मप्र वित्त सेवा के वरिष्ठतम अधिकारी चौहान से मंत्री और अफसर लेते हैं परामर्श

उत्कृष्ट गोपनीय चरित्रावली तथा बेदाग कैरियर

गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम। रणजीत सिंह चौहान मप्र वित्त सेवा के वरिष्ठतम अधिकारी है तथा वित्त सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष है। राज्य शासन के एक जिम्मेदार अधिकारी है। चौहान से मंत्रीगण तथा उनके कार्यालय के अधिकारी अपने विभाग के प्रशासनिक एवं वित्तीय प्रकरणों आदि के संबंध में परामर्श लेते हैं। पिछले दिनों ‘बिच्छू डॉट कॉम’ में चौहान को लेकर प्रकाशित खबर तथ्यहीन और भ्रामक है। इसके लिए ‘बिच्छू डॉट कॉम’ खेद व्यक्त करते हुए रणजीत सिंह चौहान के पक्ष को अपने सुधि पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहा है। अपनी खबरों में अखबार ने शब्दों की मर्यादा रखते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए नहीं लगाएं हैं।
 पिछले 36 वर्षों के सेवाकाल के दौरान वन विभाग मे चौहान तीन बार पृथक-पृथक पद पर पदस्थ रहने का अनुभव रखने तथा तत्कालीन वरिष्ठ वन सेवा अधिकारियों एवं अपर मुख्य सचिव द्वारा उत्कृष्ट गोपनीय चरित्रावली तथा बेदाग कैरियर के कारण वन मंत्री एवं विभाग के अन्य अधिकारियों द्वारा भी विभिन्न मुद्दों पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से परामर्श लिया जाता है। इसके अलावा रणजीत सिंह चौहान कोष एवं लेखा अधिकारी एवं कर्मचारी सहकारी साख संस्था के भी अध्यक्ष हैं। ‘बिच्छू डॉट कॉम’ ने ‘वित्तीय सेवा के अधिकारी को ओएसडी बनाने के प्रस्ताव पर आईएफएस में हडक़ंप’ के हेडलाईन से समाचार प्रकाशित किया था। इस खबर लिखने के पीछे ‘बिच्छू डॉट कॉम’ कोई निहितार्थ नहीं था। न ही उनकी छवि को धूमिल करना था। इसके बाद भी  ‘बिच्छू डॉट कॉम’ अपनी ओर से खेद व्यक्त करता है। बिच्छू डॉट कॉम ने चौहान को लेकर ‘शेडो वन मंत्री की कार्यशैली से विधायकों एवं कार्यकर्ताओं मे नाराजगी’ की हेडलाईन से डिजिटल एडिशन में प्रकाशित की थी। इस समाचार को भी खारिज करते हुए चौहान के अधिवक्ता का कहना है कि गलत तथ्यों से प्रकाशित कर मेरे पक्षकार को शैडो वनमंत्री का दर्जा दे दिया है, अर्थात आप मेरे पक्षकार को वन मंत्री जी के रूप मे कार्य करना बताना चाह रहे है। एक बार फिर ‘बिच्छू डॉट कॉम’ खेद व्यक्त करते हुए अपनी बात फिर दोहराता है कि खबर को लेकर चौहान के प्रति न कोई दुर्भावना थी और न ही उनकी छवि को धूमिल करने का उद्देश्य था।  
चौहान की एसीआर उत्कृष्ट श्रेणी
उनके  अभिभाषक द्वारा दी गई  जानकारी में कहा गया है कि चौहान 690 संवर्ग संख्या वाली प्रतिष्ठित मध्यप्रदेश वित्त सेवा के वरिष्ठतम अधिकारी है तथा मध्यप्रदेश वित्त सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष है, इसके साथ-साथ मेरा पक्षकार कोष एवं लेखा अधिकारी एवं कर्मचारी सहकारी साख संस्था के भी अध्यक्ष हैं। मेरे पक्षकार राज्य शासन के एक जिम्मेदार अधिकारी है। वह सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राज्य के समस्त कार्यालयों के लिए उपयोगार्थ प्रकाशित होने वाली वार्षिक पुस्तक वित्त व्यवस्था के प्रधान संपादक भी हैं, इस पुस्तक की प्रशंसा महामहिम राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय वित्त मंत्री जी तथा कई विभागाध्यक्षों ने की है, यही कारण है कि कई वरिष्ठ अधिकारी, मंत्रीगण तथा उनके कार्यालय के अधिकारी अपने विभाग के प्रशासनिक एवं वित्तीय प्रकरणों आदि के संबंध में मेरे पक्षकार से परामर्श लेते हैं। पिछले 36 वर्षों के सेवाकाल के दौरान वन विभाग मे मेरा पक्षकार तीन बार पृथक-पृथक पद पर पदस्थ रहने का अनुभव रखने तथा तत्कालीन वरिष्ठ वन सेवा अधिकारियों एवं अपर मुख्य सचिव द्वारा उत्कृष्ट गोपनीय चरित्रावली तथा बेदाग कैरियर के कारण वन मंत्री एवं विभाग के अन्य अधिकारियों द्वारा भी विभिन्न मुद्दों पर मेरे पक्षकार से प्रत्यक्ष / परोक्ष रूप से परामर्श लिया जाता है।
सप्लायर सिंडिकेट से भी नहीं है कनेक्शन
चौहान को लेकर वन विभाग में वर्षों से सक्रिय  सप्लायर के एक नेक्सस के सिंडिकेट से जुडऩे की बात भी सही नहीं है। यानी किसी अपने को लाभ पहुंचाने के लिए एक दर्जन डीएफओ पर  चेनलिंक व वायरबैंड खरीदी हेतु एक न ही  शर्त जुड़वाई न ही दबाव बनाया।

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