लाड़ली लक्ष्मी को धनवान बनाएगी मोहन सरकार

  • 48 लाख लाड़ली लक्ष्मी को… छात्रवृति के साथ ही दिए जाएंगे दो लाख
  • दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग
  • गौरव चौहान
मोहन सरकार

लाड़ली बहना पर मेहरबान मोहन सरकार अब लाड़ली लक्ष्मी को धनवान बनाएगी। प्रदेश सरकार अब लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाली बेटियों को खुश करने की योजना बना रही है। इस योजना के तहत 21 वर्ष की उस पूरी होने पर उन्हें छात्रवृति के साथ ही दो लाख रुपए भी दिए जाएंगे। इस प्रस्तावित योजना को इस साल के अंत तक लागू करने की योजना है। वर्तमान में, उन्हें 1 लाख 43 हजार रुपए मिलते हैं। अभी उन्हें एक लाख 43 हजार रुपये मिलते हैं। सभी लाड़लियों को इस योजना का लाभ देने की तैयारी है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना वर्ष 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रारंभ की थी, जिसमें एक जनवरी 2006 के बाद जन्मी बेटियों को शामिल किया गया था। अब प्रदेश में 48 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मी योजना की लाभार्थी हैं। इस योजना से शिशु लिंगानुपात और बालिकाओं की शिक्षा में आए सुधार से सरकार उत्साहित है। अभी इस योजना के अंतर्गत कक्षा छठी से बारहवीं के बीच 18 हजार रुपये छात्रवृत्ति मिलती है। बालिका 12वीं के बाद किसी व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेती है तो 25 हजार रुपये छात्रवृत्ति और दी जाती है। 21 वर्ष की आयु होने पर एक लाख रुपये मिलते हैं, जिससे उसके विवाह के खर्च में स्वजन को सहायता मिल सके। मप्र की लाड़ली लक्ष्मी योजना की सफलता के वाद, अन्य राज्यों ने भी इस तरह की योजनाएं शुरू की है। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, गोवा, और झारखंड शामिल है।
छात्रवृत्ति और राशि की वृद्धि
वर्तमान में, कक्षा छठी से बारहवीं तक छात्रवृत्ति के रूप में 18 हजार रूपए मिलते हैं। यदि बालिका 12वीं के बाद किसी व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेती है, तो 25 हजार रुपए की अतिरिक्त छात्रवृत्ति दी जाती है। 21 साल की उम्र पूटी होने पर एक लाख रूपए मिलते हैं, जो विवाह के खर्च में मददगार होते हैं। इस योजना के तहत सरकार पहले छह वर्षों में, हर बालिका 5 हजार रूपए जमा करती है, जो बाद में छात्रवृत्ति और एक लाख रूपए के रूप में प्राप्त होते हैं। अब योजना के तहत दो लाख रूपए देने के लिए छह साल तक जमा की जाने वाली राशि लगभग सात हजार प्रति बालिका होगी। वर्तमान में, 48.58.104 लाभार्थियों में से 11.53,586 की छात्रवृत्ति दी जा रही है। जिसमें 511 करोड़ रुपये की दाशि शामिल है। लाभार्थियों के माता-पिता आयकरदाता नहीं होने चाहिए और उन्हें मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया का कहना है कि संकल्प पत्र में लाड़ली लक्ष्मी योजना में राशि दो लाख रुपये करने की बात है। इसे जितना जल्दी होगा पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
यह है प्रावधान…
अभी सरकार प्रत्येक बालिका के नाम से पांच-पांच हजार रुपये छह वर्ष तक जमा कर रही है। इसी राशि से छात्रवृत्ति और बाद में एक लाख रुपये दिए जाते हैं। अब दो लाख रुपये देने के लिए छह वर्ष तक जमा की जाने वाली राशि लगभग सात हजार प्रति बालिका आएगी। प्रदेश सरकार की इस योजना से सभी लाभार्थियों को फायदा मिलेगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरुआत 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी, जिसमें एक जनवरी 2006 के बाद जन्मी बेटियों को शामिल किया गया था। वर्तमान में, इस योजना के तहत 48 लाख से अधिक वेटियां लाभान्वित हो रही है। इस योजना में शिशु लिंगानुपात और बालिकाओं की शिक्षा में सुधार किया है, जिससे सरकार उत्साहित है।
शिशु लिगानुपात में सुधार
 लाड़ली लक्ष्मी योजना के आने के बाद शिशु लिगानुपात में सुधार हुआ है। 2001 की जनगणना में यह अनुपात 932 था, जो 2011 में घटकर 912 पर आ गया था। इस कमी को देखते हुए संदेह उत्पन्न हुआ कि प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या तो नहीं हो रही है। 2007 से शुरु हुई लाड़ली लक्ष्मी योजना का सकारात्मक प्रभाव तीन-चार साल बाद दिखने लगा और 2013-15 के बीच यह अनुपात 919 हो गया। शिशु लिंगानुपात वर्ष 2001 की जनगणना में प्रदेश का शिशु लिंगानुपात 0 से 6 वष के बीच 932 था जो 2011 की जनगणना में घटकर 912 पर आ गया। इतनी कमी आने से यह संदेह जा रहा था कि प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या तो नहीं हो रही है। एक जनवरी 2007 से लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू हुई, जिसका सकारात्मक प्रभाव तीन-चार वर्ष बाद दिखने लगा। वर्ष 2013-15 के बीच यह अनुपात 919 हो गया। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण एनएफएचएस-4 के अनुसार 2015-16 में 927 और एनएफएचएस-5 के अनुसार 2019 से 21 में 956 हो गया। आशा जताई जा रही कि अब यह 970 तक पहुंच चुका होगा।

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