मंत्री लगाएंगे भावी…महापौरों की नैय्या पार

भावी महापौरों

– भाजपा ने मंत्रियों को सौंपी प्रत्याशियों को जिताने की जिम्मेदारी
– कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने संभाला चुनावी मोर्चा
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम।
प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव का घमासान चरम पर पहुंच गया है। भाजपा के साथ ही कांग्रेस ने भी अपना पूरा दम लगा दिया है। दोनों पार्टियों का सबसे अधिक फोकस महापौर के प्रत्याशियों की जीत पर है। भाजपा ने 16 नगर निगमों के महापौर प्रत्याशियों को जिताने की जिम्मेदारी मंत्रियों को सौंप रखी है। वहीं कांग्रेस की तरफ से दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाल रखा है। ऐसे में यह चुनाव दोनों पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है।  इस चुनाव में जीत हार का असर आगामी विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।
नगरीय निकाय चुनाव को सत्ता का सेमी फाइनल माना जा रहा है। इसलिए प्रदेश में 16 नगर निगमों में सत्तारूढ़ भाजपा जहां अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है, वहीं कांग्रेस एंटी इनकम्बेंसी के सहारे इस बार भाजपा को पटकनी देने की तैयारी मे है। प्रदेश के अधिकांश मंत्री इन बड़े शहरों से ही आते हैं, इसकी वजह से निकाय चुनाव भी  उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा से जुड़ गए हैं। सर्वाधिक तीन मंत्रियों वाले जिले सागर में सबकुछ मंत्रियों के आपसी सामंजस्य पर निर्भर है। ग्वालियर और मुरैना में केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और श्रीमंत के साथ ही उनके समर्थक प्रदेश के मंत्रियों के प्रभाव का परीक्षण वाला बन गया है। इंदौर शहर से कोई मंत्री नहीं होने की वजह से जिले के दो अन्य मंत्रियों की भूमिका पर पूरी निर्भरता है। उधर, कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ ही पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, अजय सिंह, तरुण भनोत, जीतू पटवारी, विजयलक्ष्मी साधो, कमलेश्वर पटेल, हर्ष यादव पर जीत की जिम्मेदारी है।
सागर में 3 दिग्गज मंत्रियों ने संभाली जिम्मेदारी
भाजपा ने सागर में महापौर प्रत्याशी को जिताने के लिए तीन मंत्रियों का जिम्मेदारी सौंपी है। यहां भाजपा ने संगीता तिवारी तो कांग्रेस ने निधि जैन को महापौर प्रत्याशी बनाया है। जिले से तीन मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और गोविंद राजपूत क्षेत्र में काफी असर रखते हैं। इनकी ट्यूनिंग पर सबकुछ निर्भर है। अरविंद भदौरिया प्रभारी मंत्री हैं।  कांग्रेस प्रत्याशी के पति सुनील जैन पूर्व विधायक रह चुके हैं।
जबलपुर में दमदार कंधा नहीं
जबलपुर में भाजपा ने जितेंद्र जामदार तो कांग्रेस ने जगत बहादुर का टिकट दिया है। यहां भाजपा प्रत्याशी स्थानीय नेताओं के भरोसे हैं। उनके साथ कोई दमदार कंधा नहीं है। प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव हैं। पूरे जिले से एक भी विधायक मंत्री नहीं हैं। भाजपा को पूर्व मंत्री अजय विश्नोई की नाराजगी नुकसान पहुंचा सकती है। कांग्रेस प्रत्याशी के लिए पूर्व मंत्री तरुण भनोत, लखन घनघोरिया, विधायक विनय सक्सेना ताकत लगा रहे हैं।
उज्जैन में मंत्री, सांसद और विधायक की तिकड़ी
महाकाल की नगरी में भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए मंत्री, सांसद और विधायक की तिकड़ी ने मोर्चा संभाल रखा है। यहां भाजपा के मुकेश टेंटवाल और कांग्रेस के महेश परमार के बीच मुकाबला है। जिले से एकमात्र मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक पारस जैन मेहनत कर रहे हैं।  जगदीश देवड़ा प्रभारी मंत्री हैं।  महेश परमार के लिए विधायकों के साथ पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा मैदान में हैं।
मुरैना में सांसद और मंत्री मोर्चा पर
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना में भाजपा प्रत्याशी मीना जाटव और कांग्रेस प्रत्याशी शारदा सोलंकी के बीच मुकाबला है। नरेंद्र सिंह तोमर स्थानीय सांसद और भारत सिंह कुशवाह प्रभारी मंत्री होने के नाते मीना के लिए जोर लगा रहे हैं। रुस्तम सिंह ने पत्ते नहीं खोले हैं। कांग्रेस विधायक राकेश मावई, अजबसिंह कुशवाह, बैजनाथ कुशवाह और रविंद्र तोमर शहर में खासा दखल रखते हैं।
भोपाल में दिग्गजों को दिख रहा दम
राजधानी में भाजपा प्रत्याशी मालती राय और कांग्रेस प्रत्याशी विभा पटेल के बीच मुकाबला है। यहां दोनों पार्टियों की ओर से दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाल रखा है। भाजपा की तरफ से भूपेंद्र सिंह प्रभारी मंत्री और विश्वास सारंग स्थानीय मंत्री के तौर पर तैनात हैं। वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा सभाएं और रोड शो कर चुके हैं। पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, विधायक रामेश्वर शर्मा और कृष्णा गौर सहित आलोक शर्मा, सांसद प्रज्ञा भी मोर्चे पर हैं। कांग्रेस की ओर से जिम्मा दिग्विजय सिंह ने संभाल रखा है। विधायक पीसी शर्मा, आरिफ अकील और आरिफ मसूद कांग्रेस की ताकत हैं। यहां कांटे का मुकाबला बना हुआ है।
ग्वालियर में केंद्रीय और प्रदेश के मंत्रियों की साख दांव पर
ग्वालियर में महापौर के लिए मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सिकरवार के बीच है। यहां केंद्र के साथ ही राज्य के मंत्रियों का साख दांव पर है। दो मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और भारत सिंह कुशवाह स्थानीय हैं। तुलसी सिलावट प्रभारी मंत्री हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, जयभान सिंह पवैया, ध्यानेंद्र सिंह, माया सिंह पर भी जिम्मेदारी है। कांग्रेस के लिए नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री बालेंदु शुक्ल, भगवान सिंह यादव आदि सक्रिय हैं।
इंदौर में स्थानीय नेताओं को जिम्मेदारी
इंदौर में भाजपा प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव और कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला के बीच जोरदार मुकाबला है। यहां भाजपा ने स्थानीय नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा के लिए सांसद शंकर ललवानी, पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला ताकत लगा रहे हैं। शहर से एक भी विधायक मंत्री नहीं है, अलबत्ता महू से विधायक मंत्री ऊषा ठाकुर तथा सांवेर से विधायक मंत्री तुलसी सिलावट अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी शुक्ला का अपना बड़ा नेटवर्क है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विजयलक्ष्मी साधो उनके साथ हैं।

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