- बंद सीपीए को फिर से शुरू करने की कवायद शुरू
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जिस सीपीए (राजधानी परियोजना प्रशासन)को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाकाबिल मानते हुए बंद कर दिया था, उसे वर्तमान मोहन सरकार फिर से शुरू करने की कवायद शुरू कर चुकी है। करीब दो साल बाद सीपीए को शुरू करने की कवायद राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर के प्रयास से शुरू की जा रही है। गौरतलब है कि इसी साल मार्च माह में सीपीए को चालू करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि एक अधिकारी की जिद के कारण 17 मार्च, 2022 को कतिपय कारणों से सीपीए बंद कर दिया गया था। इसको लेकर न तो जनप्रतिनिधियों से चर्चा की गई और न ही उन्हें विश्वास में लिया गया। बताया जा रहा है मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीपीए को बंद करने के मामले को गंभीरता से लिया है। सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार के एक और फैसले को डॉ. मोहन यादव सरकार बदलने जा रही है। करीब दो साल पहले शिवराज सरकार द्वारा बंद किए गए राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) को फिर से शुरू किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शासन स्तर पर विधिवत निर्णय ले लिया गया है और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इसका पूरा प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। सीपीए बंद करने के पीछे तत्कालीन सीएम से ज्यादा प्रमुख प्रशासनिक पद पर बैठे अफसर की नाराजगी अहम वजह बताई गई थी। यहां तक कहा गया था कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से ऐसा कराया। हालांकि, आधिकारिक तौर पर खराब सडक़ों और सीपीए के डिपॉजिट वर्क न करने को वजह बताया गया। अब यह अफसर रिटायर हो चुके हैं।
औपचारिक रूप से फिर शुरू होगा….
लोकसभा चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश में लगी चुनाव आचार संहिता हटने के बाद होने वाली पहली ही कैबिनेट बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव लाया जाएगा। इसके बाद सीपीए फिर औपचारिक रूप से शुरू कर दिया जाएगा। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने सीपीए चालू करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा था। इसमें कहा था कि एक अधिकारी की जिद के कारण 17 मार्च, 2022 को कतिपय कारणों से सीपीए बंद कर दिया गया था। इसको लेकर न तो जनप्रतिनिधियों से चर्चा की गई और न ही उन्हें विश्वास में लिया गया। पत्र में आगे कहा था। कि राजधानी के सुनियोजित विकास के लिए 1960 में सीपीए बनाया गया था। एजेंसी ने सतपुड़ा, विंध्याचल, मंत्रालय, वाल्मी जैसे बड़े-बड़े भवनों का निर्माण किया। शहर में हरियाली विकसित की। सीपीए बंद होने के बाद इसके अधिकांश कर्मचारियों को लोक निर्माण विभाग में भेज दिया गया था। वही विभिन्न विभागों से प्रतिनियुक्ति पर आए कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में भेज दिया गया था। परियोजना की सिटी फारेस्ट शाखा में कार्यरत कर्मचारियों को वन विभाग में भेजा गया था। अब इन्हें वापस बुलाया जाएगा और बंद पड़े कार्यालयों को उन्हीं स्थानों पर फिर से शुरू किया जाएगा।
जिसने बंद किया वहीं शुरू करेंगे
यह भी संयोग है कि नीरज मंडलोई जब लोक निर्माण विभाग में प्रमुख सचिव थे तब सरकार द्वारा बंद करने के निर्णय के आदेश उनके ही हस्ताक्षर से जारी हुए थे। अब जब सीपीए को शुरू करने का फैसला लिया गया है तो वे प्रमुख सचिव नगरीय विकास व आवास हैं। शुरू करने का आदेश भी उनके ही हस्ताक्षर से ही जारी होने की संभावना है। गौरतलब है कि शहर की बदहाल सडक़ों को लेकर अगस्त, 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। अफसरों को फटकार लगाते हुए कहा था कि राजधानी की सडक़ों की जिम्मेदारी एक या दो एजेंसी के पास होना चाहिए। ढेर सारी एजेंसियों की क्या जरूरत है। उन्होंने सीपीए की कोई जरूरत न बताते हुए इसे तत्काल बंद करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, कामों और अधिकारियों-कर्मचारियों के बंटवारे की वजह से इसमें काफी समय लग गया। सडक़ें और इंजीनियर पीडब्ल्यूडी को सौप दिए गए और पार्क नगर निगम और फॉरेस्ट में बंट गए।