बगैर केन्द्र की अनुमति लिए ही बढ़ा दी थी मीणा की निलंबन अवधि

निलंबन अवधि

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। अश्लील हरकतें और महिला के लैंगिक उत्पीड़न के मामले में निलंबित चल रहे प्रदेश के वरिष्ठ आईएफएस अफसर मोहन मीणा की निलंबन अवधि बढ़ाए जाने पर केन्द्र सरकार ने आपत्ती जताई है। इसके बाद से ही उनको बहाल करने की कवायद शुरू कर दी गई है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मीणा की निलंबन अवधि बढ़ाने की प्रक्रिया पर सवाल खड़ते हुए केंद्रीय कार्मिक विभाग ने कहा है कि निलंबन अवधि बढ़ाने से पहले केंद्र से अनुमति ली जानी चाहिए थी। पत्र में यह भी कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के नियमों के मुताबिक राज्य शासन निलंबित कर सकती है, लेकिन निलंबन की सूचना समय अवधि पर केंद्र को देना होता है, जिसका भी पालन नहीं किया गया है। गौरतलब है कि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं तत्कालीन पदेन वन संरक्षक बैतूल मोहन मीणा को पुत्र के बैंक अकाउंट में 30,000 डिपॉजिट कराने के मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। इसके अलावा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक बिंदु शर्मा की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने मोहन मीणा को अश्लील हरकतें, अनुचित आचरण और कार्यस्थल पर महिलाओं लैंगिक उत्पीड़न  के लिए भी प्रथम दृष्टया दोषी ठहराया है। इसके कारण राज्य शासन ने 19 अगस्त को निलंबन कर दिया था। इसके बाद से ही वे लगातार अपनी बहाली के लिए प्रयास कर रहे हैं। अखिल भारतीय सेवा नियम के अनुसार निलंबित अधिकारी को 30 दिन के भीतर चार्जशीट जारी किया जाना जरूरी है।

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