भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। डॉ मोहन यादव सरकार अब पूरी तरह से प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) वाहनों पर फोकस करने जा रही है। इसके लिए नए सिरे से ईवी पॉलिसी तैयार करवाई जा रही है। इसमें पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ईवी वाहनों को बढ़ावा देने पर पूरा जोर रहने वाला है। ऐसे वाहनों को बढ़ावा देने के लिए खुद सरकार व प्राथमिकता देगी। इसके लिए अब सरकारी वाहनों की खरीदी में भी ईवी गाडिय़ों को प्राथमिकता दी जाएगी।
सरकार का लक्ष्य अगले कुछ समय में सभी सरकारी वाहन डीजल पेट्रोल की जगह ईवी वाहन के पूरी तरह से उपयोग का है। माना जा रहा है कि नई पॉलिसी आने के बाद सरकार के वाहनों में तो ईवी गाडिय़ों की संख्या बढ़ेगी ही साथ ही निजी तौर पर भी लोगों में इसको लेकर रुचि बढ़ेगी। गौरतलब है कि मप्र सरकार ने 7 साल पहले ऊर्जा विकास निगम के जरिए सबसे पहले 5 ईवी गाडिय़ां खरीदी थीं, जिनमें से एक गाड़ी मुख्य सचिव को मिली थी। हालांकि एक बार चार्ज में कम सफर करने की वजह से इन गाडिय़ों को अधिकारियों ने हटा दिया था। लेकिन अब ईवी की लंबी दूरी तय करने वाली गाडिय़ां बाजार में आ चुकी हैं।
ऐसे में सरकार नई पॉलिसी के जरिए विशेष प्रावधान करने जा रही है। नगरीय प्रशासन विभाग ईवी वाहन निर्माता कंपनी, परिवहन विभाग, ट्रांसपोर्टर और विशेषज्ञों के साथ मिलकर नई ईवी पॉलिसी को तैयार कर रहा है। जिसमें सभी तरह के ईवी वाहनों की खरीदी से लेकर उनके संचालन (चार्जिंग) तक का रोडमैप तैयार किया जाएगा। केंद्र सरकार की ईवी पॉलिसी के आधार पर पर ही मप्र की पॉलिसी तैयार की जा रही है।
दूसरे राज्यों की पॉलिसी का भी अध्ययन
प्रदेश की नई पॉलिसी के लिए दूसरे राज्यों की ईवी पॉलिसी का भी अध्ययन किया गया है। जिन राज्यों की सबसे अच्छी पॉलिसी मानी जाती है । ऐसे राज्यों में दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश शामिल है। इसकी वजह है, इन राज्यों की ईवी पॉलिसी में बजट आवंटन, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार पैदा करने जैसे पैरामीटर की बड़ी रेंज है। अक्टूबर 2020 से पहले ईवी पॉलिसी जारी करने वाले 8 राज्यों में से कोई भी इलेक्ट्रिक गाडिय़ों की पैठ, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर या इन्वेस्टमेंट के टारगेट को पूरा करने के लिए ट्रैक पर नहीं है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और दिल्ली शामिल हैं।
चार्जिंग प्वाइंट बढ़ाने पर खासा जोर
ईवी पॉलिसी में वाहन खरीदी से पहले चार्जिंग प्वाइंट बढ़ाने पर खासा जोर है। सरकार वाहन खरीदने से पहले हर बड़े सरकारी कार्यालय, जिला मुख्यालय एवं अन्य जगहों पर चार्जिंग स्टेशन तैयार कराएगी। साथ ही चार्जिंग प्वाइंट बनाने के लिए अनुदान भी देगी। ईवी वाहनों की अलग-अलग रेंज के आधार पर परमिट, पंजीयन एवं रोड टैक्स में छूट के साथ ही वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। चार्जिंग स्टेशन के साथ-साथ बैट्री स्वैपिंग के लिए कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी। नए/नवीनीकृत भवनों में निजी चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने के लिए एकमुश्त अनुदान देने का भी प्रविधान किया जा सकता है।
प्रारुप पर हो चुकी है चर्चा
ईवी पालिसी को लेकर एक बैठक की जा चुकी है, जिसमें पॉलिसी के प्रारूप पर चर्चा की गई थी। ईवी पालिसी में कृषि क्षेत्र में काम आने वाले वाहन, उपकरण के ई-संस्करण का भी प्रावधान किया जा रहा है। जिसमें ई- ट्रैक्टर, ई-थ्रेसिंग एवं अन्य ई- उपकरण शामिल हैं।
14/02/2024
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