मानसून से पहले आई बारिश से मूंग की फसल हुई बर्बाद

मूंग की फसल

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के कई क्षेत्रों में मानसून आने से पहले ही अचानक आई बारिश की वजह से मूंग की फसल बर्बाद हो गई। इसका सबसे ज्यादा असर जबलपुर संभाग में देखा गया। दरअसल यहां इस साल मूंग की बंपर पैदावार हुई है लेकिन भारी बारिश के चलते नुकसान की भी खबरें आ रही हैं।
कई जगह तो मूंग की फसल बर्बाद ही हो गई। नरसिंहपुर के विधायक जालम सिंह पटेल ने किसानों के साथ जाकर सर्वे कर मुख्यमंत्री को आर्थिक सहायता देने के लिए पत्र लिखा है। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एमपी प्रजापति ने भी मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री को एक हफ्ते में नुकसान का सर्वे करवाने के लिए पत्र लिखा है। उनका कहना है कि नरसिंहपुर में मूंग फसल को भारी नुकसान हुआ है और किसानों पर कोरोना के बाद यह दूसरा संकट आया है। ग्राम कपूरी के एक किसान बाबूलाल ने बताया कि हमने 18 एकड़ में मूंग बोई थी जिसमें से करीब 7 एकड़ की फसल खराब हो गई है। जो मूंग कट चुकी थी वह भी खेतों में पानी भरने से कटी मूंग अंकुरित होने लगी है।
पानी से खेत लबालब हुए, किसानों को नुकसान
बता दें कि प्री मानसून बारिश से  जबलपुर संभाग के नरसिंहपुर व जबलपुर जिले में मूंग की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां  75 फीसदी मूंग की फसल बर्बाद हो गई है।  दरअसल नरसिंहपुर जिले में इस साल किसानों ने करीब 80 हजार हेक्टेयर में मूंग बोई थी। वहीं जबलपुर जिले में करीब 62 हेक्टेयर में मूंग बोई गई। प्री मानसून की बारिश से खेत लबालब हो जाने की वजह से मूंग को उठाने के लिए खेत में अंदर ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं जा पा रहे हैं। यही वजह है कि किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक किसानों की करीब तीस फीसदी मूंग की फसल खेत में कटी पड़ी है। वहीं करीब 50 फीट पानी में डूबी है और अभी करी ही नहीं है। जबलपुर के सिहोरा, गोसलपुर क्षेत्र में आठ पंचायतों के करीब 150 गांव ऐसे हैं जहां प्रत्येक गांव में करीब 150 से 300 एकड़ में मूंग की फसल बोई थी। अब यहां खेत पानी से लबालब भरे हैं। जिसमें फसल उठाने किसान खेतों में नहीं जा पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि मानसून की बारिश फिर और हो जाती है तो हमारा नुकसान और बढ़ जाएगा। किसानों का यह भी कहना है कि कटी मूंग अंकुरित तक हो गई है। उल्लेखनीय यह भी है कि इस वर्ष कृषि मंत्री ने पूर्व में कहा था कि मूंग की खरीद होगी और इसके लिए 7196 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य रखा गया था। जिसके बाद व्यापारियों ने किसानों को 62 सौ रुपए के हिसाब से ऑफर दिया था। सरकार ने बाद में मूंग की फसल लेने से इनकार कर दिया। ऐसे में व्यापारियों ने इसका दाम 55 सौ रुपए प्रति क्विंटल कर दिया। हालांकि अब फिर से सरकार ने 15 जून से मूंग को समर्थन मूल्य पर लेने का कहा है। ऐसे में व्यापारियों ने फिर से इसके दाम बढ़ा दिए और अब मूंग के दाम 62 से 63 सौ रुपए कर दिए हैं।

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