कार्रवाई भी की गई है। राजनीतिक पार्टियों के आरोप को लेकर कहना है कि शिकायत पर एक्शन लेने के लिए जांच होनी आवश्यक होती है। इसलिए प्रक्रिया में है, उन पर भी आयोग रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लेगा। चुनाव आयोग ने सी-विजिल एप को व्यवस्था की है, जिसमें दर्ज शिकायत का निराकरण 100 मिनट में करना जरूरी है। आचार संहिता लागू होने से अब तक कुल 330 शिकायतें दर्ज की जा चुकी है। इसके अलावा व्यक्तिगत रूप से राजनीतिक दलों ने शिकायतें की है। उनका आंकड़ा 500 से ज्यादा है। अफसरों का कहना है कि तय समयावधि में शिकायतें दूर की गई है। ईमेल और टेलीफोन के जरिए मी शिकायत की जा रही है। एक महीने में 103 शिकायते की गई है। इनमें से 86 शिकायतों का निराकरण किया गया है। चुनावों कंट्रोल रूम 24 घंटे खुला रहता है। इसके लिए कुल 24 कर्मचारियों को ड्यूटी लगाई गई है। एक शिफ्ट में 8 कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है।
300 से अधिक शिकायतें पेंडिंग
आयोग के पास जो शिकायतें पहुंची हैं, उनमें जातिवाद के हिसाब से पोस्टिंग, 3 साल से अधिक एक ही पर पद पर तैनाती, सरकार की योजनाओं को लेकर शिकायत, अधिकारियों पर आरोप – शिकायत के नहीं हुई कार्रवाई, नेताओं की मदद का आरोप, वोटिंग में लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप, अभ्यर्थी के खिलाफ गलत जानकारी देना और अवैध लेनदेन और आचार संहिता का उल्लंघन आदि है। कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष केके मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस ने आचार संहिता के उल्लंघन के अलावा कई मुद्दों पर शिकायत की है। आयोग के पास 300 से अधिक शिकायत पेंडिंग है। इस मामले पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपन राजन से भी एक्शन लेने के लिए कहा है। भाजपा विधि प्रकोष्ठ के सह संयोजक अशोक विश्वकर्मा का कहना है कि भाजपा आचार संहिता के नियमों के तहत शिकायतें की है। प्रदेश भर में भाजपा के विधि प्रकोष्ठ की ओर से 1 हजार से ज्यादा शिकायतें पुलिस थानों और प्रशासन से की है। अधिकांश मामलों पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की गई है।