मंत्री नए…स्टाफ भी होगा नया

  • सत्ता-संगठन ने तैयार किया फॉर्मूला…
  • खराब व्यवहार व शिकायतों  के चलते लिया फैसला
  • विनोद उपाध्याय
सत्ता-संगठन

मप्र में नई सरकार के गठन और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्रियों के निजी स्टाफ में शामिल होने के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों ने परिक्रमा शुरू कर दी है। इसमें मंत्रियों के यहां अरसे से जमे रहने वाले विशेष सहायक, ओएसडी, निज सचिव और सहायक शामिल हैं। इसकी भनक लगते ही सत्ता और संगठन ने मंत्रियों के स्टाफ की तैनाती को लेकर फॉर्मूला बना लिया है। इसके तहत नए मंत्रियों के यहां स्टाफ तैनात किया जाएगा। इस स्टाफ में भाजपा की विचारधारा और संघ के पृष्ठभूमि के नेताओं को महत्व दिया जाएगा।  गौरतलब है कि मंत्रियों के अधीन निजी स्थापना में काम करने के लिए विशेष सहायक, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी), निज सचिव और निज सहायक (ग्रेड दो और तीन) के पदों पर नियुक्तियां होती हैं। विशेष सहायक प्रथम श्रेणी अफसर होते हैं। इसके नीचे के पदों पर ग्रेड दो और तीन के कर्मचारियों को पदस्थ किया जाता है। बताया जाता है कि पिछली सरकार में मंत्रियों के बंगलों पर तैनात रहे अफसर-बाबू नई सरकार के मंत्रियों के यहां दोबारा तैनाती के लिए बायोडाटा लिए बंगले-बंगले घूम रहे हैं। कुछ अफसर पुराने संबंधों की दुहाई देकर तैनाती की मांग कर रहे हैं।
भ्रष्टों से दूर रहने की सलाह
 जानकारों की मानें तो चुनाव से पहले कई मंत्रियों के स्टाफ को लेकर दिल्ली तक शिकायत पहुंची है। इसके बाद सीएम बनने के बाद डॉ. यादव जब दिल्ली प्रवास पर थे, तो उन्हें वरिष्ठ नेतृत्व ने मंत्रियों के स्टाफ में भ्रष्ट पृष्ठभूमि वाले अधिकारी कर्मचारियों से दूर रहने की सलाह दी गई थी। भोपाल आने के बाद सीएम ने सामान्य प्रशासन विभाग को मंत्रियों के स्टाफ में नियुक्ति करते वक्त सजग रहने को कहा था। जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री कार्यालय में संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों की नियुक्ति की जाएगी। इसी क्रम में संघ की ओर से लोकेश शर्मा को सीएम कार्यालय में नियुक्त की जाने की खबर है। इनके अलावा दो से तीन अधिकारियों की भी जल्द नियुक्ति की जाएगी। गौरतलब है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के समय भी उनके कार्यालय में संघ से जुड़े लोगों की नियुक्ति की गई थी।
मंत्रियों के निजी स्टाफ को भेजा गया मूल विभाग
गौरतलब है कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में रहे कैबिनेट और राज्य मंत्रियों के सरकारी स्टाफ को मूल विभाग भेज दिया गया है। शिवराज सरकार में मंत्री रहे कुल 23 कैबिनेट और राज्य मंत्रियों के निजी स्टाफ की सेवाएं स्टाफ कर उन्हें मूल विभाग में लौटने का आदेश जारी किया गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी पहले ही कर दिया था। पूर्व मंत्रियों ने अपनी निजी पदस्थापना में अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों को पदस्थ किया था, जिन्हें फिर से उनके मूल विभाग में भेज दिया गया है। नियम अनुसार नई विधानसभा के गठन पर पुराने मंत्री अपने निजी स्टाफ की सेवाएं उनके मूल विभागों को वापस कर देते हैं। इस नियम के तहत पूर्व मंत्रियों ने निजी स्टाफ की सेवाएं मूल विभाग को वापस लौटा दी हैं। वहीं राजधानी में कई ऐसे अधिकारी कर्मचारी है, जो सरकार किसी भी रहे और मंत्री कोई भी रहे, वे उनके स्टाफ में अपनी नियुक्ति करा ही लेते हैं। वर्ष 2018 में जब कुछ महीनों के लिए कांग्रेस की सरकार थी, तब भी कई ऐसे अधिकारी कर्मचारी मंत्रियों के स्टाफ में पदस्थ हुए थे, जो भाजपा सरकार के मंत्रियों के यहां वर्षों तैनात रहे हैं। डॉ. मोहन यादव के नए सीएम बनने के बाद भी ऐसे अधिकारी कर्मचारी मंत्रियों के बंगलों के चक्कर काटने लगे हैं, तो वे सामान्य प्रशासन विभाग में भी आवेदन लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन सीएम के नए निर्देश के बाद ऐसे अधिकारी कर्मचारी परेशान हो रहे हैं।
 हर मंत्री के साथ रहेंगे एक संगठन पदाधिकारी
बताया जा रहा है कि जल्द ही मंत्रियों के विभागों का भी बंटवारा हो जाएगा। इसके बाद हर मंत्री के साथ संगठन भी एक पदाधिकारी की नियुक्ति करने जा रहा है। इसकी सूची भी संघ के साथ मिलकर तैयार की जा रही है। इसमें अखिल विद्यार्थी परिषद के अलावा कई अनुषांगिक संगठन के भी वरिष्ठ पदाधिकारियों को मौका मिलेगा। सूत्र बताते हैं कि मंत्रियों के साथ रहने वाले पदाधिकारियों की नियुक्ति जनवरी में हो जाएगी। जिन मंत्रियों के पास विभाग अधिक होंगे वहां दो लोगों की भी नियुक्ति की जा सकती है। बता दें कि 25 दिसंबर को 28 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इस तरह से मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री मिलाकर 31 मंत्रियों का मंत्रिमंडल तैयार है। सूत्रों की मानें तो आलाकमान ने मंत्रियों के विभाग तय भी कर लिए है, बस घोषणा होना बाकी है।
युवा और प्रशासनिक अनुभवी को महत्व
सूत्रों का कहना है कि सत्ता और संगठन ने इस बार मंत्रियों के स्टाफ में अधिकारियों- कर्मचारियों की पदस्थापना को लेकर विशेष सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है। यानी मप्र सरकार के नए मंत्रियों के कार्यालय में अब दागी अधिकारियों को इंट्री नहीं मिलेगी, बल्कि उनके स्थान पर नए और युवा अधिकारी-कर्मचारियों को पदस्थ किया जाएगा। इनके अलावा संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं को भी मंत्रियों के स्टाफ में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। मप्र सरकार के मंत्रियों के निजी स्टाप में अब संघ की सलाह पर ओएसडी, निजी सचिव, निज सहायक सहित दूसरे पदों पर ऐसे अधिकारी कर्मचारियों की तैनातगी की जाएगी, जो युवा, प्रशासनिक अनुभवी होंगे, यानि की  किसी भी तरह से दागी अधिकारी कर्मचारियों को मंत्रियों की निजी स्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा। इनके अलावा गैर अधिकारी कर्मचारी स्टाप में संघ की विचारधारा से जुड़े कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता मिलेगी।

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