- लोगों की मंशा के अनुसार तैयार होगा बजट
- विनोद उपाध्याय
मप्र के आगामी बजट को लेकर राज्य सरकार तैयारियों में जुटी है। बजट को लेकर सभी सेक्टर्स के विषय विशेषज्ञों, उद्योगपतियों, इंडस्ट्री से जुड़े संगठनों और आम लोगों से भी बजट को लेकर सुझाव मांगे गए हैं। आम लोग मप्र सरकार की साइट पर भी अपने सुझाव दे सकते हैं। वहीं बजट से समाज के अलग-अलग वर्गों की क्या उम्मीद है और वे क्या चाहते हैं, यह जानने के लिए सरकार खुली चर्चा कराएगी। यह आयोजन 23 जनवरी को प्रशासन अकादमी में होगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के मुताबिक आम लोग बजट को लेकर अपने सुझाव दे सकते हैं। जो भी सुझाव बेहतर होगा उन्हें बजट में शामिल किया जाएगा।
गौरतलब है कि मार्च में प्रस्तुत होने वाले वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारियों में सरकार जुटी है। अधिकारियों के स्तर पर बैठकों का दौर चल रहा है। प्रदेश सरकार का बजट इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के युवा, नारी, गरीब और किसान कल्याण के विजन पर केंद्रित होगा। सरकार इसे लेकर स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती पर 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन का शुभारंभ कर चुकी है। गरीब कल्याण मिशन को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है तो नारी सशक्तीकरण और किसान कल्याण मिशन का खाका भी खींचा जा चुका है। इन पर फोकस करते हुए बजट की रुपरेखा भी तैयार की जा रही है। विभिन्न विभागों ने इन वर्गों से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता में रखते हुए अपने बजट प्रस्ताव दिए हैं। बजट को लेकर विभिन्न वर्गों की जो उम्मीद है, उन्हें जानने के लिए खुली चर्चा कराने का निर्णय लिया है।
23 को होगी खुली चर्चा
बजट से समाज के अलग-अलग वर्गों की क्या उम्मीद है और वे क्या चाहते हैं, यह जानने के लिए सरकार खुली चर्चा कराएगी। यह आयोजन 23 जनवरी को प्रशासन अकादमी में होगा। इसमें उप मुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठेंगे और सुझाव लेंगे। 23 जनवरी को प्रशासन अकादमी में उप मुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा विभाग के अधिकारियों के साथ युवा, महिला, किसान, उद्योग सहित अन्य वर्गों की बजट से अपेक्षा जानेंगे। इसके लिए सभी संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। इनकी मांग और सुझाव पर विभाग विचार करेगा व जो भी बजट में शामिल करने योग्य बिंदु होंगे, उन्हें प्रस्तावित किया जाएगा।
चार लाख करोड़ से अधिक का बजट
प्रदेश का वर्ष 2024-25 का बजट 3 लाख 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। 22 हजार करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट के माध्यम से भी विभागों को अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई गई है। इसे देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि वर्ष 2025-26 का बजट चार लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो चार जातियां गरीब, किसान, युवा और महिला, बताई हैं, उसको ही केंद्र में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि इन वर्गों को लेकर संचालित केंद्रीय योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ हितग्राहियों को दिलाने के लिए तीन वर्ष की कार्ययोजना बनाएं। इसके अनुसार ही बजट प्रविधान प्रस्तावित करें। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव जनवरी के अंतिम सप्ताह में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बजट की तैयारियों को लेकर बैठक करेंगे। बजट का खाका भी युवा, महिला, गरीब और किसानों के लिए चलाए जाने वाले मिशन को आगे बढ़ाने की दृष्टि से खींचा जा रहा है। सभी विभागों में इन चारों वर्गों के लिए संचालित योजनाओं के लिए आवश्यकता के अनुसार प्रविधान होंगे। बजट में इन्हें अलग से प्रदर्शित भी किया जाएगा और एक विभाग को नोडल बनाया जाएगा। यह ठीक कृषि, चाइल्ड और जेंडर बजट जैसा होगा। इसमें अलग से बताया जाता है कि किस वर्ग के लिए क्या वित्तीय प्रविधान किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव जापान दौरे से लौटने के बाद बजट प्रस्तावों पर बैठक करेंगे। इसके पहले वित्त विभाग और मुख्य सचिव अनुराग जैन के स्तर पर विचार विमर्श कर बजट का प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा। केंद्र के बजट को देखने के बाद उसके प्रविधान के अनुसार प्रस्तावों को मुख्यमंत्री के साथ बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने केंद्र से मांगे साढ़े आठ हजार करोड़
घर-घर नल से जल पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लागू किए गए जल जीवन मिशन के कई काम प्रदेश में फंड के अभाव में अटक गए हैं। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव भी इसे लेकर नाराजगी जता चुके हैं। दरअसल, केंद्र सरकार से योजना को संचालित करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं मिल पा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 समाप्त होने में करीब दो माह रह गए हैं अब तक दूसरी और तीसरी किस्त के 1,422 करोड़ रुपये नहीं मिले हैं। प्रदेश सरकार ने इस वर्ष के लिए प्रस्तावित 17 हजार करोड़ रुपये के कामों के लिए साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये के केंद्रांश के साथ 4,456 करोड़ रुपये अतिरिक्त मांगे हैं। प्रदेश में 26,408 नल-जल योजनाओं के लिए 77,952 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी की गई हैं। वर्ष 2024-25 में केंद्र सरकार से पहली किस्त के रूप में 2,622 करोड़ रुपये तो मिल गए हैं लेकिन दूसरी और तीसरी किस्त अप्राप्त है। इसके कारण ठेकेदारों का भुगतान अटका हुआ है, जिससे काम भी प्रभावित हो रहे हैं। इसकी पूर्ति के लिए सरकार अपने बजट व्यवस्था कर रही है। से राशि की विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत हुए अनुपूरक बजट के माध्यम से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को 3,515 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए गए। इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से बजट पूर्व चर्चा बैठक में राज्य की ओर से उप मुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा ने बकाया राशि दिलाने के साथ बजट में अतिरिक्त प्रविधान करने की मांग रखी। बता दें, प्रदेश में वर्ष 2023-24 में जल जीवन मिशन अंतर्गत 10,773 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। वर्ष 2024-25 में योजना के कामों के लिए 17 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता का अनुमान लगाया गया है, इसमें केंद्र सरकार को सहभागिता 8,500 करोड़ रुपये की है।